मारबर्ग वायरस डिजीज को पहले मारबर्ग हेमरैजिक फीवर (Marburg hemorrhagic fever) के नाम से जाना जाता था। यह एक गंभीर रोग है, जिसके कारण मृत्यु भी हो सकती है। मारबर्ग वायरस फ्रूट बैटस से लोगों में फैलता है। यह वायरस मनुष्यों में गंभीर वायरल हेमरैजिक फीवर का कारण बन सकता है। मारबर्ग हेमरैजिक फीवर के मामले में मृत्यु दर 23 से 90% के बीच है। अभी तक इस रोग के मामले कई देशों में पाए गए हैं जैसे कांगो, कन्या, साउथ अफ्रीका आदि। हाल ही में इसके कुछ मामले साउथ अफ्रीका के रवांडा में सामने आए हैं। आइए पाएं जानकारी मारबर्ग वायरस डिजीज (Marburg Virus disease) के बारे में। इसके उपचार के बारे में भी जानें।
मारबर्ग वायरस डिजीज के बारे में जानकारी
वर्ल्ड हेल्थ आर्गेनाईजेशन (World Health Organisation) के अनुसार मारबर्ग और इबोला वायरस दोनों फिलोविरिडे परिवार (फिलोवायरस) के सदस्य हैं। हालांकि, दोनों रोग अलग-अलग वायरस के कारण होते हैं, लेकिन क्लिनिकली यह दोनों एक समान हैं। यह दोनों बीमारियां दुर्लभ हैं। पाएं मारबर्ग वायरस डिजीज (Marburg Virus disease) के लक्षणों के बारे में जानकारी।
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मारबर्ग वायरस डिजीज के लक्षण (Marburg Virus disease Symptoms)
मारबर्ग वायरस डिजीज के लक्षण दो चरणों में होते हैं। लक्षणों का पहला चरण पांच से सात दिनों तक चलता है और इसके लक्षण इस प्रकार हैं:
- बुखार
- ठंड लगना
- गंभीर सिरदर्द
- खांसी
- मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द
- गले में खराश
- रैशेज
रोगी एक या दो दिन में थोड़ा बेहतर हो सकते हैं, इसके बाद रोगी को अन्य लक्षणों का अनुभव हो सकता है। लक्षणों के दूसरे चरण में निम्नलिखित समस्याएं हो सकती हैं:
- पेट या छाती में दर्द
- उलटी आना
- डायरिया
- जी मिचलाना
- वजन कम होना
- मल या उलटी में खून आना
- मुंह, ऑंखों, वजाइना, नाक से खून आना
अगर रोगी को इनमे से कोई भी लक्षण नजर आता है, तो तुरंत डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए।
मारबर्ग वायरस डिजीज के कारण (Marburg Virus disease Causes)
दो संबंधित वायरस, मारबर्ग वायरस (एमएआरवी) और रेवन वायरस (आरएवीवी) मारबर्ग वायरस डिजीज का कारण बनते हैं। यह उस वायरस से भी संबंधित हैं, जो इबोला का कारण बनता है। मारबर्ग वायरस रोग एक वायरल हेमरैजिक फीवर है, जो ब्लड वेसल्स को नुकसान पहुंचा सकता है और गंभीर ब्लीडिंग का कारण बन सकता है।
मारबर्ग वायरस डिजीज का उपचार (Marburg Virus disease treatment)
मारबर्ग वायरस डिजीज का कोई खास ट्रीटमेंट नहीं है। डॉक्टर रोगी के लक्षणों को मैनेज करने, किसी भी जटिलता का इलाज करने और रोगी की स्थिति को स्थिर रखने का प्रयास कर सकते हैं। रोगी को निम्नलिखित चीजों की जरूरत हो सकती है:
- ऑक्सीजन
- इंट्रावेनस (IV) फ्लूइड
- खास लक्षणों के लिए उपचार, जैसे दर्द की दवाइयां
मारबर्ग वायरस डिजीज से बचाव (Marburg Virus disease prevention)
मारबर्ग वायरस डिजीज से बचाव के तरीके इस प्रकार हैं:
- जो लोग बीमार हैं, उनके ब्लड या बॉडी फ्लूइड के कॉन्टेक्ट में आने से बचें।
- मारबर्ग वायरस रोग से रिकवर हो चुके व्यक्ति के वीर्य के संपर्क से तब तक बचें, जब तक टेस्ट से यह पता न चल जाए कि उनके वीर्य से वायरस खत्म हो गया है।
- उन वस्तुओं से दूर रहें, जो किसी संक्रमित व्यक्ति के बॉडी फ्लूइड के संपर्क में आई हों।
- जिस क्षेत्र में मारबर्ग रोग पाया जाता है, वहां इजिप्टियन रुसेट बैट और नॉन-ह्यूमन प्राइमेट्स के संपर्क से बचें।
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