Black Hornet Nano Drone: कश्मीर में आतंकियों के जी का काल बन बैठी है लोहे की यह चिड़िया
एक लोहे की चिड़िया जम्मू-कश्मीर में आतंकियों के लिए काल बन बैठी है। खासियत यह कि बिना आवाज किए दुश्मन के ठिकाने में घुसकर भारतीय सेना को पूरी जानकारी लाकर देती है। आतंकी चाहें कहीं भी क्यों न छिपे बैठे हों, यह किसीको भनक लगे बिना गुप्त से गुप्त जानकारी निकाल लाती है। दरअसल, 33 ग्राम वजन का नैनो ड्रोन (Black Hornet Nano Drone) है, जिसका इस्तेमाल आतंकरोधी अभियानों में भारतीय सेना की स्पेशल फोर्स कर रही है। बता दें कि अखनूर में मंदिर में छिपे तीन आतंकियों को मार गिराने में भी इस ड्रोन ने अहम भूमिका निभाई थी। इस ब्लैक हार्नेट नैनो ड्रोन से दुश्मन चाहकर भी नहीं बच सकता। यह माइनस 10 डिग्री से लेकर 49 डिग्री तक के तापमान में काम कर सकती है।
कश्मीर व लद्दाख के उच्चतम इलाकों में भी काम करने में (Black Hornet Nano Drone) है सक्षम
इस नैनो ड्रोन (Black Hornet Nano Drone) की खासियत यह कि बिना आवाज किए दुश्मन के ठिकाने में छोटी सी छोटी जगह से घुसकर सैनिकों को पूरी जानकारी लाकर देती है। जानकारी मिलने के बाद फिर सेना आपरेशन चलाकर बिना आतंकियों को ढेर कर देती है। बता दें कि भारतीय सेना की स्पेशल फोर्स के बेड़े में शामिल ब्लैक हार्नेट, जिसे नैनो ड्रोन भी कहते हैं। यह ड्रोन कश्मीर व लद्दाख के उच्चतम इलाकों में भी काम करने में सक्षम है। बड़ी बात यह कि ये छोटे नैनो ड्रोन स्पेशल फोर्स के विशेष अभियानों को मारक बना रहे हैं। सेना की आधुनिकीकरण के चलते आतंकवाद का सफाया करने में जुटी सेना की बटालियनों को ये ड्रोन उपलब्ध करवाने की कोशिश जारी है। साल 2023 में इस ड्रोन को जम्मू-कश्मीर में सेना के बेड़े में शामिल किया गया था। इसके बाद से लगातार आतंकवाद विरोधी अभियानों में इसका इस्तेमाल हो रहा है। सेना की स्पेशल फोर्स ने मंगलवार को ये ड्रोन अखनूर में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के कार्यक्रम के दौरान प्रदर्शित किया था। आइए जानते हैं ब्लैक हार्नेट नैनो ड्रोन की विशेषता।
ब्लैक हार्नेट (Black Hornet Nano Drone) एचडी तस्वीरें खींचने के साथ उनका लाइव वीडियो प्रसारित करने में सक्षम है।
- इस ड्रोन को नार्वे में तैयार किया गया है।
- इसका डिस्पले 586 ग्राम, हैंड कंट्रोल 104 ग्राम व बेस स्टेशन 526 ग्राम का है।
- यह 25 मिनट तक हवा में रह सकता है।
- इसकी स्टोरेज 64 जीबी है
- ये ड्रोन ऐसे कैमरों से लैस हैं।
यह इतना छोटा है कि इसे हाथ में भी रखा जा सकता है
- यह ड्रोन एक छोटे हेलीकॉप्टर जैसा है।
- इस पर दो ट्विन रोटर लगे हुए हैं।
- इसकी उड़ान की रेंज करीब दो किलोमीटर है।
- एन्क्रिप्टेड सिग्नल पर ड्रोन को उड़ाया जाता है।
- ड्रोन की ग्राउंड कंट्रोल स्टेशन इकाई इतनी छोटी है कि इसे हाथ में भी रखा जा सकता है।
दरवाजे और खिड़की से आसानी से अंदर घुस कर आतंकी की पूरी जानकारी देता है (Black Hornet Nano Drone)
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- इसमें आवाज न के बराबर है।
- छिपे आतंकी के तीन मीटर तक पहुंचने के बाद भी उसे इसका पता नहीं चलता है।
- यह कंट्रोल रूम में आतंकियों के छिपने की सटीक जानकारी देता है।
- यह ड्रोन रोशनदान, दरवाजे और खिड़की से आसानी से अंदर घुस कर पूरी जानकारी देता है।
- यह ड्रोन प्राकृतिक आपदाओं के दौरान फंसे लोगों के बारे में सटीक जानकारी देने में भी सक्षम है।
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