आदर्शवादी विचारक दीनदयाल उपाध्याय के ये प्रेरणादायी विचार बदल सकते हैं आपका संपूर्ण जीवन 

Deendayal Upadhyaya

25 सितंबर, 1916 को जयपुर के निकट धनकिया रेलवे स्टेशन के आवासीय परिसर में जन्में दीनदयाल उपाध्याय स्वतंत्र भारत के ऐसे चिंतक, विचारक एवं युगदृष्टा हुए हैं जिनके चिंतन ने भारत ही नहीं संपूर्ण विश्व को अपनी ओर आकर्षित किया। दीनदयाल उपाध्याय मानते थे कि समष्टि जीवन का कोई भी अंगोपांग, समुदाय या व्यक्ति पीड़ित रहता है तो वह समग्र यानि विराट पुरुष को विकलांग करता है। इसलिए सांगोपांग समाज-जीवन की आवश्यक शर्त है ‘अंत्योदय’। नीचे दिए गए पीडीएफ में पढ़े दीनदयाल उपाध्याय के अनमोल विचारों को।  

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