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बीजेपी के इस विधायक ने दी मस्जिदों में घुसकर मारने की धमकी

महाराष्ट्र के बीजेपी विधायक और पूर्व केंद्रीय मंत्री नारायण राणे के बेटे नितेश राणे (Nitesh Rane) ने एक विवादित बयान दिया है। उन्होंने अहमदनगर में एक सार्वजनिक सभा में कहा कि अगर किसी ने रामगिरि महाराज के खिलाफ कुछ भी कहा, तो वह उनके मस्जिदों के अंदर जाकर उन्हें “चुन-चुनकर मार देंगे”। भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के विधायक और पूर्व केंद्रीय मंत्री नारायण राणे के बेटे नितेश राणे का एक विवादित बयान सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। नितेश राणे ने दी खुली धमकी  नितेश राणे (Nitesh Rane) ने अहमदनगर में एक सार्वजनिक सभा में कहा, “तुम्हें कौम की अगर चिंता होगी, तो हमारे रामगिरि महाराज के खिलाफ कुछ भी नहीं बोलना, वरना वो जबान हम कहीं पर रखेंगे नहीं। जो भाषा में समझते हो न, उसी भाषा में धमकी देकर जाता हूं। हमारे रामगिरि महाराजा के खिलाफ अगर कुछ भी की तो तुम्हारे मस्जिदों के अंदर आकर चुन चुनकर मारेंगे, इतना ध्यान रखना।” यह बयान महाराष्ट्र में तनाव पैदा करता प्रतीत होता है यह बयान महाराष्ट्र में तनाव पैदा करता प्रतीत होता है। नितेश राणे (Nitesh Rane) के इस विवादित बयान के बाद अहमदनगर जिले के श्रीरामपुर और तोपखाना पुलिस क्षेत्राधिकार में दो अलग-अलग मामलों में उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। इससे पहले भी रामगिरि महाराज पर ही पैगंबर मोहम्मद पर विवादित टिप्पणी का आरोप लगा था, जिसके खिलाफ मुस्लिम नेताओं ने कई जगहों पर प्रदर्शन किया है और एफआईआर भी दर्ज कराई है।  महाराष्ट्र में धार्मिक पैदा हो सकता है तनाव  इस विवाद में एक ओर जहां बीजेपी विधायक नितेश राणे (Nitesh Rane) रामगिरि महाराज का समर्थन कर रहे हैं, वहीं दूसरी ओर मुस्लिम नेता उनके खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं। ऐसे में इस विवाद से महाराष्ट्र में धार्मिक तनाव पैदा हो सकता है। सरकार और प्रशासन को इस मामले में तत्काल हस्तक्षेप करके स्थिति को नियंत्रण में लाना होगा, ताकि किसी तरह का धार्मिक उन्माद न फैले। साथ ही, नितेश राणे जैसे नेताओं को भड़काऊ बयानों से परहेज करना चाहिए। #PoliticalNews #IndiaPolitics #CommunalHarmony #BJPMLA #ReligiousViolence #IndiaNews #PoliticalDebate

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Jammu-Kashmir Akhilesh Yadav

Jammu-Kashmir के चुनावी रण में ताल ठोकेगी सपा, की इन सीटों पर उम्मीदवार खड़े करने की घोषणा

