हिंदू धर्म में तुलसी (बासिल) को पवित्रता का प्रतीक माना जाता है और इसे भगवान श्रीकृष्ण और देवी लक्ष्मी का प्रतीक भी माना जाता है। तुलसी के पौधे की विशेष धार्मिक मान्यता है, जिसके चलते इसे घर के आंगन या बगीचे में लगाने की परंपरा है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि तुलसी (Tulsi) के समीप दीया जलाने के कुछ विशेष समय भी होते हैं? चलिए जानते हैं इस संबंध में कुछ महत्वपूर्ण बातें।
तुलसी (Tulsi) के समीप दीया जलाने के समय
तुलसी के समीप दीया जलाने के लिए कई मान्यताएं प्रचलित हैं। मान्यता के अनुसार, तुलसी के पास दीया जलाना शुभ होता है, खासकर जब भक्तों की आरती होती है या पूजा की जाती है। लेकिन कुछ खास समय और परिस्थितियां ऐसी हैं जब तुलसी के समीप दीया नहीं जलाना चाहिए।
कब नहीं जलाना चाहिए दीया?
- शाम के समय: मान्यता है कि शाम के समय, यानी सूर्यास्त के बाद, तुलसी के पौधे में दीपक नहीं जलाना चाहिए। ऐसा कहा जाता है कि सूर्यास्त के बाद तुलसी का पौधा सो जाता है, और इस समय उनकी पूजा को स्वीकार नहीं किया जाता है।
- रविवार के दिन: यह माना जाता है कि तुलसी माता रविवार को भगवान विष्णु के लिए निर्जला उपवास करती हैं, इसलिए इस दिन जल अर्पित करने से उनका व्रत टूट जाता है, जिससे आपकी पूजा का पूरा फल नहीं मिलता।
साथ ही, इस दिन तुलसी के पौधे के समीप दीपक जलाने की भी मनाही होती है, और यह मान्यता है कि रविवार को तुलसी की पूजा नहीं करनी चाहिए। इस दिन तुलसी के पौधे को छूना भी उचित नहीं माना जाता।
कब जलाएं दिया?
यदि शास्त्रों की मान्यता को देखा जाए, तो तुलसी (Tulsi) के पौधे की पूजा के लिए प्रातः काल का समय सबसे उत्तम माना जाता है। इस समय तुलसी में दीपक जलाना बहुत शुभ माना जाता है। मान्यता है कि तुलसी के पौधे में सूर्यास्त से पहले दीपक जलाना और पूजा करना चाहिए। वहीं, अगर हम तुलसी में जल चढ़ाने की बात करें, तो इसे सुबह सूरज निकलने से पहले, यानी सूर्योदय से पहले चढ़ाना सबसे अधिक शुभ माना जाता है।
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