उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में एक डॉक्टर को अपनी लापरवाही के चलते कोर्ट ने उसे 10 लाख रूपये का जुर्माना (Doctor fined 10 lakh) लगाते हुए मरीज को देने का आदेश दिया है। आपको जानकर हैरानी होगी कि डॉक्टर की दवाओं का मरीज पर ऐसा साइड इफेक्ट हुआ कि अब वह जीवन भर वह पिता नहीं बन सकता। दरअसल, जौनपुर के एक पीड़ित ने उपभोक्ता आयोग में याचिका दाखिल की थी। युवक ने अपनी याचिका में बताया था कि “शादी के बाद बच्चा प्राप्त करने के लिए 14 साल तक प्रयागराज के मशहूर डॉ अरविंद गुप्ता से फिनिक्स अस्पताल में इलाज कराया था। डॉक्टर अरविंद गुप्ता प्रयागराज के मोतीलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज में नेफ्रोलॉजी के प्रोफेसर हैं और वो फिनिक्स अस्पताल समेत कई संस्थानों में भी प्रैक्टिस करते हैं।
साइड इफेक्ट के चलते पीड़ित के पिता बनने की संभावना हो गई है समाप्त
खैर, इस बीच इलाज के दौरान उन्होंने पीड़ित को हार्मोन के कई इंजेक्शन लगाए गए थे। इस तरह समय बीतता गया और आराम एक पैसा का नहीं हुआ। इस तरह इलाज के बाद भी कोई रिजल्ट न मिलने पर पीड़ित ने दूसरे डॉक्टर से संपर्क किया। फिर दूसरे डॉक्टर की जांच में साफ हुआ कि डॉक्टर अरविंद गुप्ता के इलाज से पीड़ित का भारी नुकसान हुआ है। उनके इलाज के साइड इफेक्ट के चलते पीड़ित के पिता बनने की संभावना समाप्त हो गई है।
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राज्य उपभोक्ता आयोग ने लगाया 10 लाख रुपए का जुर्माना (Doctor fined 10 lakh)
इस मामले की सुनवाई करते हुए राज्य उपभोक्ता आयोग के पीठासीन अधिकारी ने डॉक्टर अरविंद गुप्ता पर 10 लाख रुपए का जुर्माना (Doctor fined 10 lakh) लगाया। जुर्माने की रकम के साथ केस के दौरान खर्च के लिए 25 हजार रुपए देने का आदेश दिया गया। यही नहीं पूरी रकम नौ फीसदी ब्याज के साथ 30 दिन के अंदर पीड़ित को देने का आदेश दिया गया। इसके साथ ही निजी अस्पताल पर सरकारी डॉक्टर से इलाज करवाने के लिए एक लाख रुपए का भी जुर्माना लगाया।
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