जम्मू-कश्मीर (Jammu-Kashmir) की राजनीति में एक नया मोड़ आने वाला है। समाजवादी पार्टी (सपा) ने इस बार के विधानसभा चुनाव में बड़ा दांव खेलने का फैसला किया है। पार्टी ने घोषणा की है कि वह 37 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारेगी। यह कदम सपा के लिए एक नई शुरुआत की तरह है, क्योंकि अब तक वह मुख्य रूप से उत्तर प्रदेश तक ही सीमित थी। इस लेख में हम जानेंगे कि सपा की चुनावी रणनीति क्या है, किन सीटों पर पार्टी ने अपना दावा ठोका है और यह चुनाव जम्मू-कश्मीर के भविष्य को कैसे प्रभावित कर सकता है। जम्मू-कश्मीर में सपा का विस्तार प्लान  समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने पार्टी को राष्ट्रीय स्तर पर फैलाने का बीड़ा उठाया है। जम्मू-कश्मीर (Jammu-Kashmir) चुनाव में 37 सीटों पर चुनावी मैदान में उतरना इसी रणनीति का हिस्सा है। पार्टी के जम्मू-कश्मीर प्रदेश अध्यक्ष जिया लाल वर्मा के मुताबिक, पहले सिर्फ 10 सीटों पर चुनाव लड़ने की योजना थी, लेकिन अब यह संख्या बढ़ाकर 37 कर दी गई है। राजनीतिक महत्व  जम्मू-कश्मीर (Jammu-Kashmir) में पिछले 10 सालों से विधानसभा चुनाव नहीं हुए हैं। 2014 में हुए आखिरी चुनाव में बीजेपी और पीडीपी ने मिलकर सरकार बनाई थी, लेकिन 2018 में यह गठबंधन टूट गया और राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू हो गया। 2019 में केंद्र सरकार ने अनुच्छेद 370 हटाकर राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों में बांट दिया। ऐसे में इस बार का चुनाव महत्वपूर्ण माना जा रहा है। जम्मू-कश्मीर में सपा के लिए सबसे बड़ी चुनौती यह है कि पार्टी का यहां कोई मजबूत आधार नहीं है। लेकिन इसे एक मौका भी माना जा सकता है। अगर सपा कुछ सीटें जीतने में कामयाब रहती है, तो यह उसके लिए एक बड़ी उपलब्धि होगी। रणनीतिक सीटें  सपा ने जिन 37 सीटों पर चुनाव लड़ने का फैसला किया है, उनमें बड़गाम, श्रीनगर, बारामुला, चिरार ए शरीफ, उड़ी, खान साहब, वीरवा, राफियाबाद, चडूरा, पट्टन, हवा कदल, गुलमर्ग, गुरेश, हंदवाडा, लंगेट, गांद्रबल, खनिहार, जाडीवल, शोपर, लोलाब, हजरतबल और ईदगाह शामिल हैं। इन सीटों पर चुनाव लड़कर सपा अपनी जीत की संभावनाएं तलाश रही है। चुनाव का कार्यक्रम जम्मू-कश्मीर (Jammu-Kashmir) की 90 विधानसभा सीटों के लिए 18 सितंबर से 1 अक्टूबर के बीच तीन चरणों में मतदान होगा। नतीजे 4 अक्टूबर को घोषित किए जाएंगे। सरकार बनाने के लिए किसी भी दल या गठबंधन को कम से कम 46 सीटें जीतनी होंगी। इस तरह देखा जाए तो जम्मू-कश्मीर चुनाव में समाजवादी पार्टी का बड़ा दांव काफी महत्वपूर्ण है। पार्टी ने यहां अपनी पैठ बनाने की कोशिश की है और इसके लिए 37 सीटों पर चुनाव लड़ने का फैसला लिया है। हालांकि, इसके लिए कई चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा, लेकिन अगर सपा कुछ सीटें जीतने में सफल होती है तो यह उसके लिए एक बड़ी उपलब्धि होगी। #ElectionStrategy #JammuKashmirPolitics #SPinJK #Election2024 #PoliticalBattle #JKPolitics #SPElections

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Congress

 केरल Congress में ‘कास्टिंग काउच’ का आरोप लगाने वाली महिला नेता को पार्टी से निकाला

केरल (Kerala) के मलयालम फिल्म इंडस्ट्री में एक्ट्रेस के यौन उत्पीड़न का खुलासा होने के बाद से ही हंगामा मचा हुआ है। इसी बीच यहां की एक कांग्रेसी महिला नेता ने यह कहकर हंगामा मचा दिया कि, फिल्मों की तरह ‘कास्टिंग काउच’ जैसी स्थिति कांग्रेस (Congress) के अंदर भी है। इस पार्टी में भी महिलाओं का उत्पीड़न होता है। महिला नेता द्वारा किए गए इस खुलासे के बाद से ही केरल की राजनीति में भूचाल आया हुआ है। वहीं कांग्रेस ने आरोप लगाने वाली अपनी महिला नेता सिमी रोज बेल जान को अपनी प्राथमिक सदस्यता से निष्कासित कर दिया है।   कांग्रेस के अंदर भी महिलाओं को पद पाने के लिए ‘कास्टिंग काउच’ का करना पड़ता है सामना  दरअसल, पूर्व एआईसीसी सदस्य और पीएससी सदस्य सिमी रोज बेल जान एक टीवी चैनल को इंटरव्यू दे रही थी। इस दौरान सिमी रोज बेल जान ने कहा था कि कांग्रेस (Congress) पार्टी के अंदर भी महिलाओं को आगे बढ़ने और पद पाने के लिए ‘कास्टिंग काउच’ का सामना करना पड़ता है। इसके बगैर बड़े नेताओं का समर्थन नहीं मिल पाता। सिमी रोज के इस बयान के सामने आने के बाद केरल (Kerala) प्रदेश कांग्रेस कमेटी (केपीसीसी) ने उन्हें पार्टी से निष्कासित कर दिया।  केपीसीसी ने बयान जारी कर दी सफाई  केपीसीसी के महासचिव एम लिजू ने एक बयान जारी कर कहा कि, “सिमी रोज बेल जान द्वारा लगाए गए आरोपों का उद्देश्य केवल और केवल राजनीतिक स्वार्थ है। वह हमारे राजनीतिक विरोधियों के साथ मिलकर कांग्रेस (Congress) की लाखों महिला कार्यकर्ताओं को बदनाम और मानसिक रूप से परेशान करना चाहती हैं। इस तरह के बेबुनियाद आरोप लगाने पर केपीसीसी की महिला नेताओं और कार्यकर्ताओं ने उनके खिलाफ कार्रवाई करने का अनुरोध किया था। जिसकी वजह से सिमी रोज को पार्टी से निकाल दिया गया।”  महिलाओं को शोषण का करना पड़ता है सामना  वहीं पार्टी के आरोपों पर सिमी रोज बेल जान ने कहा कि, “जो महिलाएं अपना गौरव और गरिमा बचाए रखना चाहती हैं, वे कांग्रेस (Congress) पार्टी में काम नहीं कर सकती हैं। क्योंकि यहां पर महिलाओं को शोषण का सामना करना पड़ता है। अगर कोई इसका विरोध करता है तो उसे पार्टी से ही निकाल दिया जाता है।” सिमी रोज ने इस दौरान यह भी कहा कि, “जल्द ही दूसरी महिलाएं भी इस सच्चाई का खुलासा कर सकती हैं।” #WomenInPolitics #CongressParty #KeralaPolitics #PartyExpulsion #PoliticalNews #CongressControversy #ScandalInPolitics

