हार्ट हमारे शरीर के सबसे महत्वपूर्ण अंगों में से एक है। अगर हार्ट सही से काम नहीं करेगा, तो हमारा जीवित रहना संभव नहीं है। बदलते समय के साथ हार्ट हेल्थ बनाए रखना और भी महत्वपूर्ण हो गया है। क्योंकि, पिछले कुछ समय से हार्ट संबंधी रोग और हार्ट अटैक की समस्या भी बढ़ती जा रही है। अगर बात करें आयुर्वेद की तो आयुर्वेद दुनिया की सबसे पुरानी संपूर्ण शरीर हीलिंग सिस्टम्स में से एक है। इसका विकास भारत में 5,000 वर्ष से भी पहले हुआ था। अपने हार्ट को हेल्दी रखने के लिए आयुर्वेद क्या सलाह देता है, इस बारे में जानकारी होना बेहद जरूरी है। आइए जानें हार्ट हेल्थ के लिए आयुर्वेद टिप्स (Ayurveda tips for heart health) के बारे में।
हार्ट हेल्थ के लिए आयुर्वेद टिप्स (Ayurveda tips for heart health)
मायोक्लिनिक (Mayoclinic) के अनुसार हार्ट संबंधी रोग डेथ का सबसे बड़ा कारण है। हम कुछ रिस्क फैक्टर्स को नहीं बदल सकते हैं जैसे फैमिली हिस्ट्री, उम्र आदि। लेकिन, हम हार्ट डिजीज के जोखिम को कम करने के लिए कई अन्य कदम उठा सकते हैं। हार्ट हेल्थ के लिए आयुर्वेद टिप्स काम आ सकते हैं। आइए जानें इनके बारे में।
हार्ट हेल्दी फूड्स
अपने हार्ट और सम्पूर्ण हेल्थ को सुधारने के लिए हेल्दी फूड का सेवन करना बेहद जरूरी है। इसलिए, आयुर्वेद में अपने आहार में पर्याप्त सब्जियों और फलों को शामिल करने की सलाह दी गयी है। आयुर्वेद में हरी पत्तेदार सब्जियां, आंबला, साबुत अनाज, जैतून का तेल, लहसुन, अश्वगंधा, मेवे, नींबू आदि का सेवन करना लाभदायक माना गया है। हार्ट हेल्थ के लिए आयुर्वेद टिप्स (Ayurveda tips for heart health) में यह टिप भी जरुरी है कि एल्कोहॉल और चीनी युक्त पेय पदार्थों का कम से कम सेवन करें।
नेचुरल सप्लीमेंट्स और दवाइयों का सेवन
हार्ट हेल्थ के लिए आयुर्वेद टिप्स में यह बेहद प्रभावी सुझाव है कि हमें ऐसे ट्रीटमेंट प्लान का पालन करना चाहिए जिसमें प्राकृतिक दवाएं और सप्लीमेंट्स शामिल हों। प्रशिक्षित आयुर्वेदिक चिकित्सकों द्वारा दी जाने वाली इन दवाओं में आमतौर पर प्राकृतिक तत्व होते हैं जो हार्ट को अच्छे से काम करने में सहायता करते हैं, कार्डियक ब्लॉकेज को दूर करते हैं और हृदय की मांसपेशियों को मजबूत करते हैं।
नियमित रूप से व्यायाम करें
एक्सरसाइज करने से शरीर को डिटॉक्सीफाई करने में मदद मिलती है। इससे सर्कुलेशन सुधरता है और हार्ट के मसल्स मजबूत होते हैं। फिटनेस के लिए आयुर्वेदिक दृष्टिकोण में बिना ज्यादा मेहनत किए दिन के सही समय पर, विशेष रूप से सुबह खाली पेट वर्कआउट करना शामिल है।
सोच-समझकर खाएं
आयुर्वेद के अनुसार भोजन पवित्र है और, इस प्रकार यह महत्वपूर्ण है कि आप भोजन करते समय सावधान रहें। सोच-समझकर खाने से आपको अपनी फूड चॉइसेस के संबंध में सही निर्णय लेने में मदद मिलेगी और आप सही मात्रा में ही भोजन का सेवन करेंगे। इससे शरीर में टॉक्सिन्स का बिल्ड-अप भी कम होगा जिससे शरीर का बॉडी वेट सही रहेगा। इन हार्ट हेल्थ के लिए आयुर्वेद टिप्स (Ayurveda tips for heart health) का हार्ट हेल्थ पर अच्छा प्रभाव पड़ता है।
स्ट्रेस मैनेजमेंट
स्ट्रेस हार्ट डिजीज का मुख्य फैक्टर है। आजकल लोग घर या काम पर हर जगह स्ट्रेसफूल सिचुऎशन्स का सामना करते हैं और इस स्ट्रेस को मैनेज करना और भी महत्वपूर्ण हो गया है। ब्रीदिंग एक्सरसाइजेज और योगा करने से इसमें कुछ हद तक राहत मिल सकती है और रोगी अच्छा महसूस कर सकता है।
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