"Mystic World of Aghori & Naga Sadhus"

श्मशान की राख और भभूत के साधक: अघोरी और नागा साधु का रहस्यमयी संसार 

श्मशान की राख और भभूत के रहस्यमयी साधकs भारतीय साधु-संतों की परंपरा में अघोरी और नागा साधु का अपना-अपना विशिष्ट स्थान है। दोनों ही गहन साधना और तपस्या के प्रतीक हैं, लेकिन इनकी साधना की विधि, जीवनशैली और उद्देश्यों में कई अंतर हैं। अघोरी और नागा साधु के रहस्यमयी जीवन और उनके तौर-तरीकों ने हमेशा ही आमजन को आकर्षित और चकित किया है। आइए, इन दोनों साधु संप्रदायों के बीच के प्रमुख अंतर को समझें। अघोरी: शिव के उग्र साधक अघोरी साधु शिव के रौद्र और उग्र रूप के उपासक माने जाते हैं। ये साधु श्मशान घाट में साधना करते हैं और मृत्यु के रहस्य को समझने का प्रयास करते हैं। अघोरी साधुओं का जीवन पूरी तरह से निर्भीकता और सामाजिक बंधनों से परे होता है। अघोरी साधुओं की विशेषताएं: नागा साधु: धर्म और रक्षा के योद्धा नागा साधु हिंदू धर्म के योद्धा माने जाते हैं। वे शिव के वैरागी रूप के अनुयायी होते हैं और धर्म की रक्षा के लिए समर्पित रहते हैं। नागा साधुओं का जीवन कठिन तपस्या, अनुशासन और समर्पण पर आधारित होता है। नागा साधुओं की विशेषताएं: इसे भी पढ़ें:- महाकुंभ में हिंदू साधु-संत क्यों करते हैं पेशवाई और शाही स्नान? जानें इतिहास मुख्य अंतर: Latest News in Hindi Today Hindi news हिंदी समाचार #SacredAshRituals #AghoriLifestyle #MysticSadhus #ShamshanRituals #AghoriPractices #NagaMonks #SpiritualIndia

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