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PM Modi

जानिए Prime Minister Modi ने क्यों कहा; महिला अपराध से जुड़े न्याय में तेजी लाने की जरूरत

कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में महिला ट्रेनी डॉक्टरों के साथ हुई वीभत्स घटना ने समस्त देशवासियों को झकझोर कर रख दिया था। यहां तक महामहिम द्रौपती मुर्मू ने भी, “अब कुछ करना होगा”, कहा कर अपनी चिंता व्यक्त की थी। राष्ट्रपति की इस टिपण्णी के बाद देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी महिलाओं के खिलाफ आपराधिक घटनाओं पर गहरी चिंता व्यक्त की। दरअसल, सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के 75 वर्ष पूरे होने के अवसर पर बोलते हुए प्रधानमंत्री मोदी (Prime Minister Modi) ने महिलाओं की सुरक्षा को और मजबूत बनाने की बात कही।  देश में महिलाओं की सुरक्षा के लिए कई कठोर कानून बने हैं जिला न्यायपालिका के राष्ट्रीय सम्मेलन में संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी (Prime Minister Modi) ने कहा कि “महिलाओं के खिलाफ अत्याचार और बच्चों की सुरक्षा आज हमारे समाज की गंभीर चिंता का विषय है। देश में महिलाओं की सुरक्षा के लिए कई कठोर कानून बने हैं लेकिन हमें इसे और सक्रिय करने की जरूरत है। पीएम मोदी ने अपनी बात रखते हुए आगे कहा कि “महिला अत्याचार से जुड़े मामलों में जितनी तेजी से फैसले आएंगे, उतनी ही तेजी से आधी आबादी की सुरक्षा उतनी ही मजबूत होगी। साथ ही महिलाओं को उतना ही भरोसा होगा। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारतीय न्याय संहिता के रूप में हमें नया भारतीय न्याय विधान मिला है। नए आपराधिक कानून का फोकस महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा और अधिकार को मजबूत करने पर है।  सुप्रीम कोर्ट ने हमारे मौलिक अधिकारों को सुरक्षित रखा सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के 75 वर्ष पूरे होने के मौके पर प्रधानमंत्री मोदी (Prime Minister Modi) ने कहा कि यह एक संस्था की महज यात्रा भर नहीं है। यह भारत के संविधान और संवैधानिक मूल्यों की यात्रा है। यह यात्रा एक लोकतंत्र के रूप में भारत के और परिपक्व होने की है। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने हमारी संस्था पर हमारे भरोसे और विश्वास को हमेशा बरकरार रखा है। आपातकाल के दौर में भी, सुप्रीम कोर्ट ने हमारे मौलिक अधिकारों को सुरक्षित रखा। और जब भी राष्ट्रीय हित का सवाल खड़ा हुआ, सुप्रीम कोर्ट ने हमेशा राष्ट्रीय अखंडता की रक्षा की। समस्त भारतीयों ने हमारी सुप्रीम कोर्ट पर, हमारी न्यायपालिका पर हमेशा विश्वास किया है।  बीते एक दशक में कई स्तर पर काम हुए हैं प्रधानमंत्री मोदी (Prime Minister Modi) ने कहा कि “न्याय में देरी को खत्म करने के लिए बीते एक दशक में कई स्तर पर काम हुए हैं। पिछले दस सालों में देश ने न्यायिक इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत बनाने के लिए करीब 8 हजार करोड़ रुपए खर्च किया है। पिछले 25 साल में जितनी राशि इस मद में खर्च की गई है, उसका 75 फीसदी पिछले दस सालों में ही हुआ है।   #PMModi #WomenSafety #SupremeCourt75Years #KolkataIncident #JusticeForWomen #IndianJudiciary

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Bengal

चौंकाने वाला खुलासा: Bengal में महिला सुरक्षा की असली तस्वीर, आंकड़े कर देंगे हैरान!

