Maharashtra assembly election में जीत के लिए भाजपा करेगी यह खास प्रयोग

Maharashtra assembly election

महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव (Maharashtra assembly election) इसी साल अक्‍टूबर माह में होने की संभावना है, लेकिन राज्‍य के सियासत में अभी से हलचल मची हुई है। चुनावी रणनीति हो या फिर टिकटों का बंटवारा, सभी पार्टियां अपना जोड़तोड़ लगाने में जुटी हैं। जिसकी वजह से वरिष्‍ठ नेता अब महाराष्ट्र से लेकर दिल्ली तक खूब दौड़ लगा रहे हैं। इस समय जहां शिवसेना चीफ (यूबीटी) उद्धव ठाकरे दिल्‍ली में एमवीए गठबंधन के नेताओं से मिल सीट बंटवारे पर चर्चा कर रहे हैं तो वहीं महायुति गठबंधन भी उम्मीदवारों की लिस्ट तैयार करने में जुटा है। इस बीच भाजपा (BJP) के उम्मीदवारों की लिस्ट को लेकर बड़ी जानकारी सामने आई है। 

BJP तैयार कर रही है अपने उम्मीदवारों की लिस्‍ट 

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, भाजपा (BJP) इस समय अपने उम्मीदवारों की लिस्‍ट तैयार कर रही है, जिसे अगले सप्‍ताह तक दिल्‍ली भेजा जा सकता है। कहा जा रहा है कि भाजपा महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव (Maharashtra assembly election) की तारीखों के ऐलान से पहले ही अपने उम्मीदवारों की पहली सूची जारी कर लीड लेना चाहती है। भाजपा सूत्रों के अनुसार, पहली सूची में 30 से 40 उम्‍मीदवारों के नाम की घोषणा हो सकती है। इस सूची में सिर्फ उन सीट पर उम्मीदवारों के नाम की घोषणा होगी, जिन सीटों पर पिछले चुनाव में भाजपा को बहुत कम मार्जिन से हार और जीत का सामना करना पड़ा था। 

सफल रहा है भाजपा का यह प्रयोग 

दरअसल, यह पहला मौका नहीं है जब भाजपा (BJP) इस तरह का प्रयोग करने जा रही है। पार्टी ने इससे पहले मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में पिछले साल हुए चुनाव के समय भी अपने उम्‍मीदवारों की घोषणा कर विपक्षी पार्टियों पर बढ़त बना ली थी। इसका नतीजा चुनाव परिणामों में भी देखने को मिला। इन तीनों राज्‍यों में भाजपा ने मजबूती के साथ सरकार बनाई। इसीलिए, भाजपा महाराष्‍ट्र विधानसभा चुनाव (Maharashtra assembly election) में भी अपने उम्‍मीदवारों की घोषणा पहले कर बढ़त बनाना चाहती है। 

पिछले चुनाव में एनडीए को मिला था स्पष्ट बहुमत 

बता दें कि, महाराष्ट्र के पिछले विधानसभा चुनाव में जनता ने भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए गठबंधन को सरकार बनाने के लिए स्पष्ट बहुमत दिया था, लेकिन चुनाव बाद शिवसेना एनडीए से अलग होकर कांग्रेस और एनसीपी के साथ मिल सरकार बना ली। हालांकि ये सरकार भी ज्यादा दिन नहीं चल पाई और साल 2022 में एकनाथ शिंदे ने सरकार गिराने के साथ शिवसेना को भी तोड़ दिया था। 

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