विटामिन डी डेफिशियेंसी (Vitamin D Deficiency) का अर्थ है शरीर में विटामिन डी की कमी होना। यह वो सामान्य डेफिशियेंसी है, जो हड्डियों और मांसपेशियों में समस्या पैदा करती है। यह समस्या आमतौर पर 65 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों को प्रभावित करती है। विटामिन डी शरीर को स्वस्थ रखने के लिए आवश्यक कई विटामिनों में से एक है। यह ब्लड और हड्डियों में कैल्शियम के संतुलन को बनाए रखने और हड्डियों के निर्माण व रखरखाव में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। ऐसा माना जाता है कि विटामिन डी डेफिशियेंसी लगातार सिरदर्द का कारण बन सकती है। आइए जानें विटामिन डी डेफिशियेंसी और लगातार सिरदर्द के बारे में विस्तार से। यह भी जानें कि विटामिन डी के स्त्रोत कौन-कौन से हैं?
विटामिन डी डेफिशियेंसी (Vitamin D Deficiency) और लगातार सिरदर्द
नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन (National library of medicine) के अनुसार माइग्रेन या सिरदर्द के रोगियों में से अगर किसी को एक महीने में बहुत बार सिरदर्द होती है, तो इसे विटामिन डी डेफिशियेंसी से जोड़ा जाता है। हालांकि, विटामिन डी डेफिशियेंसी और माइग्रेन या सिरदर्द के बीच के संबंध की पुष्टि करने के लिए अभी और स्टडीज की जाने की जरूरत हैं।
विटामिन डी डेफिशियेंसी और लगातार सिरदर्द के बीच में संबंध
इस स्टडी में ऐसा पाया गया है कि जब विटामिन डी के सबसे कम और सबसे अधिक लेवल की तुलना की जाए, तो लो विटामिन डी का लगातार सिरदर्द से संबंध है। ऐसा भी पाया गया कि लो विटामिन डी वाले लोगों में सप्ताह में कम से कम एक बार सिरदर्द होने की संभावना दोगुनी से भी अधिक थी। इस विषय पर की गयी स्टडी में यह भी पाया गया कि विटामिन डी डेफिशियेंसी (Vitamin D Deficiency) वाले कई प्रतिभागियों को क्रोनिक सिरदर्द नहीं था। 68% प्रतिभागियों में विटामिन डी की कमी थी, लेकिन केवल 9.6% प्रतिभागियों ने क्रोनिक सिरदर्द होने की सूचना दी। फिर भी, लगातार सिरदर्द वाले प्रतिभागियों में बिना सिरदर्द वाले प्रतिभागियों की तुलना में विटामिन डी का औसत स्तर कम था।
विटामिन डी कैसे प्राप्त करें?
विटामिन डी डेफिशियेंसी और लगातार सिरदर्द (Vitamin D Deficiency) के बीच के संबंध के बारे में आप जान ही गए होंगे। विटामिन सी की कमी को पूरा करने के कुछ तरीके इस प्रकार हैं:
- सूरज की रोशनी: कुछ समय सनलाइट एक्सपोजर से शरीर में विटामिन डी की कमी नहीं होती। लेकिन, ध्यान रहे अधिक समय तक सीधे सूर्य की रोशनी में न रहें।
- डायट: फैटी फिश, संतरे का जूस, अंडे का अंदर का भाग आदि विटामिन डी के लेवल को बढ़ाने में मददगार साबित हो सकते हैं।
- सप्लीमेंट्स: सप्लीमेंट्स विटामिन डी के लेवल को बढ़ाने के सुरक्षित और प्रभावी तरीका हो सकता है। लेकिन, इन्हें लेने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें।
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