हाल ही में कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में एक ऐसी घटना हुई जिसने पूरे देश को हिला कर रख दिया। एक जूनियर डॉक्टर के साथ बलात्कार और हत्या की इस घटना ने महिला सुरक्षा के मुद्दे को एक बार फिर सामने ला दिया। यह घटना इतनी भयानक थी कि इसने न केवल आम लोगों को, बल्कि राजनीतिक गलियारों को भी हिला दिया। बंगाल (Bengal) में महिला सुरक्षा एक बार फिर चर्चा का विषय बन गई है। इस बार मामला सिर्फ एक घटना तक सीमित नहीं है, बल्कि राज्य और केंद्र सरकार के बीच टकराव की वजह भी बन गया है। आइए जानते हैं कि आखिर क्या है पूरा मामला और क्यों यह इतना गरमाया हुआ है।  घटना के बाद ममता बनर्जी ने अपनाया कड़ा रुख  इस घटना के बाद पश्चिम बंगाल (Bengal) की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) ने कड़ा रुख अपनाया। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को दो पत्र लिखे जिनमें महिलाओं के खिलाफ अपराधों पर कड़े कानून की मांग की गई। ममता ने अपने पत्रों में कहा कि बलात्कार और हत्या जैसे जघन्य अपराधों के लिए सख्त सजा का प्रावधान होना चाहिए। साथ ही, उन्होंने इन मामलों को तेजी से निपटाने के लिए एक समयबद्ध प्रणाली की भी मांग की। महिला सुरक्षा: राज्य बनाम केंद्र ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) के पत्रों के जवाब में केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री अन्नपूर्णा देवी ने पलटवार किया। उन्होंने कहा कि ममता द्वारा दी गई जानकारी तथ्यात्मक रूप से गलत है। अन्नपूर्णा देवी ने बताया कि पश्चिम बंगाल में फास्ट ट्रैक स्पेशल कोर्ट (FTSC) और विशेष POCSO कोर्ट की स्थिति ममता बनर्जी के दावों से बिल्कुल अलग है। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि “कलकत्ता हाईकोर्ट से मिली जानकारी के अनुसार, पश्चिम बंगाल (Bengal) ने 88 फास्ट ट्रैक कोर्ट (FTC) तो स्थापित किए हैं, लेकिन ये केंद्र सरकार की योजना के तहत आने वाले फास्ट ट्रैक स्पेशल कोर्ट (FTSC) से अलग हैं। उन्होंने यह भी बताया कि राज्य में बलात्कार और POCSO के 48,600 मामले लंबित हैं, फिर भी राज्य सरकार ने अतिरिक्त 11 FTSC को अभी तक चालू नहीं किया है।” राजनीतिक दलों की प्रतिक्रिया: आरोप-प्रत्यारोप का दौर इस पूरे मामले में राजनीतिक दलों ने भी अपनी-अपनी प्रतिक्रियाएं दी हैं। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) पर आरोप लगाया है कि वे अपने राज्य में महिला सुरक्षा के लिए पर्याप्त कदम नहीं उठा रही हैं। पश्चिम बंगाल (Bengal) के भाजपा सह-प्रभारी अमित मालवीय ने कहा कि ममता बनर्जी महिलाओं और लड़कियों की सुरक्षा के लिए मौजूदा नियमों और कानूनों का सख्ती से पालन सुनिश्चित करने में विफल रही हैं। दूसरी ओर, ममता बनर्जी की पार्टी तृणमूल कांग्रेस ने भाजपा पर इस मुद्दे का राजनीतिकरण करने का आरोप लगाया है। पार्टी का कहना है कि भाजपा जूनियर डॉक्टर की दुखद घटना का फायदा उठाकर राजनीतिक लाभ लेना चाहती है। जांच की स्थिति: क्या हो रहा है अब? इस बीच, कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में हुई घटना की जांच तेजी से चल रही है। केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने मुख्य संदिग्ध संजय रॉय को गिरफ्तार कर लिया है। संजय रॉय को उस अस्पताल के सेमिनार कक्ष के बाहर सीसीटीवी में देखा गया था, जहां जूनियर डॉक्टर का शव मिला था। साथ ही, कॉलेज के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष की भी जांच की जा रही है। महिला सुरक्षा: हमारी जिम्मेदारी इस पूरे मामले से एक बात साफ है कि महिला सुरक्षा सिर्फ सरकार या कानून व्यवस्था का मुद्दा नहीं है। यह हम सभी की जिम्मेदारी है। हमें अपने आस-पास की महिलाओं की सुरक्षा के प्रति सजग रहना होगा। साथ ही, समाज में ऐसा माहौल बनाना होगा जहां महिलाएं बिना किसी डर के अपना जीवन जी सकें। #WomenSafetyInBengal #MamataBanerjee #BJPvsTMC #BengalPolitics #JusticeForWomen

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Chhatrapati Shivaji Maharaj की प्रतिमा गिरने पर पीएम मोदी ने मांगी माफी, विपक्ष ने छेड़ा ‘जूता मारो’ आंदोलन!

