Mahakumbh 2025: मकर संक्रांति के दौरान महाकुंभ के अलावा प्रयागराज से 900 KM दूर यहां 30 लाख लोगों ने लगाई डुबकी
विश्व के सबसे बड़े पर्व महाकुंभ (Mahakumbh 2025) का आगाज हो चुका है। त्रिवेणी संगम में जहां देखों वहां श्रद्धालुओं और साधु-संतों की भीड़ ही भीड़ है। भीड़ का अंदाजा इसी से लगा सकते हैं कि मकर संक्रांति के मौके पर प्रयागराज के संगम घाट पर महास्नान करने हेतु करोड़ों लोगों का जनसैलाब उमड़ा। इस दौरान क्या आम-जनमानस और क्या साधु संत, सभी ने संगम में आस्था की महाडुबकी लगाई। यह तो ठीक, लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि एक तरफ जहाँ महाकुंभ के दौरान करोड़ों की संख्या भक्तगणों ने संगम में डुबकी लगाई, तो वहीं संगम से तकरीबन 900 किलोमीटर दूर 30 लाख से अधिक लोगों ने गंगा में पवित्र स्नान किया। प्रयागराज से सैकड़ों किलोमीटर दूर मकर संक्रांति के दिन हर-हर गंगे का जयकारा गूंज उठा। आपको बता दें कि गंगासागर के मेले में भी लोगों ने पूरी आस्था के साथ गंगा में स्नान किया। महाकुंभ (Mahakumbh 2025) के गंगासागर में भी लाखों श्रद्धालुओं ने लगाईं डुबकी महाकुंभ (Mahakumbh 2025) के दौरान प्रयागराज के महाकुंभ की खूब चर्चा है। मगर पश्चिम बंगाल का गंगासागर मेला भी किसी कुंभ से कम नहीं। गंगासागर स्नान को लेकर कहा जाता है कि “सारे तीरथ बार-बार गंगासागर एक बार।” इस मेले की खास बात यह कि मकर संक्रांति के मौके पर ही गांगासागर का मेला लगता है। जानकारी के मुताबिक मकर संक्रांति के अवसर पर पश्चिम बंगाल के दक्षिण 24 परगना जिले में हुगली नदी और बंगाल की खाड़ी के संगम स्थल गंगासागर में मंगलवार को महज एक दिन में लगभग 30 लाख श्रद्धालुओं ने डुबकी लगाई। इसकी पुष्टि खुद पश्चिम बंगाल के अधिकारी ने की है। इसे भी पढ़ें:-श्मशान की राख और भभूत के साधक: अघोरी और नागा साधु का रहस्यमयी संसार महाकुंभ में (Mahakumbh 2025) 13 अखाड़ों के साधु संतों ने बारी-बारी अमृत स्नान किया बड़ी बात यह कि कड़ाके की ठंड के बावजूद श्रद्धालुओं ने न सिर्फ गंगासागर में पवित्र स्नान किया बल्कि वहां मौजूद कपिल मुनि के आश्रम में पूजा-अर्चना भी की। शाही स्नान का शुभ मुहूर्त सुबह छह बजकर 58 मिनट पर शुरू हुआ था और यह अगले 24 घंटे तक जारी रहा। पश्चिम बंगाल के मंत्री अरूप विश्वास की मानें तो एक जनवरी से अब तक कुल 85 लाख तीर्थयात्री गंगासागर में स्नान कर चुके हैं। बात करें महाकुंभ की तो, मकर संक्रांति एक पावन अवसर पर मंगलवार को 13 अखाड़ों के साधु संतों ने बारी-बारी अमृत स्नान किया। महाकुंभ मेला प्रशासन के मुताबिक, मकर संक्रांति पर 3.50 करोड़ श्रद्धालुओं ने गंगा और संगम में आस्था की डुबकी लगाई। Latest News in Hindi Today Hindi news हिंदी समाचार MakarSankranti2025#HolyDip#Mahakumbh2025#Prayagraj#Pilgrimage2025