Rape and Molestation जैसी घटनाओं को अंजाम देने से पहले इन दरिंदों को क्यों नहीं लगता डर?
देश में बलात्कार और उत्पीड़न (Rape and Molestation) की घटनाएं एक गंभीर सामाजिक चुनौती बनती जा रही हैं और एक बार फिर से इन मामलों ने देश को झकझोर कर रख दिया है। लोगों के बढ़ते आक्रोश के बावजूद बलात्कार या उत्पीड़न जैसी घटनाओं को अंजाम देने वाले व्यक्ति की हिम्मत कम नहीं हो रही है। दरअसल, मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार गुजरात के बनासकांठा के भाभर में जैन साध्वीजी के साथ छेड़छाड़ की घटना को अंजाम दिया है।
जैन साध्वी के साथ छेड़छाड़
रिपोर्ट्स के अनुसार यह घटना 19 अगस्त को घटी है। जैन समाज की ओर से इस घटना के विरोध में उच्च स्तरीय जांच की मांग की है। जैन साध्वी ने अपने कम्प्लेन में पुलिस को इस बात की जानकारी दी है कि छेड़छाड़ करने वाला व्यक्ति टिका लगाया हुआ था। पुलिस इस मामले को गंभीरता से लेते हुए अपनी करवाई शुरू कर चुकी है।
क्या है पूरा मामला
बताया जा रहा है कि जैन साध्वी 19 अगस्त को रोलियो नगर के पास थीं जहां उन्हें अकेला देखकर दो लोगों ने छेड़छाड़ की कोशिश की। साध्वी ने तुरंत शोर मचाना शुरू कर दिया जिससे आसपास मौजूद लोग वहां इकठ्ठा हो गए। लोगों को अपने ओर आते देख छेड़छाड़ कर रहा दोनों व्यक्ति भागने में सफल हो गया।
पुलिस भले ही इस मामले की जांच कर रही है, लेकिन ऐसी घटनाओं का होना महिलाओं की सुरक्षा पर एक बड़ा सवाल है। आखिर क्यों इन घटनाओं को अंजाम देने से पहले इन दरिंदों को डर नहीं लगता? ऐसे में क्या भारत की कानूनी प्रणाली बलात्कार या उत्पीड़न (Rape and Molestation) के मामलों को समय पर और प्रभावी ढंग से निपटाने में सक्षम है? देखा जाए तो कोलकाता डॉक्टर रेप और मर्डर केस, महाराष्ट्र के बदलापुर में छोटी बच्चियों के साथ बदसलूकी का मामला, गुजरात में साध्वी के साथ छेड़खानी का मामला कई सवाल खड़े करता है।
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