गणेश चतुर्दशी, जिसे गणेश चतुर्थी के नाम से भी जाना जाता है, हिंदू धर्म का एक महत्वपूर्ण त्योहार है, जो भगवान गणेश के जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है। इस दिन को विशेष रूप से पुण्य और समृद्धि की प्राप्ति के लिए पूजा जाता है। हालांकि, इस पर्व के दिन चंद्रमा के दर्शन करने की सलाह नहीं दी जाती है। इसके पीछे कुछ धार्मिक और ज्योतिषीय कारण हैं, जिन्हें समझना आवश्यक है।
गणेश (Ganesha) चतुर्थी के दिन चंद्रमा के दर्शन से जुड़ी पौराणिक कथा
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, गणेश चतुर्दशी के दिन चंद्रमा को देखना अशुभ माना जाता है। इसके पीछे की कथा के अनुसार, जब भगवान गणेश को हाथी के मुख से सजाया गया, तो वे गजानन के नाम से प्रसिद्ध हुए और माता-पिता की पहली परिक्रमा करने के कारण उन्हें अग्रपूज्य माना गया। सभी देवताओं ने उनकी प्रशंसा की, लेकिन चंद्रमा मंद-मंद मुस्कुराते हुए अपने सौंदर्य पर गर्व कर रहा था। गणेशजी ने देखा कि चंद्रमा गर्ववश उनका उपहास कर रहा है और क्रोधित होकर उन्हें काले होने का श्राप दे दिया। चंद्रमा को अपनी गलती का एहसास हुआ और उन्होंने भगवान गणेश से क्षमा मांगी।
भगवान श्रीकृष्ण पर लग गया था मिथ्या दोष
गणेशजी ने कहा कि “सूर्य की किरणों से तुम एक दिन पूर्ण रूप से प्रकाशित हो जाओगे, लेकिन चतुर्थी के दिन तुम्हारे दर्शन को याद किया जाएगा ताकि किसी को भी अपने सौंदर्य पर गर्व न हो। जो कोई भाद्रपद मास की शुक्ल पक्ष की चतुर्थी के दिन तुम्हारे दर्शन करेगा, उसके बारे में झूठे आरोप लगाए जाएंगे।” श्रीमद्भागवत के अनुसार, चतुर्थी तिथि पर चंद्रमा को देखने के कारण भगवान श्रीकृष्ण पर मिथ्या दोष लग गया था। इस दोष से मुक्ति पाने के लिए उन्होंने विधिपूर्वक गणेश चतुर्थी का व्रत किया और इसके माध्यम से दोष से छुटकारा पाया।
गणेश चतुर्दशी के दिन चंद्रमा का विशेष प्रभाव होता है
ज्योतिष के अनुसार, गणेश चतुर्दशी के दिन चंद्रमा की स्थिति और ग्रहों की स्थिति की विशेष महत्वता होती है। चंद्रमा का विशेष प्रभाव इस दिन अधिक होता है, और इसके दर्शन से मानसिक अशांति और दुष्परिणाम हो सकते हैं। इसलिए, ज्योतिषी भी इस दिन चंद्रमा के दर्शन से बचने की सलाह देते हैं।
चंद्रमा के दर्शन से बचने की दी जाती है सलाह
इस दिन गणेश पूजा के साथ, भक्तों को विशेष ध्यान रखना चाहिए कि चंद्रमा के दर्शन से बचें और पूरी श्रद्धा और विश्वास के साथ भगवान गणेश की पूजा करें। इससे न केवल पूजा का पुण्य बढ़ेगा, बल्कि जीवन में सुख-समृद्धि और खुशहाली भी बनी रहेगी। गणेश चतुर्दशी के दिन चंद्रमा के दर्शन से बचने की सलाह धार्मिक मान्यताओं और ज्योतिषीय दृष्टिकोण से दी जाती है, ताकि पूजा का पूर्ण लाभ प्राप्त हो सके और जीवन में किसी भी प्रकार की कठिनाई से बचा जा सके।
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