Shani Vakri: शनि की उलटी चाल से जुड़ी जरूरी बातें, आप भी कर लें नोट

शनि की वक्री

शनि ग्रह को ज्योतिष में न्याय का देवता माना जाता है। इसकी उलटी चाल, जिसे शनि की वक्री (Shani Vakri) स्थिति कहा जाता है, व्यक्ति के जीवन में कई प्रकार के प्रभाव डाल सकती है। जब शनि वक्री होता है, तो इसका प्रभाव विभिन्न राशियों पर अलग-अलग तरीके से पड़ता है। शनि की वक्री चाल के दौरान अपने कर्मों पर ध्यान दें, क्योंकि इसका प्रभाव आपके जीवन में सकारात्मक या नकारात्मक दोनों तरीकों से पड़ सकता है। इस समय उचित उपाय और सावधानियाँ अपनाकर आप कठिनाइयों को दूर कर सकते हैं।  इस लेख में हम शनि की वक्री चाल के बारे में कुछ महत्वपूर्ण बातें साझा करेंगे, ताकि आप इसका प्रभाव और उपाय समझ सकें।

शनि की वक्री (Shani Vakri) चाल का महत्व

शनि का वक्री होना ज्योतिष में एक महत्वपूर्ण घटना है। जब शनि वक्री होता है, तो यह व्यक्ति के कर्मों के फल को प्रदर्शित करता है। इसका मतलब है कि जो लोग अपने कर्मों को लेकर सजग नहीं हैं, उन्हें इस समय अपने कार्यों का फल भुगतना पड़ सकता है। इसलिए, इस समय में अपने कर्मों को सही दिशा में लगाना महत्वपूर्ण होता है।

  • इन नियमों का करें पालन
  • इस दिन सफाई का विशेष ध्यान रखें
  • स्नान के पानी में गंगाजल अवश्य मिलाना चाहिए
  • शनिदेव की पूजा विधि के अनुसार करें
  • शनि के अशुभ प्रभाव को कम करने हेतु हनुमान चालीसा का करें पाठ 
  • पीपल के पेड़ के पास सरसों के तेल का दीपक जलाएं
  • इस दिन दान-पुण्य करना भी शुभ माना जाता है
  • गरीबों की मदद अवश्य करें
  • इस दिन छाया का दान करें
  • इस तिथि पर सात्विक भोजन का सेवन करें
  • किसी का अपमान न करें
  • अपने कर्मचारियों और घरेलू सहायकों के साथ बुरा व्यवहार न करें
  • तामसिक भोजन, जैसे मांस और शराब, से बचें
  • अभद्र भाषा के प्रयोग से बचें

उपाय और सावधानियाँ

शनि की वक्री (Shani Vakri) चाल के समय कुछ विशेष उपाय करने से इसके नकारात्मक प्रभावों को कम किया जा सकता है:

  • शनि की पूजा: हर शनिवार को शनि देव की पूजा करें। उन्हें काले तिल, काला कपड़ा और तेल का भोग अर्पित करें।
  • दातुन: शनिवार को दातुन करने से शनि की कृपा प्राप्त होती है। यह आपकी स्वास्थ्य स्थिति को बेहतर बनाने में भी मदद करता है।
  • जप और ध्यान: शनि मंत्र का जप करें और ध्यान लगाएं। इससे मानसिक शांति मिलेगी और नकारात्मकता दूर होगी।
  • सकारात्मकता का संचार: नकारात्मक विचारों से दूर रहकर सकारात्मक सोच को बढ़ावा दें। यह आपके जीवन में सकारात्मक ऊर्जा लाएगा।
  • काले रंग से परहेज: शनिवार को काले रंग से बचें। यह दिन आपके लिए विशेष महत्व रखता है, इसलिए इस दिन सफेद या नीला रंग पहनें।
  • कर्मों पर ध्यान दें: इस समय अपने कर्मों को सकारात्मक दिशा में लगाएं। दूसरों के प्रति दया और करुणा का भाव रखें।

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