महाराष्ट्र की सियासत का नक्शा इस विधानसभा चुनाव (Assembly elections) से पहले बदला बदला नजर आ रहा है। इस बदलाव का कारण है, शिवसेना और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) में हुई टूट। असली और नकली की लड़ाई में ये पार्टियां चुनाव आयोग तक का चक्कर लगाई। चुनाव आयोग ने अपने फैसले में असली नाम और निशान बागी गुटों को सौंप दी। अब असली शिवसेना (Shiv Sena) की कमान एकनाथ शिंदे और असली एनसीपी की कमान अजित पवार के हाथ में है। वहीं उद्धव ठाकरे को अपने पिता की बनाई पार्टी छोड़ दूसरी पार्टी बनानी पड़ी। यही हाल शरद पवार का भी रहा। शरद पवार ने जिस पार्टी को बनाया और खड़ा किया, उसे ही छोड़कर नई पार्टी बनानी पड़ी।
राज्य में असली और नकली की लड़ाई हो गई है तेज
विधानसभा चुनाव (Assembly elections) नजदीक आते ही अब एक बार फिर राज्य में असली और नकली की लड़ाई तेज हो गई है। चारों धड़े जनता के सामने खुद को असली पार्टी बता रहे हैं और उसी अनुसार जनता से वोट भी मांग रहे। लेकिन एक बहस चलती रही- असली पार्टी किसकी? दोनों ही दलों के सभी धड़े खुद को जनता के सामने असली पार्टी बताते रहे हैं, लेकिन इस पर जनता का क्या परसेप्शन है? यह जानने के लिए हालही में इंडिया टुडे- सी वोटर ने महाराष्ट्र के अंदर मूड ऑफ द नेशन सर्वे किया। जिसमें कई दिलचस्प खुलासे हुए।
एकनाथ शिंदे की लोकप्रियता में हो रहा इजाफा
इस सर्वे के अनुसार महाराष्ट्र की 25 फीसदी जनता जहां राज्य सरकार के काम से संतुष्ट है, वहीं 35 फीसदी जनता ने खुद को सीएम शिंदे के काम से संतुष्ट बताया। मतलब साफ है, सीएम के काम से महाराष्ट्र के लोग ज्यादा संतुष्ट नजर आ रहे हैं। बतौर मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे का बढ़ा यह ग्राफ बताता है कि असली-नकली की लड़ाई में शिंदे अब उद्धव ठाकरे से आगे निकलते नजर आ रहे हैं। जनता उन्हें स्वीकार्य रही है और अप्रूवल रेटिंग का ग्राफ बढ़ रहा है। राज्य के अंदर अब गद्दारी वाला फैक्टर नहीं चल रहा। राजनीति के जानकारों के अनुसार बीते कुछ महीनों में बतौर मुख्यमंत्री शिंदे की लोकप्रियता बढ़ी है। यह एक तरफ जहां शिवसेना (Shiv Sena) के लिए फायदेमंद है, वहीं भाजपा के लिए चिंता का विषय। क्योंकि लोकप्रियता के आधार पर ही तय होगा कि विधानसभा चुनाव (Assembly elections) में इस गठबंधन की तरफ से मुख्यमंत्री का चेहरा कौन होगा ?
#ShivSena #Maharashtra #AssemblyElections