World Student Day 2024: जानिये क्यों मनाया जाता है ‘विश्व छात्र दिवस’? भारत के मिसाइल मैन से है गहरा नाता    

World Student Day 2024

आज यानि 15 अक्टूबर का दिन, कई मायनों में बेहद खास है। कई मायनों में ख़ास इसलिए भी क्योंकि, आज अवुल पकिर जैनुलाब्दीन अब्दुल कलाम, दुनिया जिन्हें डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम के नाम से जानती है, का जन्म दिन है और आज के ही दिन समूची दुनिया विश्व छात्र दिवस मना रही है। दरअसल, भारत के पूर्व राष्ट्रपति और वैज्ञानिक डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम की जयंती के उपलक्ष्य में प्रत्येक वर्ष 15 अक्टूबर के दिन भारत सहित पूरी दुनिया में विश्व छात्र दिवस मनाया जाता है। 15 अक्टूबर 1931 को तमिलनाडु स्थित रामेश्वरम के धनुषकोडी गाँव में एक मध्यमवर्गीय मुस्लिम परिवार में जन्में डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम को भारत में मिसाइल मैन कहा जाता है। उनका समूचा जीवन छात्रों और युवाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत रहा है।

इसलिए मनाया जाता है ‘विश्व छात्र दिवस’

साइंस और टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम का कोई सानी नहीं है। कहने की जरूरत नहीं इस क्षेत्र में उन्होंने अहम योगदान दिया है। कारण यही जो दुनियाभर के छात्रों की तरक्की के लिए किए उनके कार्यों मद्देनजर साल 2010 में पहली बार संयुक्त राष्ट्र में उनका 79वां जन्म दिवस ‘वर्ल्ड स्टूडेंट डे’ के रूप में मनाया था। तब से डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम का जन्मदिवस विश्व छात्र दिवस के रूप में मनाया जा रहा है। दरअसल, इस दिन को मनाने का उद्देश्य छात्रों के बीच शिक्षा, रचनात्मकता, और इनोवेशन को बढ़ावा देना है।

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छात्र ही देश का भविष्य होते हैं

डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम

डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम के विचार आज भी युवा पीढ़ी को आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करते हैं। उनकी सीख थी कि जीवन में चाहें जैसे भी परिस्थिति क्यों न हो, पर जब आप अपने सपने को पूरा करने की ठान लेते हैं तो उन्हें पूरा करके ही रहते हैं। डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम का मानना था कि, एकमात्र शिक्षा ही एक ऐसा हथियार है, जो किसी भी देश को गरीबी और अंधकार से बाहर निकाल सकती है। उनका कहना था कि “सपने वो नहीं, जो सोते समय आते हैं, बल्कि सपने वो होते हैं जो आपको सोने नहीं देते।” डॉ. कलाम का मानना था कि छात्र ही किसी भी देश का भविष्य होते हैं। उन्हें अच्छी शिक्षा और सही दिशा दिखाने की जिम्मेदारी समाज की ही होती है। 

शिक्षा सिर्फ डिग्री प्राप्त का करने का माध्यम नहीं है

डॉ. कलाम का मानना था कि शिक्षा सिर्फ डिग्री प्राप्त करने का माध्यम ही नहीं होती, बल्कि यह चरित्र निर्माण और जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने का साधन भी होती है। उन्होंने सदैव छात्रों को सपने देखने, लक्ष्य निर्धारित करने और कड़ी मेहनत करने के लिए प्रेरित किया। समूचे जयराष्ट्र टीम भारत के महान वैज्ञानिक डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम पर गर्व करती है। सही मायनों में हम बड़े खुशनसीब हैं कि डॉ. कलाम जैसी शख्सियत का जन्म भारत की पावन धरातल पर हुआ। देश ऐसे सपूत को शत-शत नमन करता है।    

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