World Lung Cancer Day 2024: फेफड़े के कैंसर के कारणों से जुड़े Generic Myths

World Lung Cancer Day

फेफड़े का कैंसर: एक नज़र

फेफड़े का कैंसर तब होता है जब फेफड़े की सेल्स अनियंत्रित रूप से बढ़ने लगती हैं, जिससे हेल्थ प्रॉब्लम्स होती हैं। ये दुनिया के सबसे कॉमन और डेडली कैंसर में से एक है, जो करीब 2 मिलियन लोगों को प्रभावित करता है। इसके बावजूद, इस बीमारी के बारे में कई मिथक फैले हुए हैं। World Lung Cancer Day पर इन मिथकों (Myths) को दूर करें और सही जानकारी पर ध्यान दें।

  • मिथक 1: सिर्फ स्मोकर्स को ही फेफड़े का कैंसर होता है

स्मोकिंग Lung Cancer का मेन कारण है, लेकिन इकलौता नहीं। WHO के अनुसार, 85% फेफड़े का कैंसर स्मोकिंग की वजह से होता है। जेनेटिक्स, रैडॉन और एनवायरनमेंटल पॉल्यूटेंट्स भी नॉन-स्मोकर्स में फेफड़े का कैंसर कर सकते हैं। नॉन-स्मोकर्स के 10-20% केस होते हैं।

  • मिथक 2: फेफड़े का कैंसर सिर्फ सीनियर लोगों को होता है

वैसे तो 65 से ऊपर के लोगों में फेफड़े का कैंसर होने के चांस ज्यादा होते हैं, लेकिन यंग लोगों में भी ये डाइग्नोस हो सकता है। फैमिली हिस्ट्री और कार्सिनोजेन के एक्सपोजर से कम उम्र में भी रिस्क बढ़ सकता है।

  • मिथक 3: स्मोकिंग छोड़ने से रिस्क कम नहीं होता

ये गलतफहमी है, स्मोकिंग छोड़ने से किसी भी उम्र में कैंसर का रिस्क काफी कम हो जाता है। छोड़ने के बाद बॉडी जल्दी रिकवर करती है और हेल्दी लाइफस्टाइल से रिस्क कम होता है।

  • मिथक 4: डाइग्नोसिस के बाद स्मोकिंग छोड़ने का कोई फायदा नहीं

डाइग्नोसिस के बाद स्मोकिंग छोड़ने से फेफड़ों की हेल्थ में सुधार हो सकता है और बीमारी की प्रगति धीमी हो सकती है। इससे हेल्थ और ट्रीटमेंट आउटकम्स बेहतर होते हैं।

  • मिथक 5: टैल्कम पाउडर से फेफड़े का कैंसर होता है

टैल्कम पाउडर और फेफड़े के कैंसर के बीच कोई स्ट्रॉन्ग लिंक नहीं है। स्मोकिंग और एस्बेस्टस एक्सपोजर मेजर रिस्क फैक्टर्स हैं।

  • मिथक 6: एंटीऑक्सीडेंट्स फेफड़े के कैंसर से बचाते हैं

कोई डेटा नहीं है जो यह कहे कि एंटीऑक्सीडेंट सप्लिमेंट्स फेफड़े के कैंसर को रोकने या इलाज में मदद करते हैं। फ्रूट्स और वेजिटेबल्स से भरपूर बैलेंस्ड डाइट फेफड़ों के लिए बेहतर है।

  • मिथक 7: फेफड़े के कैंसर का मतलब है डेथ

सभी फेफड़े के कैंसर डेडली नहीं होते। जल्दी पहचान और ट्रीटमेंट से सर्वाइवल रेट बढ़ सकता है। स्टेज 1 फेफड़े के कैंसर की सर्वाइवल रेट 65% है, जबकि स्टेज 4 की संभावना कम है, लेकिन एडवांस ट्रीटमेंट्स से सुधार हो रहा है।

मिथक 8: ई-सिगरेट्स सेफ हैं

ई-सिगरेट्स में भी टॉक्सिक सब्सटेंस होते हैं, जो लंग प्रॉब्लम्स कर सकते हैं। स्मोकिंग की तुलना में ये पूरी तरह सेफ नहीं हैं।

  • मिथक 9: फैमिली हिस्ट्री से गारंटी है फेफड़े का कैंसर

फैमिली हिस्ट्री से रिस्क बढ़ता है, लेकिन इसका मतलब ये नहीं कि आपको कैंसर होगा ही। स्मोकिंग और कार्सिनोजेन एक्सपोजर भी कंट्रीब्यूट करते हैं।

फेफड़े के कैंसर की प्रिवेंशन और ट्रीटमेंट को समझें। World Lung Cancer Day पर फेफड़े के कैंसर पेशेंट्स को सपोर्ट करें और सही जानकारी फैलाएं।

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