जानें देश के इन 5 सबसे बड़े Shri Krishna मंदिरों को, जो हैं आध्यात्मिकता और भक्ति के प्रमुख केंद्र

Shri Krishna

भारत, जिसे देवभूमि के नाम से भी जाना जाता है, यहां भगवान श्रीकृष्ण के अनगिनत भक्त हैं। उनके प्रति आस्था और श्रद्धा का प्रमुख केंद्र देशभर में स्थित श्रीकृष्ण मंदिर हैं, जहां हर साल लाखों श्रद्धालु भगवान श्रीकृष्ण के दर्शन के लिए आते हैं। भारत में भगवान श्रीकृष्ण के अनेक प्रसिद्ध मंदिर हैं, जो पूर्व से पश्चिम और उत्तर से दक्षिण तक फैले हुए हैं। कान्हा के इन मंदिरों में सालभर भक्तों का तांता लगा रहता है, लेकिन जन्माष्टमी के अवसर पर इन मंदिरों में श्रीकृष्ण के दर्शन को विशेष रूप से शुभ माना जाता है। आइए जानते हैं भारत के 5 सबसे बड़े और प्रसिद्ध श्रीकृष्ण मंदिरों के बारे में, जो न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण हैं, बल्कि अपनी स्थापत्य कला और ऐतिहासिक महत्व के लिए भी जाने जाते हैं।

 1. श्रीकृष्ण जन्मभूमि मंदिर, मथुरा (यूपी)

श्रीकृष्ण (Shri Krishna) जन्मभूमि मंदिर मथुरा में स्थित है, जो भगवान श्रीकृष्ण की जन्मस्थली के रूप में विश्वभर में प्रसिद्ध है। यह मंदिर मथुरा के मध्य में स्थित है और इसे हिंदू धर्म के सबसे पवित्र स्थलों में से एक माना जाता है। माना जाता है कि यही वह स्थान है, जहां भगवान श्रीकृष्ण का जन्म हुआ था। मंदिर परिसर में एक गर्भगृह है, जो जेल की तरह बना हुआ है और इसे भगवान कृष्ण के जन्मस्थान के रूप में पूजा जाता है। हर साल जन्माष्टमी के अवसर पर यहां भव्य उत्सव का आयोजन किया जाता है, जिसमें देश-विदेश से श्रद्धालु बड़ी संख्या में शामिल होते हैं।

2. गोविंद देव जी मंदिर, जयपुर (राजस्थान)

गोविंद देव जी मंदिर राजस्थान की राजधानी जयपुर में स्थित है और यह श्रीकृष्ण (Shri Krishna) को समर्पित सबसे प्रतिष्ठित मंदिरों में से एक है। यह मंदिर जयपुर के सिटी पैलेस परिसर में स्थित है और यहां भगवान कृष्ण की मूर्ति के रूप में गोविंद देव जी की पूजा की जाती है। यह मूर्ति श्रीकृष्ण के स्वयंभू स्वरूप को दर्शाती है। इस मंदिर की खासियत यह है कि यहां सात बार आरती की जाती है, जो श्रीकृष्ण की दिनचर्या को दर्शाती है। हर साल जन्माष्टमी और राधाष्टमी के अवसर पर यहां विशेष आयोजन होते हैं और श्रद्धालु बड़ी संख्या में यहां आते हैं।

 3. गुरुवायूर श्रीकृष्ण मंदिर, गुरुवायूर (केरल)

गुरुवायूर श्रीकृष्ण मंदिर केरल के थ्रिसूर जिले के गुरुवायूर में स्थित है। इसे दक्षिण भारत का द्वारकाधीश मंदिर भी कहा जाता है। यहां भगवान श्रीकृष्ण की मूर्ति बाल गोपाल के रूप में स्थापित है और इसे अत्यंत पवित्र माना जाता है। इस मंदिर का ऐतिहासिक महत्व भी है, क्योंकि यह मंदिर 5000 साल पुराना बताया जाता है। यहां के धार्मिक अनुष्ठान और विधियां पूरी तरह से प्राचीन परंपराओं पर आधारित हैं। विशेष रूप से विवाह और नामकरण संस्कार जैसे अनुष्ठान यहां बड़ी संख्या में किए जाते हैं।

 4. जगन्नाथ मंदिर, पुरी (ओडिशा)

जगन्नाथ मंदिर पुरी में स्थित है और यह भगवान विष्णु के अवतार, श्रीकृष्ण, बलराम और सुभद्रा को समर्पित है। यह मंदिर गोमती क्रीक के निकट स्थित है, और इसका मुख्य संरचना 43 मीटर की ऊंचाई पर बनाई गई है। यह धाम लगभग 800 वर्षों से भी अधिक पुराना माना जाता है। जगन्नाथ मंदिर के शिखर पर स्थित ध्वज हमेशा हवा की विपरीत दिशा में लहराता है। इसके अलावा, मंदिर के शिखर पर एक सुदर्शन चक्र भी स्थापित है, जिसे किसी भी दिशा से देखने पर ऐसा प्रतीत होता है कि चक्र का मुख आपकी ओर है।इस मंदिर का महत्व न केवल भारत में बल्कि पूरी दुनिया में है। इसे चार धामों में से एक माना जाता है और हर साल यहां लाखों श्रद्धालु दर्शन के लिए आते हैं। जगन्नाथ मंदिर का सबसे प्रमुख आयोजन रथ यात्रा है, जो पूरी दुनिया में प्रसिद्ध है। यह मंदिर अपनी वास्तुकला और धार्मिक परंपराओं के लिए भी जाना जाता है। 

 5. द्वारकाधीश मंदिर, द्वारका (गुजरात)

द्वारकाधीश मंदिर गुजरात के द्वारका में स्थित है और इसे भगवान श्रीकृष्ण का निवास स्थल माना जाता है। यह मंदिर चार धामों में से एक है और यहां भगवान श्रीकृष्ण को ‘द्वारकाधीश’ के रूप में पूजा जाता है।यह मंदिर गोमती क्रीक के पास स्थित है और मुख्य मंदिर 43 मीटर की ऊंचाई पर बना हुआ है। द्वारका नगरी को भगवान श्रीकृष्ण की राजधानी माना जाता है और इसी कारण यह मंदिर विशेष रूप से महत्वपूर्ण है। इस मंदिर की स्थापत्य कला और धार्मिक महत्व ने इसे भारत के प्रमुख तीर्थ स्थलों में शामिल किया है। हर साल जन्माष्टमी के अवसर पर यहां विशेष पूजा और अनुष्ठान होते हैं, जो भक्तों के लिए एक अविस्मरणीय अनुभव होते हैं।

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