क्रिकेट की दुनिया में एक चमकता सितारा, मोहम्मद अजहरुद्दीन का नाम आज फिर से सुर्खियों में है। लेकिन इस बार वजह कुछ अलग है। मनी लॉन्ड्रिंग केस (money laundering case) में ED ने उन्हें तलब किया है। आइए जानते हैं कि आखिर क्या है पूरा मामला और क्यों अजहरुद्दीन ED के रडार पर (Azharuddin on ED’s radar) आ गए हैं।
क्रिकेट से राजनीति तक का सफर
मोहम्मद अजहरुद्दीन का सफर बहुत रोचक रहा है। वो एक ऐसे क्रिकेटर थे जिन्होंने अपने खेल से सबका दिल जीता। उनकी बल्लेबाजी देखने में बहुत सुंदर लगती थी। लोग कहते थे कि उनके हाथों में जादू है। मैदान पर वो अपनी कलाई के जादू से गेंद को चारों तरफ भेजते थे। लेकिन क्रिकेट छोड़ने के बाद उन्होंने राजनीति में कदम रखा। वो कांग्रेस पार्टी में शामिल हो गए और सांसद भी बने। इसके बाद उन्होंने हैदराबाद क्रिकेट एसोसिएशन (HCA) के अध्यक्ष का पद भी संभाला। लेकिन अब लगता है कि उनकी मुश्किलें बढ़ गई हैं।
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ED ने क्यों बुलाया अजहरुद्दीन को?
ED ने अजहरुद्दीन को एक मनी लॉन्ड्रिंग केस (money laundering case) में पूछताछ के लिए बुलाया है। यह केस हैदराबाद क्रिकेट एसोसिएशन से जुड़ा हुआ है। ED का कहना है कि जब अजहरुद्दीन HCA के अध्यक्ष थे, तब कुछ पैसों का गलत इस्तेमाल हुआ था। ED ने उन्हें गुरुवार को अपने दफ्तर आने को कहा था। लेकिन अजहरुद्दीन नहीं गए और उन्होंने कुछ समय मांगा है। ED यह जानना चाहता है कि क्या अजहरुद्दीन ने किसी गलत काम में हिस्सा लिया था या नहीं।
मामला क्या है?
यह मामला राजीव गांधी क्रिकेट स्टेडियम से जुड़ा हुआ है। यह स्टेडियम हैदराबाद के उप्पल में है। कहा जा रहा है कि इस स्टेडियम के लिए जो सामान खरीदा गया, उसमें गड़बड़ी हुई। ED का कहना है कि करीब 20 करोड़ रुपये का घोटाला हुआ है। इस पैसे से डीजल जनरेटर, आग बुझाने के उपकरण और कैनोपी खरीदने थे। लेकिन ED को लगता है कि इस काम में बहुत गड़बड़ी हुई। उन्होंने कई जगहों पर छापे भी मारे और कुछ दस्तावेज और पैसे भी जब्त किए।
ED को मिले कई महत्वपूर्ण दस्तावेज
ED ने नवंबर 2023 में तेलंगाना में नौ जगहों पर छापे मारे थे। इनमें HCA के पूर्व अध्यक्ष, उपाध्यक्ष और सचिव के घर भी शामिल थे। ED ने कुछ कंपनियों के दफ्तरों में भी छापे मारे थे। इन छापों में ED को कई महत्वपूर्ण दस्तावेज मिले। इनसे पता चला कि कई कंपनियां बड़ी मात्रा में कैश का लेन-देन कर रही थीं। खासकर रियल एस्टेट के काम में यह देखा गया।
ऐसा लगता है कि HCA के कुछ लोगों ने मिलकर यह सब किया। उन्होंने बिना ठीक से टेंडर प्रक्रिया अपनाए, अपने पसंद के लोगों को काम दे दिया। कई बार तो कोटेशन आने से पहले ही काम दे दिया गया। कई ठेकेदारों को पैसे पहले दे दिए गए, लेकिन उन्होंने कोई काम नहीं किया। अब ED इस पूरे मामले की जांच कर रहा है। वो जानना चाहता है कि किसने क्या गलती की और कैसे इतना बड़ा घोटाला हुआ। इसीलिए उन्होंने अजहरुद्दीन को बुलाया है। अब देखना यह है कि आगे क्या होता है और इस मामले का क्या नतीजा निकलता है।
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