दिल्ली LG को मिली राष्ट्रपति की फुल पावर, अब किसी भी बोर्ड या अथॉरिटी का कर सकेंगे गठन

Lieutenant Governor

केंद्र की भाजपा सरकार ने दिल्ली के उपराज्यपाल (Lieutenant Governor) की पावर बढ़ा दी है। अब उपराज्यपाल के पास दिल्ली महिला आयोग (डीसीडब्ल्यू) और दिल्ली विद्युत विनियामक आयोग (डीईआरसी) जैसे बोर्ड एवं आयोग का गठन करने का पूरा अधिकार होगा। इस संबंध में केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा एक अधिसूचना जारी कर बताया गया कि दिल्ली के उपराज्यपाल अब इस तरह के किसी भी प्राधिकरण, बोर्ड, आयोग या वैधानिक निकायों में सदस्यों की नियुक्ति अपने विवेक अनुसार कर सकते हैं। इस फैसले के बाद अब दिल्ली की आप सरकार और केंद्र के बीच फिर से तकरार बढ़ने के आसार हैं।  

उपराज्यपाल ने की दिल्ली नगर निगम के पीठासीन अधिकारियों की नियुक्ति

गृह मंत्रालय ने दिल्ली के उपराज्यपाल (Lieutenant Governor) की शक्ति बढ़ाने वाली यह अधिसूचना संविधान के अनुच्छेद 239 के खंड (1) के साथ जारी किया। अधिसूचना जारी होने के बाद ही उपराज्यपाल ने दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) के पीठासीन अधिकारियों की नियुक्ति कर दी। इससे पहले एमसीडी की मेयर शैली ओबेरॉय ने पीठासील अधिकारियों की नियुक्ति यह कहकर इंकार कर दिया था कि उनकी अंतरात्मा उन्हें इस तरह के ‘अलोकतांत्रिक चुनाव प्रक्रिया’ में भाग लेने की अनुमति नहीं दे रही। 

उपराज्यपाल के पास आ गई राष्ट्रपति की असीम शक्तियां 

गृह मंत्रालय द्वारा जारी अधिसूचना में बताया गया है कि, “दिल्ली शासन अधिनियम, 1991 (1992 के 1) की तहत धारा 45डी के साथ संविधान के अनुच्छेद 239 के खंड (1) के अनुसरण में राष्ट्रपति निर्देश देती हैं कि दिल्ली के उपराज्यपाल (Lieutenant Governor), राष्ट्रपति के नियंत्रण के अधीन रहते हुए उनके अधिकारों और शक्तियों का उपयोग अगले आदेश तक कर सकते हैं। जिसके तहत दिल्ली के किसी भी प्राधिकरण, बोर्ड, आयोग या किसी अन्य वैधानिक निकाय के गठन का फैसला उपराज्यपाल के पास होगा। चाहे उस प्राधिकरण, बोर्ड, आयोग या निकाय किसी भी नाम से पुकारा जाए। 

भाजपा और आप के बीच बढ़ेगा टकराव 

आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, भारतीय संविधान का अनुच्छेद 239 संघ में राज्यक्षेत्रों के प्रशासन के बारे में विस्तार से बताया गया है। गृह मंत्रालय ने इसी अनुच्छेद का उपयोग कर राष्ट्रपति की शक्ति उपराज्यपाल (Lieutenant Governor) को दी है। यह फैसला आने के बाद अब फिर से दिल्ली में सत्तारूढ़ आप पार्टी सरकार और केंद्र की भाजपा सरकार के बीच टकराव शुरू होने की संभावना है। इससे पहले भी कई बार अधिकारों को लेकर दोनों पार्टियों के बीच टकराव हो चुका है। 

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