महाराष्ट्र में इन दिनों छत्रपति शिवाजी महाराज (Chhatrapati Shivaji Maharaj) की प्रतिमा गिरने का मामला गरमाया हुआ है। यह घटना सिंधुदुर्ग जिले में हुई, जहां समुद्र में स्थापित की गई शिवाजी महाराज की विशाल प्रतिमा अचानक गिर गई। इस घटना ने पूरे राज्य में हलचल मचा दी है, और अब यह मुद्दा राष्ट्रीय स्तर पर चर्चा का विषय बन गया है। पीएम मोदी की माफी, एक बड़ा कदम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस मामले में एक बड़ा कदम उठाते हुए जनता से माफी मांगी है। वे 30 अगस्त, 2024 को महाराष्ट्र के पालघर में एक कार्यक्रम में शामिल होने पहुंचे थे। इस दौरान उन्होंने मंच से हाथ जोड़कर और सिर झुकाकर कहा, “छत्रपति शिवाजी महाराज (Chhatrapati Shivaji Maharaj) की प्रतिमा गिरने पर सिर झुकाकर माफी मांगता हूं।” यह कदम बताता है कि केंद्र सरकार इस मुद्दे को कितनी गंभीरता से ले रही है। प्रतिमा का महत्व और विवाद की जड़ छत्रपति शिवाजी महाराज (Chhatrapati Shivaji Maharaj) महाराष्ट्र के सबसे पूजनीय व्यक्तित्वों में से एक हैं। उनकी यह प्रतिमा सिर्फ एक मूर्ति नहीं, बल्कि मराठा गौरव का प्रतीक है। इसका अनावरण 4 दिसंबर, 2023 को किया गया था, जब सिंधुदुर्ग में पहली बार नौसेना दिवस समारोह का आयोजन हुआ था। प्रतिमा का उद्देश्य मराठा नौसेना की विरासत और छत्रपति शिवाजी महाराज के समुद्री रक्षा में योगदान को सम्मानित करना था। लेकिन जब यह प्रतिमा गिरी, तो यह घटना राजनीतिक विवाद का केंद्र बन गई। सरकार की प्रतिक्रिया और जांच की शुरुआत महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने भी इस मामले में माफी मांगी है। उन्होंने कहा कि अगर जरूरत पड़ी तो वे महान पराक्रमी शासक के 100 बार पैर छूने और घटना के लिए माफी मांगने में संकोच नहीं करेंगे। राज्य सरकार ने इस हादसे के कारणों का पता लगाने के लिए एक तकनीकी समिति का गठन किया है। यह कदम इस बात को दर्शाता है कि सरकार इस मुद्दे को गंभीरता से ले रही है और इसके पीछे के कारणों को समझना चाहती है। विपक्ष का रुख और आंदोलन की घोषणा उद्धव ठाकरे की शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) ने इस मुद्दे पर सरकार के खिलाफ बड़े पैमाने पर आंदोलन की घोषणा की है। पार्टी के वरिष्ठ नेता और सांसद संजय राउत ने ऐलान किया है कि रविवार से “सरकार को जूते मारो आंदोलन” शुरू किया जाएगा। राउत ने कहा, “वो प्रतिमा हमारे लिए सिर्फ एक स्टैच्यू नहीं, बल्कि भगवान की मूर्ति है। इन लोगों ने हमारे भगवान की मूर्ति में भी भ्रष्टाचार कर दिया है। हम इसे सहन नहीं करेंगे।” मामले में पहली गिरफ्तारी छत्रपति शिवाजी महाराज (Chhatrapati Shivaji Maharaj) प्रतिमा विवाद में शुक्रवार को पहली गिरफ्तारी हुई है। कोल्हापुर से स्ट्रक्चरल कंसल्टेंट चेतन पाटिल को गिरफ्तार किया गया है। पुलिस ने इससे पहले एफआईआर में कॉन्ट्रैक्टर और आर्किटेक्ट जयदीप आप्टे और स्ट्रक्चरल कंसलटेंट चेतन पाटिल को आरोपी बनाया था। उन पर लापरवाही और प्रतिमा के आसपास के लोगों को संभावित रूप से नुकसान पहुंचाने का आरोप लगाया गया है। इस विवाद ने महाराष्ट्र की राजनीति में ला दिया है एक नया मोड़  इस विवाद ने महाराष्ट्र की राजनीति में एक नया मोड़ ला दिया है। जहां एक ओर सरकार इस मुद्दे को सुलझाने की कोशिश कर रही है, वहीं दूसरी ओर विपक्ष इसे एक बड़े आंदोलन में बदलने की तैयारी में है। आने वाले दिनों में यह देखना दिलचस्प होगा कि सरकार इस चुनौती से कैसे निपटती है और क्या यह मुद्दा आगामी चुनावों में एक बड़ा मुद्दा बनेगा। #ShivajiStatueControversy #PMModiApology #MaharashtraPolitics #OppositionProtest #ShivajiLegacy

