PCOD और PCOS वो कंडीशंस हैं, जो महिलाओं की ओवरी को प्रभावित करती हैं। ओवरी उस रिप्रोडक्टिव ऑर्गन को कहा जाता हैं, जो प्रोजेस्टेरोन और एस्ट्रोजन हॉर्मोन्स का उत्पादन करता है। यह हॉर्मोन्स मासिक धर्म चक्र (Periods Cycle) को रेगुलेट करने में मदद करते हैं। इसके साथ ही ओवरी कुछ मात्रा में इन्हिबिन, रिलैक्सिन जैसे हॉर्मोन्स को भी प्रोड्यूज करती है। ऐसा माना गया है कि पीसीओडी (PCOD) से दुनिया भर की लगभग दस प्रतिशत प्रभावित हैं। अब सवाल यह है कि क्या पीसीओडी और पीसीओएस समान हैं? यूनिसेफ (UNICEF) के अनुसार पीसीओडी और पीसीओएस काफी हद तक एक समान लग सकते हैं। लेकिन, इन दोनों में थोड़ा अंतर भी है। आइए जानें PCOD और PCOS (PCOD and PCOS) के बारे में विस्तार से।
क्या PCOD और PCOS एक ही समस्या है?
यूनिसेफ (UNICEF) की मानें तो पीसीओडी में ओवरीज इम्मैच्योर एग्स को रिलीज करना शुरू कर देती हैं, जिसके कारण हार्मोनल असंतुलन और ओवेरी में सूजन हो जाती है। जबकि, पीसीओएस में एंडोक्राइन इश्यूज के कारण अंडाशय अतिरिक्त एण्ड्रोजन का उत्पादन करता है, जिससे एग्स में सिस्ट बनने का जोखिम रहता है। पीसीओडी और पीसीओएस (PCOD and PCOS) के बीच में अंतर इस प्रकार हैं:
सिस्ट्स
- पीसीओडी: पीसीओडी का अर्थ है ओवरीज में सिस्ट्स
- पीसीओएस: पीसीओएस में रोगी को सिस्ट्स हो भी सकते हैं और नहीं भी हो सकते। यह हार्मोन असंतुलन से जुड़ी समस्या है।
हार्मोन असंतुलन
- पीसीओडी: इसमें हॉर्मोन्स में गड़बड़ होती हैं, जिससे पीरियड्स में समस्या और प्रेग्नेंसी में भी परेशानी हो सकती है।
- पीसीओएस: इस समस्या में रोगी में हार्मोनल असंतुलन के परिणामस्वरूप अनियमित मासिक धर्म, अत्यधिक बाल विकास और मुहांसे जैसी समस्याएं हो सकती हैं।
पीसीओडी और पीसीओएस के लक्षण (PCOD and PCOS Symptoms)
पीसीओडी और पीसीओएस (PCOD and PCOS) को पहचानना चुनौतीपूर्ण हो सकता है। लेकिन, इनके लक्षणों की जानकारी होने से इन कंडीशंस को पहचाना और मैनेज किया जा सकता है। इनके लक्षण इस प्रकार हैं:
- अनियमित पीरियड्स
- अत्यधिक हेयर ग्रोथ
- वजन का बढ़ना
- मुहांसे
- गर्भधारण करने में कठिनाई
- पेल्विक में दर्द
- मूड स्विंग्स
- थकावट
- नींद में समस्या
- कोलेस्ट्रॉल लेवल में बढ़ोतरी
- टाइप 2 डायबिटीज या इन्सुलिन रेजिस्टेंस
पीसीओडी और पीसीओएस के कारण (PCOD and PCOS Causes)
इन समस्याओं को मैनेज करने के लिए पीसीओडी और पीसीओएस (PCOD and PCOS) के कारणों को समझना महत्वपूर्ण है। पीसीओडी/पीसीओएस के पीछे मुख्य कारण इस प्रकार हैं:
- जेनेटिक
- इन्सुलिन रेजिस्टेंस
- हार्मोनल असंतुलन
- सूजन
- अनहेल्दी लाइफस्टाइल
क्या PCOD और PCOS का इलाज संभव है?
पीसीओडी और पीसीओएस (PCOD and PCOS) का कोई स्थायी इलाज नहीं है, लेकिन इनके लक्षणों को मैनेज किया जा सकता है। सही दवाईयों, मेडिकल प्रोसीजर और जीवनशैली में बदलाव से इसके रोगी एक हेल्दी जीवन जी सकते हैं।
इनके सही इलाज के लिए पीसीओएस और पीसीओडी के बीच अंतर जानना महत्वपूर्ण है। इनके लक्षणों को पहचानकर, कारणों को समझकर और उनके मैनेजमेंट के लिए डॉक्टर की सलाह का पालन करके, रोगी अपने स्वास्थ्य का बेहतर मैनेजमेंट कर सकते हैं और बेहतर महसूस भी कर सकते हैं
पीसीओडी और पीसीओएस के लिए डाइट (PCOD and PCOS diet)
पीसीओएस और पीसीओडी की स्थिति में सही डाइट लेना जरूरी है। इनके रोगियों को इस तरह की डाइट लेनी चाहिए:
- पीसीओडी और पीसीओएस (PCOD and PCOS) के रोगी अपने आहार में फल,सब्जियों, साबुत अनाज और अच्छे फैट्स जैसे मेवे और एवोकाडो को शामिल करें।
- अपनी डाइट में कार्बोहाइड्रेट्स का ध्यान रखें। अधिक साबुत अनाज का सेवन करें और प्रोसेस्ड व मीठी चीजों को खाने से बचें।
- पर्याप्त प्रोटीन का सेवन करें। अपनी डाइट में पनीर, बीन्स, फिश आदि को शामिल करना न भूलें। इसके साथ ही अधिक खाने से भी बचें।
अगर सेहत से जुड़ी कोई समस्या है, तो उसका इलाज खुद ना करें और डॉक्टर से सलाह लें, क्योंकि डॉक्टर आपकी सेहत को ध्यान में रखकर इलाज करेंगे और आवश्यक सुझाव देंगे।
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