बांग्लादेश में तख्तापलट के बाद हिंदू, बौद्ध और क्रिश्चियन अल्पसंख्यकों को लगातार हिंसा का सामना करना पड़ रहा है। इन हिंसक घटनाओं का उबाल भारत में भी देखने को मिल रहा है। इसके विरोध में दिल्ली के मंडी हाउस से लेकर जंतर-मंतर तक हिन्दू संगठनों द्वारा नारी शक्ति मार्च निकाला गया। जिसमें भाजपा की निलंबित राष्ट्रीय प्रवक्ता नुपुर शर्मा (Nupur Sharma) भी नजर आई। हालांकि इस मार्च में शामिल Nupur Sharma ने कु़छ बोला नहीं, लेकिन उनका मीडिया के सामने आना अपने आप में एक संदेश है।
दिल्ली के इस नारी शक्ति मार्च का आयोजन विश्व हिंदू परिषद (Vishwa Hindu Parishad) और आरएसएस (Rashtriya Swayamsevak Sangh) की महिला विंग द्वारा किया गया था। इस मार्च के बाद सभी महिलाएं जंतर- मंतर पर इकट्ठा हुईं, जहां पर भाजपा की सांसद बांसुरी स्वराज और जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) की कुलपति शांतिश्री डी पंडित ने इस मार्च में हिस्सा लेते हुए इन्हें संबोधित किया। हालांकि Nupur Sharma ने इस मार्च में शामिल होकर एक नए विवाद को जन्म दे दिया है।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, इस मार्च में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) और भाजपा से जुड़ी हजारों महिलाएं शामिल हुई। यह मार्च मंडी हाउस से शुरू हुआ और शहर के प्रमुख केंद्रों से होते हुए जंतर-मंतर पर समाप्त हुआ। इस दौरान मार्च में शामिल महिलाओं ने धार्मिक झंडे और विभिन्न तख्तियां दिखाकर अपने विचारों को सामने रखा। इन प्रदर्शनकारियों की प्रमुख मांग थी कि बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों के खिलाफ हिंसा तत्काल बंद होना चाहिए और आरोपियों को संख्त से सख्त सजा मिलनी चाहिए। प्रदर्शन के दौरान कुछ महिलाओं ने अपने मुंह और हाथों पर काली पट्टी बांध रखी थी।
बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों पर हो रहा खुलेआम हमला
बता दें कि बांग्लादेश में शेख हसीना सरकार का तख्तापलट होने के बाद हिंदू समुदाय समेत अन्य अल्पसंख्यकों के खिलाफ हिंसा में भारी इजाफा हुआ है। कई जगहों पर हिन्दू मंदिरों पर हमले हुए हैं और सैकड़ों हिन्दू प्रतिष्ठानों को बर्बाद कर दिया गया। बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने अभी तक देश के 48 जिलों में अल्पसंख्यक समुदाय के 278 स्थानों पर हमलों की पुष्टि की है। हालांकी मीडिया रिपोर्ट के अनुसार बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों को इससे कई गुना ज्यादा नुकसान पहुंचाया गया है। जिसकी वजह से हिन्दू अब बांग्लादेश से पलायन करने को मजबूर है।
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