144 साल बाद बन रहा है दुर्लभ त्रिवेणी योग, महाकुंभ 2025 को बना रहा है खास
प्रयागराज में शुरू हुए महाकुंभ 2025 हिंदू धर्म का सबसे बड़ा और पवित्र आयोजन है, जिसका इंतजार करोड़ों श्रद्धालु बेसब्री से कर रहे थें। इस बार का महाकुंभ 144 वर्षों बाद एक अद्वितीय खगोलीय संयोग के साथ आ रहा है, जिसने इसे और भी खास बना दिया है। इसे धर्म, आस्था और आध्यात्मिकता का महापर्व माना जाता है, जिसमें दुनिया भर से श्रद्धालु संगम में स्नान करने और मोक्ष की प्राप्ति के लिए एकत्रित होते हैं। आइए जानते हैं इस महाकुंभ को खास बनाने वाले अद्भुत संयोग और इसके महत्व के बारे में। 144 वर्षों बाद का दुर्लभ संयोग इस बार का महाकुंभ (Mahakumbh) खगोलीय दृष्टि से बेहद खास है। 144 साल बाद, महाकुंभ के दौरान ऐसा संयोग बन रहा है जब ग्रहों की विशेष स्थिति पवित्र संगम को अत्यंत शुभ और ऊर्जावान बना रही है। ज्योतिषियों के अनुसार, इस महाकुंभ के दौरान सूर्य, चंद्रमा और बृहस्पति एक साथ मकर राशि में रहेंगे, जो “त्रिवेणी योग” का निर्माण करता है। यह योग मानव जीवन में सकारात्मक ऊर्जा, समृद्धि, और आध्यात्मिक जागरूकता को बढ़ाने वाला माना जाता है। पिछली बार ऐसा अद्भुत संयोग 1881 में हुआ था, और अब यह 2025 में बनने जा रहा है। यह विशेष संयोग इसे अन्य महाकुंभ से अलग और अधिक महत्वपूर्ण बनाता है। महाकुंभ का महत्व महाकुंभ हर 12 साल में आयोजित होता है, लेकिन यह चार स्थानों – प्रयागराज, हरिद्वार, उज्जैन और नासिक में बारी-बारी से आयोजित किया जाता है। महाकुंभ का आयोजन 12 कुंभों के बाद होता है और इसे “महाकुंभ” कहा जाता है। इसे जीवन में शुद्धिकरण और आत्मा की उन्नति के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण माना गया है। महाकुंभ के दौरान, प्रयागराज का पवित्र संगम स्थल (गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती का मिलन बिंदु) आस्था का केंद्र बन जाता है। श्रद्धालु इस दौरान संगम में स्नान करके अपने पापों का नाश और पुण्य की प्राप्ति की कामना करते हैं। खास क्यों है महाकुंभ 2025? महाकुंभ के प्रमुख आयोजन और कार्यक्रम महाकुंभ के दौरान प्रयागराज में कई धार्मिक, सांस्कृतिक और आध्यात्मिक कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। इन कार्यक्रमों में प्रमुख रूप से संत महात्माओं के प्रवचन, भजन-कीर्तन, धार्मिक प्रदर्शनियां और यज्ञ शामिल हैं। इन आयोजनों का उद्देश्य न केवल आध्यात्मिकता का प्रसार करना है, बल्कि समाज में सकारात्मक बदलाव लाना भी है। इसे भी पढ़ें: Mahakumbh Mela 2025: महाकुंभ 2025 की शुरुआत, ग्रह-राशियों के योग की विशेष भूमिका प्रयागराज में महाकुंभ की तैयारियां महाकुंभ 2025 के आयोजन को सफल बनाने के लिए सरकार और प्रशासन ने व्यापक तैयारियां की हैं। संगम क्षेत्र को भव्य रूप से सजाया जा रहा है। स्नान घाट, टेंट सिटी, परिवहन और सुरक्षा के विशेष इंतजाम किए गए हैं। श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए पवित्र स्थल तक आसान पहुंच और स्वच्छता का विशेष ध्यान रखा गया है। महाकुंभ और मोक्ष की प्राप्ति महाकुंभ का मुख्य उद्देश्य मोक्ष की प्राप्ति और आत्मशुद्धि है। मान्यता है कि महाकुंभ के दौरान संगम में स्नान करने से व्यक्ति के पापों का नाश होता है और उसे ईश्वर की कृपा प्राप्त होती है। यह आयोजन हमें धर्म, आस्था और आत्मिक उन्नति का महत्व सिखाता है। Latest News in Hindi Today Hindi news हिंदी समाचार #MahaKumbh2025 #RareTriveniYoga #KumbhMela #Spirituality #HinduTraditions