Maharashtra Assembly Elections: क्या महाराष्ट्र में राजनीतिक टकराव अब ले रहा हिंसक रूप?
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव (Maharashtra Assembly Elections) की तारीखें जैसे-जैसे नजदीक आ रही हैं, राजनीतिक टकराव हिंसक रुप लेता जा रहा है। एक तरफ पक्ष-विपक्ष के नेता जहां नफरती भाषा बोलने लगे हैं, वहीं दूसरी तरफ नेताओं पर हमले भी बढ़ गए हैं। बीते कुछ दिनों में ही सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों तरफ के नेताओं पर हमले हुए हैं। इन घटनाओं ने विपक्ष को राज्य की कानून व्यवस्था पर सवाल उठाने का मौका दे दिया। वहीं सत्ता पक्ष का आरोप है कि विपक्ष जानबूझ कर राज्य की शांति भंग करने की कोशिश में जुटा है।
बता दें कि, एनसीपी विधायक अमोल मिटकरी की कार पर बीते माह अकोला में हमला हुआ था, जिसका आरोप एमएनएस कार्यकर्ताओं पर लगा। इसी तरह शरद पवार गुट के एनसीपी नेता जितेंद्र आव्हाड की कार पर मुम्बई में हमला हुआ। इसका आरोप स्वराज संगठन के कार्यकर्ताओं पर लगा। गनीमत रही कि इन हमलों में दोनों नेता बाल-बाल बच गए। इन दोनों नेताओं पर आरोप था कि इन्होंने हमला करने वाले कार्यकर्ताओं के नेताओं के खिलाफ गलत बयानबाजी की थी।
विधानसभा चुनाव से पहले जुबानी जंग भी निचले स्तर पर
राजनैतिक जानकारों का कहना है कि महाराष्ट्र की राजनीति अब पहले जैसे नही रही। साल 2019 में भाजपा और शिवसेना जब से अलग हुए हैं तभी से राज्य में राजनीति का स्तर गिरता जा रहा है। बीते दिनों पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे का वह बयान भी सुर्खियों में रहा, जिसमें उन्होंने आरपार की भाषा का इस्तेमाल किया था। वहीं अनिल देशमुख ने उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के लिए तो यहां तक ऐलान कर दिया कि महाराष्ट्र में अब या तो देवेंद्र फडणवीस रहेंगे या मैं रहूंगा?। वहीं विधानसभा स्तर पर चुनाव (Assembly Elections) लड़ने की तैयारी कर रहे नेताओं के बीच लड़ाई-झगड़ा अब निचले स्तर पर पहुंच चुका है।
विधानसभा चुनाव से पहले ही नेता एक दूसरे पर लगा रहे आरोप
इन घटनाओं पर विपक्ष का आरोप है कि राज्य की कानून व्यवस्था पूरी तरह ध्वस्त हो चुकी है। विपक्ष के जो नेता आवाज उठाने की कोशिश कर रहे हैं, उन्हें डराया धमकाया जा रहा है। जबकि सत्ता पक्ष के नेताओं का आरोप है कि, विधानसभा चुनाव जीतने के लिए विपक्ष के नेता गंदी राजनीति कर रहे हैं। ये लोग कानून व्यवस्था से खिलवाड़ कर राज्य को असुरक्षित दिखाने का प्रयास कर रहे हैं, जिससे जनता डर जाए। लेकिन ऐसा नहीं होने दिया जाएगा।