9 अगस्त को कोलकाता के आरजी कर अस्पताल में जूनियर डॉक्टर के साथ हुई वीभत्स घटना के मामले में चौतरफा घिरी ममता सरकार ने अब पत्र की राजनीति शुरू कर दी है। बलात्कार और बलात्कार के बाद हत्या जैसे जघन्य अपराधों के लिए केंद्रीय कानून और कड़ी सजा की मांग करते हुए पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) ने प्रधानमंत्री मोदी को दूसरा पत्र लिखा है।
पहले पत्र का जवाब नहीं प्राप्त होने पर व्यक्त की चिंता
अपने पहले पत्र का जवाब नहीं प्राप्त होने पर चिंता व्यक्त करते हुए ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) ने अपने दूसरे पत्र में लिखा कि आपको मेरा पत्र संख्या 44-सीएम दिनांक 22 अगस्त, 2024 याद होगा, जिसमें बलात्कार की घटनाओं पर कठोर केंद्रीय कानून बनाने और ऐसे अपराधों के दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा देने की आवश्यकता के बारे में बताया गया था। लेकिन इतना संवेदनशील मुद्दा होने के बावजूद आपकी तरफ से कोई जवाब नहीं प्राप्त हुआ।
महिला एवं बाल विकास मंत्री की ओर से आया जवाब
ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) ने आगे लिखा कि “हालांकि, महिला एवं बाल विकास मंत्री की ओर से एक जवाब आया है, जो पत्र में उठाए गए मुद्दे की गंभीरता को सही ढंग से नहीं दर्शाते हैं।” आगे उन्होंने लिखा कि “मेरा मानना है कि इस सामान्य जवाब को भेजते समय इस विषय की गंभीरता और समाज के लिए इसकी प्रासंगिकता की पर्याप्त सराहना नहीं की गई है। इतना ही नहीं, मैं इस क्षेत्र में हमारी राज्य सरकार द्वारा पहले ही उठाए गए कुछ कदमों का भी उल्लेख करना चाहूंगी, जिन्हें जवाब में नजरअंदाज किया गया है।”
ट्रायल कोर्ट द्वारा समय-सीमा के भीतर मामलों के निपटान हेतु हो प्रावधान
ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) ने कहा कि “मैं दोहराना चाहती हूं और अनुरोध करती हूं कि बलात्कार/बलात्कार और हत्या जैसे जघन्य अपराधों पर कठोर केंद्रीय कानून और कड़ी सजा पर विचार करें। इसमें ट्रायल कोर्ट द्वारा एक विशिष्ट समय-सीमा के भीतर मामलों के निपटान हेतु अनिवार्य प्रावधान हो। मुझे उम्मीद है कि हमारे समाज के व्यापक हित में इस मामले पर आपका ध्यान जाएगा।” ध्यान देने वाली बात यह कि ममता बनर्जी द्वारा कड़े कानूनों की यह मांग 9 अगस्त को कोलकाता के आरजी कर अस्पताल में जूनियर डॉक्टर के साथ बलात्कार और हत्या के बाद आई है।
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