स्तनपान यानी ब्रेस्टफीडिंग को शिशु के स्वास्थ्य के लिए सर्वोत्तम माना जाता है। इसीलिए, शिशु को जन्म के पहले छह महीनों तक केवल माँ का दूध पिलाने की सलाही दी जाती है। हर साल अगस्त का पहला सप्ताह (1 से 7 अगस्त) पूरी दुनिया में ‘विश्व स्तनपान सप्ताह’ यानी ‘वर्ल्ड ब्रेस्टफीडिंग वीक’ (World Breastfeeding Week) के रूप में मनाया जाता है। इस वीक को कई अंतरराष्ट्रीय और स्थानीय संगठनों ने भी अपना समर्थन दिया है। जानिए, क्यों मनाया जाता है यह सप्ताह और पाएं इसके बारे में अन्य जानकारी।
वर्ल्ड ब्रेस्ट फीडिंग वीक (World Breastfeeding Week) क्यों मनाया जाता है?
लोगों को स्तनपान के महत्व के बारे में जागरूक करने के लिए विश्व स्तनपान सप्ताह यानी वर्ल्ड ब्रेस्टफीडिंग वीक मनाया जाता है। इस सप्ताह को सेलिब्रेट करने का उद्देश्य शिशु और मां दोनों के स्वास्थ्य के साथ जुड़ा हुआ है। शिशु के संपूर्ण स्वास्थ्य के लिए मां के दूध के फायदों के बारे में लोगों को बताने के साथ ही इस सप्ताह माँ के स्वास्थ्य, बेहतर न्यूट्रिशन, गरीबी में कमी और खाद्य सुरक्षा आदि के बारे में भी उन्हें जागरूक किया जाता है।
वर्ल्ड ब्रेस्टफीडिंग वीक का इतिहास
पहला वर्ल्ड ब्रेस्टफीडिंग वीक, वर्ल्ड अलायन्स फॉर ब्रेस्टफीडिंग एक्शन (डब्ल्यूएबीए) द्वारा साल 1992 में मनाया गया था। आज भारत समेत लगभग 120 देशों द्वारा इस सप्ताह को सेलिब्रेट किया जाता है। माताओं के सामने आने वाली कठिनाइयों का समाधान करने और स्तनपान के लाभों के बारे में ज्ञान बढ़ाने के लिए इस पूरे सप्ताह कई कार्यक्रम, सेमिनार और वर्कशॉप्स आयोजित की जाती हैं।
वर्ल्ड ब्रेस्टफीडिंग वीक 2024 की थीम
हर साल इस सप्ताह को अलग-अलग थीम के अंतर्गत मनाया जाता है और इस साल इसकी थीम है “अंतर को कम करना: सब के लिए ब्रेस्टफीडिंग सपोर्ट”। यह सप्ताह स्तनपान कराने वाली माताओं को प्रोत्साहित करने के लिए मनाया जाएगा और यह भी बताया जाएगा कि किस तरह से परिवार, समाज, समुदाय और स्वास्थ्य कार्यकर्ता हर स्तनपान कराने वाली मां का समर्थन कर सकते हैं।
वर्ल्ड ब्रेस्टफीडिंग वीक (World Breastfeeding Week) का महत्व
यह सप्ताह लोगों को इस बारे माँ और शिशु दोनों के लिए के महत्व को लेकर जागरूक करने के लिए सेलिब्रेट किया जाता है। वर्ल्ड ब्रेस्टफीडिंग वीक यह भी सुनिश्चित करता है कि सरकारें माँ एवं शिशु के स्वास्थ्य पर कार्य करके संयुक्त राष्ट्र के विकास लक्ष्यों को पूरा करने का प्रयास करें। डब्ल्यूएचओ (WHO) के अनुसार ब्रेस्टफीडिंग से हर साल 5 वर्ष से कम उम्र के 820,000 से अधिक बच्चों की जान बच सकती है। डब्ल्यूएचओ (WHO) और यूनिसेफ (UNICEF) जन्म के एक घंटे के अंदर और कम से कम छह महीने का होने तक शिशु को स्तनपान कराने की सलाह देते हैं।