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Mamata Banerjee ने प्रधानमंत्री को लिखा दूसरा पत्र, नाराजगी जताते हुए कही यह बात

9 अगस्त को कोलकाता के आरजी कर अस्पताल में जूनियर डॉक्टर के साथ हुई वीभत्स घटना के मामले में चौतरफा घिरी ममता सरकार ने अब पत्र की राजनीति शुरू कर दी है। बलात्कार और बलात्कार के बाद हत्या जैसे जघन्य अपराधों के लिए केंद्रीय कानून और कड़ी सजा की मांग करते हुए पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) ने प्रधानमंत्री मोदी को दूसरा पत्र लिखा है।  पहले पत्र का जवाब नहीं प्राप्त होने पर व्यक्त की चिंता  अपने पहले पत्र का जवाब नहीं प्राप्त होने पर चिंता व्यक्त करते हुए ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) ने अपने दूसरे पत्र में लिखा कि आपको मेरा पत्र संख्या 44-सीएम दिनांक 22 अगस्त, 2024 याद होगा, जिसमें बलात्कार की घटनाओं पर कठोर केंद्रीय कानून बनाने और ऐसे अपराधों के दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा देने की आवश्यकता के बारे में बताया गया था। लेकिन इतना संवेदनशील मुद्दा होने के बावजूद आपकी तरफ से कोई जवाब नहीं प्राप्त हुआ।  महिला एवं बाल विकास मंत्री की ओर से आया जवाब  ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) ने आगे लिखा कि “हालांकि, महिला एवं बाल विकास मंत्री की ओर से एक जवाब आया है, जो पत्र में उठाए गए मुद्दे की गंभीरता को सही ढंग से नहीं दर्शाते हैं।” आगे उन्होंने लिखा कि “मेरा मानना है कि इस सामान्य जवाब को भेजते समय इस विषय की गंभीरता और समाज के लिए इसकी प्रासंगिकता की पर्याप्त सराहना नहीं की गई है। इतना ही नहीं, मैं इस क्षेत्र में हमारी राज्य सरकार द्वारा पहले ही उठाए गए कुछ कदमों का भी उल्लेख करना चाहूंगी, जिन्हें जवाब में नजरअंदाज किया गया है।” ट्रायल कोर्ट द्वारा समय-सीमा के भीतर मामलों के निपटान हेतु हो प्रावधान  ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) ने कहा कि “मैं दोहराना चाहती हूं और अनुरोध करती हूं कि बलात्कार/बलात्कार और हत्या जैसे जघन्य अपराधों पर कठोर केंद्रीय कानून और कड़ी सजा पर विचार करें। इसमें ट्रायल कोर्ट द्वारा एक विशिष्ट समय-सीमा के भीतर मामलों के निपटान हेतु अनिवार्य प्रावधान हो। मुझे उम्मीद है कि हमारे समाज के व्यापक हित में इस मामले पर आपका ध्यान जाएगा।” ध्यान देने वाली बात यह कि ममता बनर्जी द्वारा कड़े कानूनों की यह मांग 9 अगस्त को कोलकाता के आरजी कर अस्पताल में जूनियर डॉक्टर के साथ बलात्कार और हत्या के बाद आई है। #MamataBanerjee #PMModi #RapeLaws #JusticeForWomen #KolkataIncident #IndianPolitics #WomensSafety #CrimesAgainstWomen

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RAHUL GANDHI

चुनाव लड़ने के लिए राहुल गांधी को Congress से मिले थे इतने रुपये, पार्टी ने किया बड़ा खुलासा

