महाराष्ट्र के Badlapur में नर्सरी में पढ़ने वाली दो बच्चियों के साथ हुई दरिंदगी के चलते फूटा लोगों का गुस्सा
महाराष्ट्र स्थित ठाणे से सटे बदलापुर (Badlapur) में नर्सरी में पढ़ने वाली दो बच्चियों के साथ कथित यौन उत्पीड़न होने का मामला प्रकाश में आया है। पुलिस द्वारा मामले को लेकर बरती गई लापरवाही के चलते लोगों का गुस्सा सातवें आसमान पर है। प्राप्त जानकारी के मुताबिक 23 वर्षीय पुरुष सफाई कर्मचारी अक्षय शिंदे ने नर्सरी में पढ़ने वाली दोनों बच्चियों का यौन शोषण किया। 12-13 अगस्त को उसने स्कूल के गर्ल वाशरूम में ले जाकर इस घिनौने कृत्य को अंजाम दिया था।
सफाई कर्मचारी को किया गिरफ्तार
अभिभावकों ने जब संबंधित मामले की जानकारी बदलापुर (Badlapur) स्थित स्थानीय पुलिस को दी, तो पहले तो पुलिस ने मामले को रफा-दफा करने के की कोशिश की और एफआईआर लिखने में 12 से अधिक घंटे का समय लगा दिया। पुलिस की इस उदासीनता को देख लोग भड़क गए। हालांकि लोगों के आक्रोश को देखते हुए पुलिस ने सुसंगत धाराओं में एफआईआर दर्ज कर 16 अगस्त के दिन सफाई कर्मचारी को गिरफ्तार कर लिया।
स्कूल प्रशासन और पुलिस की लापरवाही के चलते फूटा लोगों का गुस्सा
दरअसल, स्थानीय पुलिस ने मामले को दर्ज करने में 12 घंटे से अधिक का समय लगा दिया था। इसके साथ ही अभिभावकों का आरोप है कि बदलापुर (Badlapur) स्थित स्कूल प्रशासन ने स्कूल के बच्चियों के लिए अटेंडेंट नहीं रखा था और न ही सीसीटीवी कैमरा ही चालू था। जाहिर है अभिवकों को अपने बच्चे की सुरक्षा सताने लगी। इसके बाद तो लोगों का गुस्सा फूट पड़ा। उनके गुस्से का अंदाजा आप इसी बात से लगा सकते हैं कि हजारों की संख्या में लोग अभिभावकों के साथ मिलकर स्कूल के बाहर प्रदर्शन किया बल्कि रेल रोककर रेलसेवा भी बाधित की।
रेल्वे ट्रैक पर उतरे लोग, पुलिस पर किया पथराव
देखते ही देखते आंदोलन उग्र होता गया। लोग बदलापुर (Badlapur) स्टेशन के रेल्वे ट्रैक पर उतर गए। लोगों को तितर-बितर करने आई पुलिस को देख लोग आगबबूला हो उठे और पुलिस पर पथराव करने लगे। इस पत्थरबाजी में कई पुलिस वालों के चोटिल होने की बात कही जा रही है। लोगों के गुस्से और मामले की गंभीरता को देखते हुए उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस ने SIT स्थापन करने के आदेश दे दिए हैं। इसके साथ ही इस मामले को फास्ट-ट्रैक में चलाने के आदेश ठाणे पुलिस कमिश्नर को दे दिया है। इसके साथ ही स्कूल प्रशासन ने 4 टीचरों को सस्पेंड कर दिया है।
उद्धव ठाकरे ने लिया सरकार को आड़े हाथों
हर मामले की तरह इस मामले में भी राजनीति शुरू हो गई है। पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने सरकार को कठघरे में खड़े करते हुए कहा कि “सरकार राज्य में लाड़ली बहन योजना चला रही है लेकिन यहां लड़कियां सुरक्षित नहीं हैं।” सूबे के मुख्यमंत्री ने मामले को लेकर अपनी गहरी चिंता व्यक्त की है।
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