Kushinagar priest murder: कुशीनगर में हुई 75 वर्षीय मंदिर के पुजारी की गला रेतकर हत्या, इलाके में तनाव का माहौल
उत्तर प्रदेश के कुशीनगर में एक पुजारी की हत्या (Kushinagar priest murder) होने से माहौल गरमाया हुआ है। जानकारी के मुताबिक यूपी-बिहार सीमा पर स्थित बरवापट्टी थाने के अमवाखास टोला कपरधिक्का के शिव मंदिर के 75 वर्षीय पुजारी फलहारी दास की अज्ञात बदमाशों ने गला रेतकर हत्या कर दी। वे असम के रहने वाले थे। सोमवार की तड़के सुबह तीन बजे मंदिर के पीछे पिपरही-भूइधरवा मार्ग पर उनका लहूलुहान शव मिला था। घटनास्थल से बिहार का पश्चिमी चंपारण जिला महज 100 मीटर की दूरी पर है। यह मार्ग पशु तस्करी के लिए बदनाम है। हत्या की खबर फैलते ही यूपी बिहार के दस से अधिक गांवों के लोग मंदिर परिसर में इकट्ठा हो गए।
पुजारी की हत्या (Kushinagar priest murder) की खबर क्षेत्र में फैली तो लोग हो उठे आक्रोशित
जानकारी के मुताबिक पुलिस की टीम रात में गश्त पर निकली थी। इस दौरान मंदिर के पीछे से पिपरही-भूइधरवा मार्ग से होकर गुजरी तो देखा कि मंदिर के पुजारी फलहारी दास खून से लथपथ पड़े हुए हैं। उनके दुदही प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया जहां, चिकित्सकों ने मृत घोषित कर दिया। दूसरी ओर सुबह जब पुजारी की हत्या (Kushinagar priest murder) की खबर क्षेत्र में फैली तो लोग आक्रोशित हो उठे और काफी संख्या में ग्रामीण मंदिर परिसर जा पहुंचे। जहां उन्होंने पुलिस द्वारा चोरी छुपे शव को बिना पंचनामा कराए उठा ले जाने का आरोप लगाते हुए जमकर नारेबाजी की। भीड़ का आरोप था कि पुजारी की हत्या मंदिर में की गई और पुलिस बिना पंचनामा के शव उठा ले गई। इस बीच माहौल गर्माता देख पुलिस एसपी संतोष कुमार मिश्र ने आक्रोशित ग्रामीणों को घटना के दोषियों को शीघ्र पकड़ने का आश्वासन देते हुए गांव वालों को शांत कराया। खैर, पुलिस मंदिर में लगे सीसीटीवी कैमरे के फुटेज से हत्यारों के बारे में पता लगाने में जुटी है। फ़िलहाल पुलिस सभी पहलुओं पर नजर बनाए हुए है।
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सीसीटीवी कैमरे के चलते गई पुजारी की (Kushinagar priest murder) जान?
बता दें कि साल 2000 में फलहारी दास उर्फ त्यागी बाबा ने ही ग्रामपंचात की दस कट्ठा भूमि पर जन सहयोग से इस मंदिर का निर्माण कराया था। सिर्फ फलाहार करने की वजह से उनका नाम फलहारी दास ऊर्फ त्यागी बाबा पड़ा था। उन्हें प्रकृति से गहरा लगाव था। अपने इसी प्रकृति प्रेम के चलते बाबा ने एक हजार से अधिक पौधों का राेपण किए थे। इसके अलावा वो मंदिर में आने वाले श्रद्धालुओं से को भी पौधा देकर उन्हें वृक्षारोपण करने हेतु प्रेरित किया करते थे। बताया जा रहा है कि मंदिर में लगा सीसीटीवी कैमरे की नजर मंदिर के पीछे पिपरही-भूइधरवा मार्ग पर भी रहती थी। इसी मार्ग से होकर तस्कर यूपी से बिहार गोवंश व मादक पदार्थ लेकर जाते हैं। सीसीटीवी कैमरे के चलते तस्कर कई बार यहां से पकड़े जा चुके हैं। गांव वालों की मानें तो कैमरा लगने के बाद से ही तस्करों द्वारा इसको हटाने की बात कहते हुए धमकी दी जा रही थी। संभवतः इस हत्या के पीछे (Kushinagar priest murder) सीसीटीवी कैमरा एक वजह हो सकती है।
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