सावन का महीना हिन्दू धर्म में अत्यंत पवित्र और महत्वपूर्ण माना जाता है। इस महीने में भगवान शिव की विशेष आराधना की जाती है। इस वर्ष सावन का तीसरा सोमवार 05 अगस्त को पड़ रहा है। सोमवार के दिन भगवान शिव की पूजा का विशेष महत्व है, और इस दिन शिवलिंग पर बेलपत्र चढ़ाने की परंपरा अत्यंत प्राचीन और महत्वपूर्ण है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि बेलपत्र चढ़ाने के कुछ विशेष नियम हैं, जिनका पालन करना अत्यावश्यक है। आइए जानते हैं मान्यताओं के अनुसार सावन के तीसरे सोमवार पर बेलपत्र चढ़ाते समय किन-किन बातों का ध्यान रखना चाहिए और कौन-कौन सी गलतियां नहीं करनी चाहिए।
बेलपत्र का महत्व
बेलपत्र, भगवान शिव को अर्पित किए जाने वाले प्रमुख पूजन सामग्रियों में से एक है। पौराणिक कथाओं के अनुसार, बेलपत्र भगवान शिव को अत्यंत प्रिय है। बेलपत्र में त्रिदेव – ब्रह्मा, विष्णु और महेश का वास होता है। इसलिए, शिवलिंग पर सावन का तीसरा सोमवार हो या कभी भी बेलपत्र चढ़ाने से भगवान शिव की कृपा प्राप्त होती है और जीवन के समस्त कष्ट दूर होते हैं।
बेलपत्र चढ़ाने के नियम
1. स्वच्छता का ध्यान रखें: बेलपत्र चढ़ाने से पहले उसे अच्छी तरह से धो लें। स्वच्छ और ताजे बेलपत्र ही भगवान शिव को अर्पित करें। सावन के तीसरे सोमवार पर शिवलिंग पर बेलपत्र अर्पित करते समय सबसे पहले आप बेलपत्र पर चंदन से टीका कर सकते हैं या ॐ लिख सकते हैं। बेलपत्र को हमेशा उसकी चिकनी सतह को ऊपर रखकर शिवलिंग पर चढ़ाना चाहिए।
2. तीन पत्तों वाला बेलपत्र: हमेशा तीन पत्तों वाला बेलपत्र चढ़ाना चाहिए। यदि तीन पत्तों वाला बेलपत्र उपलब्ध न हो तो पाँच या सात पत्तों वाला बेलपत्र भी चढ़ा सकते हैं, लेकिन एक, दो या चार पत्तों वाला बेलपत्र चढ़ाना वर्जित है।
3. बेलपत्र पर कोई दोष न हो: बेलपत्र पर किसी भी प्रकार का छिद्र एवं कीड़े का निशान नहीं होना चाहिए। ऐसे बेलपत्र अशुद्ध माना जाते हैं और इसे भगवान शिव को अर्पित नहीं करना चाहिए।
4. बेलपत्र को उल्टा न रखें: बेलपत्र को चढ़ाते समय उसकी पत्ती का चिकना भाग (चमकदार हिस्सा) शिवलिंग की ओर होना चाहिए। पत्ती का खुरदुरा भाग ऊपर की ओर नहीं होना चाहिए।
5. एक ही बेलपत्र को पुनः प्रयोग न करें: जो बेलपत्र एक बार शिवलिंग पर चढ़ चुका है, उसे पुनः प्रयोग में नहीं लाना चाहिए। सावन का तीसरा सोमवार हो या जब कभी भी शिवजी की पूजा करें तो कोशिश करें की बाबा भोलेनाथ को ताजे बेलपत्र का ही अर्पण करें।
सावन सोमवार (Sawan Somvar) का तीसरा सोमवार: बेलपत्र चढ़ाने के विशेष मंत्र
बेलपत्र चढ़ाते समय “ॐ नमः शिवाय” मंत्र का उच्चारण करें। इसके अलावा, निम्नलिखित मंत्र का भी जाप कर सकते हैं:
नमो बिल्ल्मिने च कवचिने च नमो वर्म्मिणे च वरूथिने च नमः श्रुताय च श्रुतसेनाय च नमो
दुन्दुब्भ्याय चा हनन्न्याय च नमो घृश्णवे॥
दर्शनं बिल्वपत्रस्य स्पर्शनम् पापनाशनम्।
अघोर पाप संहारं बिल्व पत्रं शिवार्पणम्॥
त्रिदलं त्रिगुणाकारं त्रिनेत्रं च त्रिधायुधम्।
त्रिजन्मपापसंहारं बिल्वपत्रं शिवार्पणम्॥
अखण्डै बिल्वपत्रैश्च पूजये शिव शंकरम्।
कोटिकन्या महादानं बिल्व पत्रं शिवार्पणम्॥
गृहाण बिल्व पत्राणि सपुश्पाणि महेश्वर।
सुगन्धीनि भवानीश शिवत्वंकुसुम प्रिय॥