23 अगस्त, 2024 को पीएम मोदी (PM Modi) यूक्रेन की राजधानी कीव पहुंचे। यह दौरा कई मायनों में ऐतिहासिक है। सबसे पहले, यह किसी भारतीय प्रधानमंत्री की यूक्रेन की पहली यात्रा है। दूसरा, यह यात्रा रूस-यूक्रेन युद्ध के बीच हो रही है, जो इसे और भी महत्वपूर्ण बनाता है। इस यात्रा से न केवल भारत-यूक्रेन संबंधों में नया अध्याय शुरू होने की उम्मीद है, बल्कि यह वैश्विक शांति प्रयासों में भी एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।
PM Modi यूक्रेन दौरा: एक मित्र और साझेदार के रूप में
पीएम मोदी (PM Modi) का यह दौरा भारत और यूक्रेन के रिश्तों में एक नया मोड़ लाने वाला है। यूक्रेन ने 1991 में सोवियत संघ से आजादी हासिल की थी और 1992 में भारत-यूक्रेन के बीच राजनयिक संबंध स्थापित हुए थे। लेकिन इतने वर्षों में किसी भारतीय प्रधानमंत्री ने यूक्रेन की यात्रा नहीं की थी। इस लिहाज से यह यात्रा बेहद महत्वपूर्ण है।
दुनिया भर में बन गई है चर्चा का विषय
इस यात्रा का एक और महत्वपूर्ण पहलू है इसका समय। रूस-यूक्रेन युद्ध के बीच हो रही यह यात्रा दुनिया भर में चर्चा का विषय बन गई है। भारत ने अब तक रूस के यूक्रेन पर हमले की निंदा नहीं की है, लेकिन प्रधानमंत्री मोदी (PM Modi) ने अपने बयान में कहा है, “एक मित्र और साझेदार के रूप में, हम क्षेत्र में शांति और स्थिरता की जल्द वापसी की उम्मीद करते हैं।” यह बयान भारत की स्थिति को स्पष्ट करता है और शांति की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
यात्रा की तैयारियां और सुरक्षा व्यवस्था
पीएम मोदी (PM Modi) की इस यात्रा के लिए व्यापक तैयारियां की गई हैं। सुरक्षा के मद्देनजर, पीएम मोदी पोलैंड से ट्रेन द्वारा यूक्रेन पहुंचे। उनके साथ राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल और विदेश मंत्री एस जयशंकर भी हैं, जो इस यात्रा के महत्व को और बढ़ाता है। कीव में पीएम मोदी का स्वागत भारतीय समुदाय के लोगों ने किया। यह दर्शाता है कि यूक्रेन में रह रहे भारतीय भी इस यात्रा को लेकर उत्साहित हैं। यूक्रेन में रह रहे लगभग 1,000 भारतीयों की सुरक्षा पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है, जो वर्तमान परिस्थितियों में बेहद महत्वपूर्ण है।
इस यात्रा से कई महत्वपूर्ण परिणामों की है उम्मीद
- सबसे पहले, युद्ध समाधान पर चर्चा होने की संभावना है। भारत युद्ध को खत्म करने के लिए बातचीत पर जोर दे सकता है, जो वैश्विक शांति प्रयासों में एक महत्वपूर्ण योगदान होगा।
- आर्थिक सहयोग भी इस यात्रा का एक प्रमुख एजेंडा हो सकता है। दोनों देश व्यापार बढ़ाने पर सहमत हो सकते हैं, जो दोनों अर्थव्यवस्थाओं के लिए फायदेमंद होगा।
- 2021-22 में भारत-यूक्रेन व्यापार $3.1 अरब था, जिसे बढ़ाने की काफी गुंजाइश है।
- शिक्षा और संस्कृति के क्षेत्र में सहयोग भी चर्चा का एक महत्वपूर्ण विषय हो सकता है। युद्ध से पहले यूक्रेन में लगभग 20,000 भारतीय छात्र पढ़ाई कर रहे थे। इन छात्रों की सुरक्षा और भविष्य पर चर्चा होने की संभावना है।
- तकनीकी सहयोग, विशेष रूप से IT और अंतरिक्ष क्षेत्र में, भी इस यात्रा का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हो सकता है। दोनों देशों के बीच इन क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने की काफी संभावनाएं हैं।
पूरे विश्व के लिए है महत्वपूर्ण PM Modi की यह यात्रा
पीएम मोदी (PM Modi) का यूक्रेन दौरा न केवल भारत-यूक्रेन संबंधों के लिए, बल्कि पूरे विश्व के लिए महत्वपूर्ण है। यह यात्रा दिखाती है कि भारत वैश्विक मुद्दों पर अपनी आवाज उठाने के लिए तैयार है और दुनिया में शांति और समृद्धि लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। संयुक्त राष्ट्र महासचिव के कार्यालय ने उम्मीद जताई है कि भारतीय प्रधानमंत्री की यह यात्रा युद्ध को समाप्त करने की संभावना को बढ़ा सकती है। यह बयान इस यात्रा के वैश्विक महत्व को रेखांकित करता है। आने वाले दिनों में इस यात्रा के सकारात्मक परिणाम देखने को मिल सकते हैं। यह न केवल भारत-यूक्रेन संबंधों को मजबूत करेगी, बल्कि वैश्विक शांति प्रयासों में भी एक नया अध्याय जोड़ेगी। प्रधानमंत्री मोदी की यह पहल भारत को एक जिम्मेदार वैश्विक शक्ति के रूप में स्थापित करने में मदद करेगी।
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