क्यों Jammu-Kashmir में भाजपा को नहीं चाहिए पॉलिटिकल बैकग्राउंड वाले युवा?

Jammu-Kashmir

जम्मू-कश्मीर (Jammu-Kashmir) के विधानसभा चुनाव का ऐलान हो चुका है। यहां की 90 सीटों पर 18 सितंबर, 25 सितंबर और 1 अक्टूबर को वोट डाले जाएंगे। चुनावी विगुल बजते ही सभी पार्टियां अपनी तैयारियों में जुट गई हैं। 10 साल बाद यहां हो रहा विधानसभा चुनाव भाजपा के लिए अग्निपरीक्षा होने वाली है। इसलिए भाजपा खास रणनीति बनाने में जुटी है। कहा जा रहा है कि जम्मू-कश्मीर की ज्‍यादा से ज्‍यादा सीटें जीतने के लिए भाजपा गैर राजनीतिक परिवार से ताल्लुक रखने वाले उम्‍मीदवारों को मैदान में उतारने का विचार कर रही है। ये 25 से 40 आयु वर्ग के होंगे। ऐसे उम्मीदवारों के चयन के लिए भाजपा हर विधानसभा में प्रभारी नियुक्त करेगी। 

खेलकूद और कला-संस्कृति से संबंध रखने वाले युवाओं को देगी खास वरियता 

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, भाजपा जल्‍द ही अपने एक वरिष्‍ठ नेता को प्रत्याशियों का पैनल तैयार करने की जिम्मेदारी सौंपेगी। जिसके बाद सभी विधानसभा से दो-चार ऐसे युवा उम्मीदवारों की लिस्ट तैयार की जाएगी, जिनका सियासी बैकग्राउंड नहीं हो। अपने इस लिस्‍ट में भाजपा खेलकूद और कला-संस्कृति से संबंध रखने वाले

युवाओं को खास वरियता देगी। भाजपा सूत्रों के अनुसार, पार्टी ने कश्‍मीर घाटी में ऐसे युवाओं की सूची पहले ही तैयार कर ली है, जिन्‍होंने केंद्र सरकार की योजनाओं से आम जनता को जोड़ने में बड़ी भूमिका निभाई है।

जम्मू-कश्मीर में 10 साल में हुआ है काफी बदलाव 

बता दें कि, जम्मू-कश्मीर (Jammu-Kashmir) में आखिरी विधानसभा चुनाव 2014 में हुआ था। 20 दिसंबर 2018 को सरकार गिरने के बाद यहां राष्ट्रपति शासन लागू हो गया।, फिर 2019 में अनुच्छेद 370 हटा दिया गया। जिसके बाद अब यहां पहली बार विधानसभा चुनाव होने जा रहे हैं। 2014 से लेकर 2024 तक 10 सालों में यहां बहुत कुछ बदल चुका है।

जम्‍मू-कश्‍मीर के अंदर हैं कुल 95 सीटें 

2014 के विधानसभा चुनाव में जम्‍मू-कश्‍मीर (Jammu-Kashmir) में 87 सीटें थीं। इसमें लद्दाख की 4 सीटें भी शामिल थी। परिसीमन के बाद लद्दाख की सीटें हटाकर 90 हो गई हैं। जिसमें 43 जम्मू संभाग में और 47 कश्मीर संभाग में हैं। वहीं लद्दाख अलग होकर अब केंद्र शासित क्षेत्र बन चुका है। परिसीमन के बाद राज्‍य में जो 7 नई विधानसभा सीटें बढ़ी हैं, उनमें से 6 जम्मू और 1 कश्मीर संभाग में हैं। इसके अलावा राज्‍यपाल को भी 5 सदस्य मनोनीत करने का अधिकार होगा। ऐसे में जम्‍मू कश्‍मीर के अंदर कुल 95 सीटें हो जाती हैं।

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