दीपावली, भारत का सबसे प्रमुख और रोशनी से भरा त्योहार है, जिसे पूरे देश में बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। यह त्योहार कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की अमावस्या के दिन मनाया जाता है, जिसे ‘दीपों का त्योहार’ भी कहा जाता है। दीपावली के साथ कार्तिक माह का गहरा संबंध है, क्योंकि यह महीना हिन्दू पंचांग के अनुसार सबसे पवित्र और शुभ माना जाता है। कार्तिक मास को धार्मिक और आध्यात्मिक दृष्टि से विशेष महत्त्व प्राप्त है और इस माह के दौरान कई प्रमुख धार्मिक उत्सव और अनुष्ठान संपन्न किए जाते हैं। दीपावली का त्योहार भी इन्हीं धार्मिक आयोजनों का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। आइए जानते हैं दीपावली और कार्तिक माह (Diwali and Kartik Month) के आपसी संबंध के बारे में।
1. पवित्र कार्तिक माह और दीपावली का संयोग
कार्तिक मास, जिसे भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की भक्ति का विशेष महीना माना जाता है, हिन्दू धर्म में अत्यंत पूजनीय है। यह महीना त्योहारों से भरा हुआ होता है, जिसमें विशेष रूप से नवरात्रि, दशहरा, करवा चौथ और दीपावली का महत्व है। इस माह की अमावस्या को दीपावली का पर्व मनाया जाता है, जो भगवान राम के अयोध्या लौटने और रावण पर विजय के प्रतीक के रूप में मनाया जाता है। इस समय कार्तिक माह के कारण वातावरण में शुद्धता और धार्मिकता का माहौल होता है और दीपावली इस माह (Diwali and Kartik Month) के धार्मिक उल्लास को और बढ़ाती है।
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2. देवी लक्ष्मी की पूजा और कार्तिक माह
दीपावली पर माता लक्ष्मी की विशेष पूजा की जाती है, जिन्हें धन, समृद्धि और वैभव की देवी माना जाता है। कार्तिक माह को देवी लक्ष्मी की पूजा के लिए विशेष रूप से शुभ माना गया है, क्योंकि इसी समय वे पृथ्वी पर विचरण करती हैं और अपने भक्तों को आशीर्वाद देती हैं। दीपावली की रात को लक्ष्मी पूजन करने से घर में धन और समृद्धि आती है। कार्तिक माह में की जाने वाली दीपदान और तुलसी पूजा भी लक्ष्मी जी की कृपा प्राप्त करने के प्रमुख उपायों में से एक मानी जाती है।
3. आध्यात्मिक शुद्धि और कार्तिक स्नान
कार्तिक माह (Diwali and Kartik Month) में प्रातः काल गंगा स्नान या किसी भी पवित्र नदी में स्नान करना अत्यंत शुभ माना जाता है। इस माह में की गई पूजा, व्रत और स्नान से व्यक्ति के पापों का नाश होता है और उसे मोक्ष प्राप्ति का मार्ग प्राप्त होता है। दीपावली के समय लोग अपने घरों और मंदिरों में सफाई करके और दीप जलाकर न केवल अपने घरों को प्रकाशमय करते हैं, बल्कि आध्यात्मिक रूप से भी शुद्ध होते हैं। दीपावली का पर्व और कार्तिक माह दोनों ही व्यक्ति के जीवन में सुख-शांति और समृद्धि लाने का काम करते हैं।
4. दीप जलाने का महत्त्व
दीपावली का मुख्य आकर्षण दीप जलाना है, जो अंधकार पर प्रकाश की विजय का प्रतीक है। कार्तिक माह में दीप जलाने का महत्व और भी बढ़ जाता है क्योंकि यह माना जाता है कि इस महीने में दीप जलाने से भगवान विष्णु और देवी लक्ष्मी की विशेष कृपा प्राप्त होती है। इस माह में प्रतिदिन तुलसी के पास दीप जलाने से घर में सुख-शांति और समृद्धि बनी रहती है। कार्तिक माह की अमावस्या की रात को दीप जलाने से न केवल अंधकार दूर होता है, बल्कि व्यक्ति के जीवन से सभी नकारात्मकता का भी नाश होता है।
5. पौराणिक महत्व और धार्मिक अनुष्ठान
दीपावली का पौराणिक महत्व भी कार्तिक माह से जुड़ा हुआ है। पौराणिक कथाओं के अनुसार, भगवान राम ने जब लंका पर विजय प्राप्त कर रावण का वध किया, तब वे इसी कार्तिक माह की अमावस्या को अयोध्या लौटे थे। उनके स्वागत में अयोध्यावासियों ने घरों को दीपों से सजाया था और तब से इस दिन को दीपावली के रूप में मनाने की परंपरा शुरू हुई। इसी प्रकार, समुद्र मंथन के दौरान देवी लक्ष्मी का प्रकट होना भी इसी माह से जुड़ा है और इसलिए इस समय देवी लक्ष्मी की विशेष पूजा की जाती है।
6. धनतेरस और गोवर्धन पूजा का संबंध
दीपावली से पहले कार्तिक माह में धनतेरस और गोवर्धन पूजा भी मनाई जाती है, जो इस माह की धार्मिक गतिविधियों का हिस्सा हैं। धनतेरस के दिन भगवान धन्वंतरि और देवी लक्ष्मी की पूजा की जाती है, जिससे घर में धन और स्वास्थ्य का वास होता है। गोवर्धन पूजा के दिन भगवान कृष्ण की पूजा की जाती है, जिन्होंने गोवर्धन पर्वत उठाकर गोकुलवासियों की रक्षा की थी। यह दिन भी कार्तिक माह के धार्मिक अनुष्ठानों का हिस्सा है और दीपावली से एक दिन पहले मनाया जाता है।
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