Uddhav Thackeray को मुख्यमंत्री बनाने के मूड में नहीं है कांग्रेस-रांकपा?

Maharashtra Elections

महाराष्ट्र चुनाव की रणभेदी गूंजने में अभी दो से तीन महीने का समय है, लेकिन इससे पहले ही विपक्षी यानी गठबंधन महा विकास आघाड़ी (MVA) में तकरार शुरू हो गई है। वह भी आगामी विधानसभा चुनाव में मुख्यमंत्री पद के चेहरे को लेकर। शिवसेना (यूबीटी) चाहती है कि यह विधानसभा का चुनाव उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) के चेहरे पर लड़ा जाए। जबकि कांग्रेस नेता पृथ्वीराज चव्हाण ने पहले ही साफ कर दिया है कि चुनाव में कोई भी मुख्‍यमंत्री पद का चेहरा नहीं होगा। चुनाव बाद जिस पार्टी की सीटें ज्यादा आएंगी, मुख्यमंत्री भी उसका बनेगा। 

Uddhav Thackeray ने दिल्ली में की थी केंद्रीय नेताओं से बातचीत 

बता दें कि, महाराष्‍ट्र चुनाव में राजनीतिक समीकरण बिठाने के लिए उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) दिल्‍ली गए थे। वहां पर उन्‍होंने कांग्रेस के केंद्रीय नेताओं से मुलाकात कर सीट बंटवारा के साथ अन्‍य राजनीतिक मुद्दों पर चर्चा की। माना जा रहा है कि इस दौरान उद्धव ठाकरे ने मुख्यमंत्री पद की दावेदारी पर भी कांग्रेस से समर्थन मांगा। हालांकि अभी तक कांग्रेस के किसी भी वरिष्‍ठ नेता ने इस संबंध में कुछ भी बयान नहीं दिया है, लेकिन शिवसेना (यूबीटी) के कार्यकर्ता उद्धव ठाकरे को भावी मुख्यमंत्री के रूप में प्रचारित करना शुरू कर चुके हैं। 

कांग्रेस को मिल सकती हैं सबसे ज्यादा सीटें

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार दिल्ली में उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) की कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, राहुल गांधी और राकांपा (शपा) प्रमुख शरद पवार से मुलाकात के दौरान सीट बंटवारे पर प्रारंभिक चर्चा हो गई है। जिसमें तय हुआ है कि विधानसभा में कांग्रेस सबसे ज्यादा सीटों पर चुनाव लड़ेगी। इसके शिवसेना (यूबीटी) और राकांपा (शपा) को सीटें मिलेंगी। यह फॉर्मूला हाल ही में हुए लोकसभा चुनाव में मिली जीत के आधार पर तय किया जा रहा है। 

मुख्यमंत्री पद गठबंधन में रार 

लेकिन महा विकास आघाड़ी गठबंधन में सबसे ज्‍यादा रार मुख्यमंत्री पद के चेहरे को लेकर है। शिवसेना (यूबीटी) प्रवक्ता संजय राउत ने कहा कि मुख्यमंत्री पद के लिए बिना चेहरा घोषित किए चुनाव लड़ना घातक हो सकता है। जिस तरह 2019 में महाविकास आघाड़ी ने उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) को मुख्यमंत्री पद का दावेदार माना और ढाई साल सरकार चलाई उसी तरह अब विधानसभा चुनाव में भी उन्‍हें नेतृत्व सौंपा जाए। लेकिन कांग्रेस और रांकपा संजय राउत के इस तर्क से सहमत नहीं है। दोनों पार्टियों का मानना है कि चुनाव के बाद मुख्‍यमंत्री का फैसला किया जाएगा। 

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