कांग्रेस (Congress) ने लोकसभा चुनाव में हुए खर्च को लेकर बड़ा खुलासा किया है। चुनाव आयोग ने लोकसभा चुनाव में पार्टी द्वारा उम्मीदवारों पर हुए खर्च की जानकारी मांगी थी, जिसका जवाब देते हुए कांग्रेस ने बताया है कि पार्टी ने अपने नेता राहुल गांधी को वायनाड और रायबरेली से लोकसभा चुनाव लड़ने के लिए 70-70 लाख रुपये दिए थे। पार्टी की तरफ से सबसे ज्यादा फंड विक्रमादित्य सिंह को दिया गया था। हिमाचल प्रदेश की मंडी सीट से भाजपा की उम्मीदवार कंगना रनौत के खिलाफ चुनाव लड़ रहे विक्रमादित्य सिंह को पार्टी ने 87 लाख रुपये दिये थे।  70 लाख रुपये का फंड पाने वालों में किशोरी लाल शर्मा भी हैं शामिल  कांग्रेस (Congress)  की तरफ से 70 लाख रुपये का फंड पाने वालों में किशोरी लाल शर्मा भी शामिल हैं। शर्मा ने अमेठी लोकसभा सीट पर भाजपा नेता स्मृति ईरानी को हराया था। इसके अलावा केरल में अलपुझा लोकसभा सीट से सांसद केसी वेणुगोपाल, तमिलनाडु के विरुधुनगर सीट से मणिकम टैगोर, कर्नाटक के गुलबर्गा से राधाकृष्ण और पंजाब के आनंदपुर साहिब से कांग्रेस प्रत्याशी विजय इंदर सिंगला भी 70-70 लाख रुपये का फंड पाने वालों में शामिल हैं। वहीं लोकसभा चुनाव हारने वाले कांग्रेस के वरिष्ठ नेता आनंद शर्मा और दिग्विजय सिंह को पार्टी की तरफ से क्रमशः 46 लाख रुपये और 50 लाख रुपये का फंड मिला था।  क्या है लोकसभा और विधानसभा चुनाव में खर्च की सीमा? बता दें कि चुनाव प्रचार के लिए उम्मीदवार की तरफ से किए जाने वाले खर्च की एक सीमा होती है और इसकी जानकारी चुनाव आयोग को देनी होती है। चुनाव आयोग ने जनवरी 2022 में एक नोटिफिकेशन जारी कर बताया था कि, लोकसभा चुनावों में उम्मीदवारों के लिए चुनाव खर्च की सीमा 70 लाख रुपये से बढ़ाकर 95 लाख रुपये और विधानसभा चुनावों में चुनाव खर्च 28 लाख रुपये से बढ़ाकर 40 लाख रुपये कर दिया गया है। कोई भी उम्मीदवार चुनाव प्रचार के दौरान इससे अधिक खर्च नहीं कर सकता है।  यह खर्च उम्मीदवारों को चुनाव लड़ने के लिए दी जाने वाली एकमुश्त राशि से जुड़ा है चुनाव खत्म होने के बाद उम्मीदवारों और पार्टियों को अपना चुनाव व्यय विवरण चुनाव आयोग को देना होता है। कांग्रेस ने बीते महीने चुनाव आयोग को लोकसभा चुनाव के साथ ओडिशा, अरुणाचल प्रदेश, सिक्किम और आंध्र प्रदेश की विधानसभा चुनावों का अपना ‘चुनाव व्यय विवरण’ सौंपा था। कांग्रेस (Congress) का यह खर्च उम्मीदवारों को चुनाव लड़ने के लिए पार्टी की तरफ से दी जाने वाली एकमुश्त राशि से जुड़ा है। #Congress #LokSabhaElections #ElectionSpending #RahulGandhi #IndianPolitics #ElectionCommission

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Tanaji Sawant

NCP के साथ बैठता हूं तो मुझे उल्टी होती है, इस मंत्री के विवादित बयान पर घिरे एकनाथ शिंदे

महाराष्ट्र सरकार में मंत्री शिवसेना गुट के नेता तानाजी सावंत (Tanaji Sawant) ने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के खिलाफ एक बयान देकर विवाद खड़ा कर दिया है। तानाजी सावंत ने कहा कि उनकी अजित गुट वाली एनसीपी के साथ कभी नहीं बनी। एनसीपी के नेताओं के साथ कैबिनेट में बैठने भर से उन्हें उल्टी होने लगती है। इन नेताओं को मैं कभी बर्दाश्त नहीं कर सकता। सावंत के इस बयान के बाद अब महायुति में नई रार शुरू हो गई है। अजित पवार गुट ने शिवसेना को सख्त चेतावनी दी है। अपने विचार एक दिन में नहीं बदल सकते धराशिव में आयोजित एक सभा को संबोधित करते हुए तानाजी सावंत (Tanaji Sawant) ने कहा, ”मैं कट्टर शिवसैनिक हूं, मेरी तरह जो भी कट्टर शिवसैनिक है, वह कभी भी राष्ट्रवादी कांग्रेस और कांग्रेस के साथ नहीं बैठ सकता। इनके साथ बैठने भर से मेरी तबियत खराब होने लगती है। इन्हें बर्दाश्त नहीं कर सकता, क्योंकि हमारे विचार एक दूसरे से बिल्कुल अलग हैं। आज भी जब मैं कैबिनेट की बैठक में शामिल होता हूं तो उससे बाहर निकलने पर मुझे उल्टियां होने लगती हैं। यह सच्चाई है, क्योंकि अपने विचार एक दिन में नहीं बदल सकते। अगर कोई अचानक कहे कि सबकुछ भूल जाओ और साथ मिलकर काम करो तो ऐसा नही हो सकता।” एनसीपी ने सीएम शिंदे से मांगा जवाब  तानाजी सावंत (Tanaji Sawant) का बयान आने के बाद से ही अजित पवार गुट वाली एनसीपी शिंदे की शिवसेना पर हमलावर हो गई है। एनसीपी से ने गठबंधने से बाहर होने की चेतावनी देने के साथ सीएम एकनाथ शिंदे से जवाब भी मांगा है। एनसीपी के एमएलसी अमोल मितकारी ने कहा, ”तानाजी सावंत खुद स्वास्थ्य मंत्री हैं, लेकिन उनको नहीं पता कि उन्हें उल्टियां क्यों हो रही हैं। शायद उनके स्वास्थ्य का इससे कुछ लेना-देना हो। अगर महायुति गठबंधन में रहने के कारण उन्हें उल्टी हो रही, तो सिर्फ एकनाथ शिंदे ही इसका जवाब दे सकते हैं।” इस तरह के बयान को सुनने से बेहतर है कि हम सत्ता और गठबंधन से अलग हो जाएं। वहीं एनसीपी प्रवक्ता उमेश पाटिल ने कहा कि, तानाजी सावंत के इस तरह के बयान को सुनने से बेहतर है कि हम सत्ता और गठबंधन से अलग हो जाएं। एनसीपी न तो सत्ता के लिए बेचैन है और न ही तानाजी सावंत (Tanaji Sawant) की वजह से महागठबंधन में है। इसके उलट तानाजी सावंत आज खुद इसी महागठबंधन की वजह से मंत्री बने हैं। अगर सावंत इस तरह से बात कर रहे,  तो मैं पार्टी नेतृत्व से अनुरोध करता हूं कि महागठबंधन से बाहर निकलना बेहतर होगा। TanajiSawant #MaharashtraPolitics #NCP #ShivSena #Mahayuti #PoliticalControversy #AjitPawar

