गणेश चतुर्थी का पर्व नजदीक आ रहा है, और इस अवसर पर भगवान गणेश की प्रतिमा (Ganesh Idol) की खरीददारी एक महत्वपूर्ण कदम होता है। सही प्रतिमा का चयन न केवल पूजा की विधि को सही बनाता है, बल्कि इसे सही तरीके से स्थापित करने से पूरे साल भर शुभता और समृद्धि मिलती है। हालांकि, गणेश प्रतिमा खरीदते समय कई सामान्य गलतियाँ की जा सकती हैं जो पूजा के पुण्य को प्रभावित कर सकती हैं। आइए जानते हैं कि गणेश प्रतिमा खरीदते समय किन प्रमुख गलतियों से बचना चाहिए।
- मूर्ति खरीदते समय ध्यान दें कि गणेश जी की मुद्रा और सूंड की दिशा कैसी हो। गणेश जी की सूंड हमेशा बाईं ओर झुकी हुई होनी चाहिए। ऐसी मूर्ति को वाममुखी गणपति कहा जाता है। बाईं ओर सूंड वाली गणेश जी की प्रतिमा घर में सुख और शांति लाने का प्रतीक मानी जाती है।
- भगवान गणेश की मुद्रा और बाईं ओर झुकी हुई सूंड वाली मूर्ति को अत्यंत शुभ माना जाता है। ऐसी मूर्ति लाने से घर में सुख, समृद्धि, और शांति बनी रहती है।
- गणेश जी की प्रतिमा लेते समय यह सुनिश्चित करें कि मूर्ति में मूषक और हाथ में मोदक हो, क्योंकि ऐसी मूर्ति शुभ मानी जाती है।
- भगवान गणेश की मूर्ति (Ganesh Idol) के रंग की बात करें तो सिंदूर रंग की प्रतिमा लाना उत्तम रहता है। इस रंग की प्रतिमा से आत्मविश्वास बढ़ता है और जीवन की परेशानियाँ दूर होती हैं। वहीं, सफेद रंग की प्रतिमा से घर में खुशहाली आती है।
- भगवान गणेश की मूर्ति (Ganesh Idol) को उत्तर दिशा में स्थापित करना शुभ होता है, क्योंकि यह दिशा मां लक्ष्मी और भगवान शिव की दिशा मानी जाती है। इस दिशा में गणेश जी का मुख रखने से गणेश भगवान के साथ-साथ महादेव और मां लक्ष्मी का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
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