SC-ST कोटे में क्रीमी लेयर पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद शुरू हुई राजनीति पर केंद्र सरकार ने बड़ा बयान दिया है। पीएम मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय कैबिनेट के बैठक में इसकी चर्चा की गई। जिसकी जानकारी देते हुए केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि इस बैठक में कैबिनेट ने एकमत से फैसला लिया है कि एनडीए सरकार संविधान के सभी प्रावधानों के प्रति प्रतिबद्ध और संकल्पबद्ध है। डॉ. बाबासाहेब अंबेडकर के संविधान में SC-ST कोटे के लिए क्रीमी लेयर का प्रावधान नहीं है। इसलिए संविधान के अनुसार ही SC-ST के आरक्षण की व्यवस्था लागू रहेगी।
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को पिछले दिनों SC-ST रिजर्वेशन में सब कैटेगरी करने पर आदेश दिया था। साथ ही यह भी कहा था कि सरकार इस रिजर्वेशन में क्रीमी लेयर का विकल्प भी तलाशे। यह फैसला आने के बाद सत्ता पक्ष के ही कई नेताओं ने नाराज होकर अपनी असहमति जताई थी। केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान सहित कई अन्य नेताओं ने इसका विरोध किया था। जिसके बाद से ही केंद्र सरकार इस मामले में बेहद सतर्क रूप से आगे बढ़ रही थी।
सुप्रीम कोर्ट ने इसलिए सुनाया था फैसला
सुप्रीम कोर्ट की संवैधानिक बेंच ने चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड की अगुआई में यह परीक्षण कर रही थी कि क्या पिछड़ी जाति ऐक्ट 2006 व पंजाब अनुसूचित जाति के तहत मजहाबी सिख और वाल्मीकि को रिजर्वेशन कोटे के तहत सरकारी नौकरी में प्राथमिकता दी जा सकती है। जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि राज्य सरकारें SC-ST कोटे में उप वर्ग बनाकर रिजर्वेशन दे सकती है। कोर्ट का यह आदेश आते ही SC-ST संगठनों ने सरकार के पास अपनी आपत्तियां दर्ज करवाई थी।
प्रधानमंत्री ने सांसदों को दिया था आश्वासन
इस मामले में बीजेपी सांसदों के एक प्रतिनिधिमंडल ने पीएम मोदी से मुलाकात कर अपनी चिंता जताते हुए सुप्रीम कोर्ट के फैसले का विरोध किया था। पीएम मोदी ने भी इस मुलाकात की जानकारी अपने X अकाउंट पर देते हुए कहा था कि, SC/ST समुदायों के कल्याण और सशक्तीकरण के लिए हम पूरी तरह से प्रतिबद्ध हैं। वहीं इस प्रतिनिधिमंडल में शामिल राज्यसभा सदस्य सिकंदर कुमार ने कहा, हमने प्रधानमंत्री के सामने सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी पर चिंता व्यक्त की थी। प्रधानमंत्री ने हम सभी को आश्वासन दिया कि केंद्र सरकार सुप्रीम कोर्ट के फैसले को लागू नहीं होने देगी।
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