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Rahul Gandhi

कांग्रेस के युवराज Rahul Gandhi ने सीएम योगी को भेजा खत

कांग्रेस सांसद और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को खत लिखा है। इस खत में उन्होंने रायबरेली में बाल काटने की दुकान चलाने वाले अर्जुन पासी की हत्या के मामले में उचित कार्रवाई की मांग की है। राहुल गांधी का आरोप है कि इस मामले में मुख्य आरोपी विशाल सिंह को राजनीतिक संरक्षण मिलने के कारण गिरफ्तार नहीं किया जा रहा है।  क्या है पूरा मामला?   दरअसल 11 अगस्त को राहुल गांधी के संसदीय क्षेत्र रायबरेली में एक दलित युवक अर्जुन पासी की गोली मारकर हत्या कर दी गई। अर्जुन एक बाल काटने की दुकान चलाता था। मृतक के परिवार का आरोप है कि अर्जुन ने दबंगों से बाल काटने के पैसे मांगे थे, जिससे नाराज होकर उसकी हत्या कर दी गई। पुलिस ने इस मामले में छह आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया, लेकिन मुख्य आरोपी विशाल सिंह फरार है। मृतक के परिवार का कहना है कि राजनीतिक संरक्षण के कारण विशाल सिंह की गिरफ्तारी नहीं हो पा रही है। राहुल गांधी ने पीड़ित परिवार से मिलकर उन्हें संवेदना भी व्यक्त की। Rahul Gandhi ने सीएम योगी को भेजा खत राहुल गांधी ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को लिखे पत्र में कहा है कि उन्होंने पीड़ित परिवार के घर जाकर संवेदना व्यक्त की। वहां परिवार के सदस्यों ने बताया कि घटना के सात नामजद अभियुक्तों में से छह की गिरफ्तारी हो चुकी है, लेकिन मुख्य आरोपी विशाल सिंह अब तक गिरफ्तार नहीं हुआ है। राहुल गांधी ने यह भी बताया कि परिवार और गांव के लोगों ने उन्हें सूचित किया है कि विशाल सिंह को राजनीतिक संरक्षण मिल रहा है, जिसके कारण उसकी गिरफ्तारी नहीं हो पा रही है। वहीं राहुल गांधी ने पत्र में कहा है कि घटना के दो सप्ताह बीत जाने के बावजूद मुख्य अभियुक्त की गिरफ्तारी न होने के कारण पीड़ित परिवार और स्थानीय दलित समाज भय और असुरक्षा में जी रहे हैं। इसके साथ ही, एक गरीब और शोषित दलित परिवार को न्याय से वंचित रखा जा रहा है। राहुल गांधी ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से आग्रह किया है कि मुख्य अभियुक्त की शीघ्र गिरफ्तारी की जाए ताकि पीड़ित परिवार को न्याय मिल सके। उन्होंने यह भी अनुरोध किया है कि इस संदर्भ में की गई कार्रवाई की जानकारी उन्हें प्रदान की जाए। देश में बढ़ते आपराधिक मामले लोगों को परेशान कर रहें हैं, लेकिन हत्या का मामला हो या फिर दुष्कर्म का राजनीतिक पार्टियां अपने-अपने अनुसार सवाल जवाब कर रही है।  लेकिन ऐसे में क्या इन घटनाओं पर तेजी से लगाम लगाया जा सकता है? #RahulGandhi #RaebareliMurder #JusticeForArjunPasi #UPPolitics #DalitRights #CMYogi

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