मराठा आरक्षण पर बीजेपी सांसद का बड़ा बयान, महाराष्‍ट्र विधानसभा चुनाव में बढ़ सकती हैं पार्टी की मुश्‍क‍िलें! 

Maratha Reservation

महाराष्‍ट्र विधानसभा चुनाव से पहले मराठा आरक्षण का मुद्दा एक बार फिर से गर्माता दिख रहा है। राज्‍य के सियासत में उथल-पुथल मचाने वाले इस मुद्दे को अबकी बार पूर्व केंद्रीय मंत्री और बीजेपी सांसद भागवत कराड़ ने उठाया है। कराड़ मराठा आरक्षण (Maratha Reservation) पर बोलते हुए कहा कि इस समुदाय को ओबीसी कोटे के तहत आरक्षण नहीं मिलना चाहिए। इससे ओबीसी समुदाय के हक पर असर पड़ेगा। वहीं दूसरी तरफ, मराठा आरक्षण आंदोलन का प्रमुख चेहरा मनोज जरांगे पाटिल ने मराठा आरक्षण पर महाराष्‍ट्र सरकार को 13 अगस्‍त तक की डेडलाइन देकर पूछा है कि मराठा आरक्षण के मुद्दे पर उनका क्या रुख है? ओबीसी कोटा में मराठा समुदाय के लिए आरक्षण की मांग कर रहे पाटिल के निशाने पर उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस हैं। 

पाटिल ने ऐलान किया है कि, मराठा आरक्षण (Maratha Reservation) को लेकर वे जल्‍द ही महाराष्ट्र में भ्रमण शुरू कर मराठा समुदाय के बीच पहुंचेंगे। साथ ही उन्‍होंने मांग न पूरी होने पर आगामी विधानसभा चुनाव में उतरने की धमकी भी दी है। राज्‍य में जल्‍द ही विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान हो सकता है। ऐसे में बीजेपी सांसद भागवत कराड़ का मराठा आरक्षण पर बयान और मनोज जरांगे पाटिल का ऐलान शिवसेना (Shiv sena) और बीजेपी (BJP) की सरकार को मुश्किलों में डाल सकती है। 

2014 में मिली थी मराठा आरक्षण (Maratha Reservation) मुद्दे को हवा

मराठा आरक्षण के मुद्दे को साल 2014 में हवा उस समय मिली थी, जब तत्कालीन पृथ्वीराज चव्हाण सरकार महाराष्‍ट्र के अंदर सरकारी नौकरियों और शिक्षा में मराठों को 16% कोटा देने का अध्यादेश लेकर आई। यह अध्‍यादेश विधानसभा में पास हो गया, लेकिन बॉम्बे हाई कोर्ट ने इस पर रोक लगा दी थी। साल 2014 के विधानसभा चुनाव में जीत के बाद भाजपा-शिवसेना राज्‍य की सत्ता में आई और यह मुद्दा ठंडा पड़ गया, लेकिन साल 2016 में अहमदनगर के कोपार्डी इलाके में एक मराठा लड़की के रेप और हत्‍या के बाद मराठा समुदाय का प्रदर्शन शुरू हो गया, साथ ही आरक्षण की मांग भी फिर से जिंदा हो गयी। साल 2018 में फडणवीस सरकार मराठा समुदाय को 16% आरक्षण देने के लिए फिर से पिछड़ा वर्ग अधिनियम लेकर आई,  लेकिन इसे भी साल 2021 में सुप्रीम कोर्ट ने रद्द कर दिया। विधानसभा चुनाव नजदीक आते ही अब एक बार फिर से मराठा आरक्षण का मुद्दा महाराष्‍ट्र की राजनीति में गर्मा रहा है। 

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