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Pitru Paksha Crow

Pitru Paksha में क्यों कौवों को ही खिलाते हैं, जानिए क्या है इसके पीछे का वैज्ञानिक कारण? 

हिंदू पंचांग के अनुसार अभी पितृपक्ष (Pitru Paksha) चल रहा है। 15 दिन चलने वाले इस महापर्व दौरान लोग अपने पितरों को याद करते हुए दान पुण्य करते हैं। इस दौरान पितरों के प्रतीक कौवे को भोजन कराने का विधान भी है। क्या आपने कभी सोचा है कि आखिर क्या वजह है, जो कौवों को ही पितृ का प्रतिक माना गया है। और भी तो कई पक्षी हैं, ऐसे में सिर्फ कौवे को ही क्यों? तो आपको बता दें कि इसके पीछे एक वैज्ञानिक कारण है। और वो यह कि कौवा पीपल और बरगद के वृक्ष का बीज तैयार करता है। आप निश्चित ही अपने दिमाग पर जोर डालकर कहेंगे कि कौवा, पीपल और बरगद के पेड़ तैयार करता है? भला ये कैसे संभव है? वट और पीपल को कौवा पक्षी प्रदत्त माना जाता है तो आपको बता दें कि धार्मिक मान्यताओं के अनुसार श्राद्ध में पांच जीवों को भोजन देने की परंपरा है, इनमें एक है कौवा। देववृक्ष कहे जाने वाले वट और पीपल को कौवा पक्षी प्रदत्त माना जाता है। दरअसल, कौवे पीपल और बरगद दोनों वृक्षों के फलों को खाते हैं। और जब उनके पेट में ही बीज उगने लायक होते हैं तब वो बीट करते हैं। जहां-जहां वो बीट करते हैं वहां-वहां पीपल और बरगद के वृक्ष उगते हैं। यही नहीं, मादा कौवा भादो महीने (अगस्त-सितंबर) में अंडा देती है। ऐसे में कौवों के बच्चों को पौष्टिक और भरपूर भोजन मिलना भी जरूरी है।  कौवों के नवजात बच्चों के लिए आंगन या छत में पौष्टिक आहार की  करते थे व्यवस्था कारण यही जो इस दौरान हमारे ऋषि-मुनी कौवों के नवजात बच्चों के लिए आंगन या छत में पौष्टिक आहार की व्यवस्था करते थे ताकि नवजात बच्चों का पालन-पोषण ठीक से हो सके। तब से पीढ़ी दर पीढ़ी यह परंपरा पितृपक्ष (Pitru Paksha) के रूप में चली आ रही है। उनकी देखा-देखी हम भी उक्त परंपरा को साल दर साल निभाते चले आ रहे हैं। वजह चाहे जो कुछ भी क्यों न हो, लेकिन इसके पीछे एकमात्र मकसद पर्यावरण को बचाये रखना था।   पीपल सबसे अधिक देता है ऑक्सीजन  दरअसल, हमारे पूर्वजों को यह पता था कि यदि पीपल और बरगद अन्य पेड़ों की तरह काटे गए तो प्रदूषण की समस्या खड़ी हो सकती है। आपको बता दें कि पीपल सबसे अधिक ऑक्सीजन देता है। शुद्ध ऑक्सीजन स्वास्थ्य के लिए बहुत जरूरी है। अब इस बात को सामान्य व्यक्तियों को समझाना उस दौर में बड़ा कठिन था। सो, लोग इसके पीछे के महत्व को आसानी से समझ सकें, इसलिए श्राद्ध और पितृपक्ष (Pitru Paksha)जैसी परंपरा की शुरुआत की गई तथा पितृ अथवा पुरखों को भोजन पानी देने की कवायद होने लगी। कौवे की मदद के बिना नहीं है संभव      बात एक सीधी और साफ है, यदि पीपल और बरगद के पौधों को उगाना है तो, यह बिना कौवे की मदद से संभव नहीं है, इसलिए कौवे को बचाना जरूरी है। यह प्रक्रिया श्राद्ध के रूप में प्रकृति रक्षण के लिए भी आवश्यक है। इसलिए जब भी हम बरगद और पीपल के पेड़ों को देखते है, पूर्वज याद आते हैं। #CulturalSignificance #ScientificReason #AncestorWorship #CrowsAndAncestors #PitruPakshaRitual #CrowFeeding #PitruPaksha2024

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Exercises to improve liver health

Exercises to improve liver health: लिवर हेल्थ को सुधार सकती हैं यह 5 आसान एक्सरसाइजेज

लिवर ह्यूमन शरीर में एक ऐसा अंग और ग्लैंड है, जो स्पॉन्जी होता है और जिसका आकार फुटबॉल जैसा होता है। इसका आकार इस बात पर भी निर्भर करता है कि आप कितने लंबे हैं और आपका वजन कितना है। लिवर एक जरूरी अंग है, जो कई आवश्यक काम करता है। यह एक ग्लैंड भी है क्योंकि यह प्रोटीन और हार्मोन बनाता है जिनकी शरीर के अन्य भागों को आवश्यकता होती है। लिवर को हेल्दी और सही शेप में रखना बहुत जरूरी है। सही डाइट लिवर हेल्थ में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है, किंतु कुछ एक्सरसाइजेज भी लिवर को हेल्दी बनाए रखने में फायदेमंद हो सकती हैं। आइए जानें लिवर हेल्थ को सुधारने वाली एक्सरसाइजेज (Exercises to improve liver health) के बारे में।  लिवर हेल्थ को सुधारने वाली एक्सरसाइजेज (Exercises to improve liver health) हेल्थलाइन (Healthline) के अनुसार लिवर संबंधी समस्याओं से राहत पाने के लिए हेल्दी लाइफस्टाइल को अपनाना जरूरी है। एक्सरसाइज करने से लिवर और संपूर्ण स्वास्थ्य को हेल्दी बनाने रखने में मदद मिलती है। लिवर हेल्थ को सुधारने वाली एक्सरसाइजेज इस प्रकार हैं:  सैर करना नियमित रूप से सुबह 30 मिनट की सैर करने से लीवर ठीक रहता है और इससे शरीर का मेटाबोलिक रेट बढ़ता है। वर्कआउट का यह नॉन-स्ट्रेनयूएस फॉर्म हार्ट का व्यायाम करने, शरीर को डिटॉक्स करने और आपके लीवर को स्वस्थ रहने में मदद करता है। इसके अलावा लीवर के स्वास्थ्य को प्राकृतिक रूप से बेहतर बनाने के लिए इसे रोजाना आसानी से किया जा सकता है। लिवर हेल्थ को सुधारने वाली एक्सरसाइजेज (Exercises to improve liver health) में यह सबसे आसान एक्सरसाइज है। कार्डियोवैस्कुलर एक्सरसाइजेज ऐसी गतिविधियां जो हार्ट रेट को बढ़ाती हैं, लीवर के लिए लाभदायक और वजन घटाने के लिए फायदेमंद होती हैं। रनिंग,स्विमिंग, डांसिंग और एरोबिक्स आदि कैलोरीज बर्न करने में मदद करती हैं। इससे फैट एक्युमुलेशन कम होता है और लिवर फंक्शन सुधरता है। ​पुश-अपस और स्क्वाट्स लिवर हेल्थ को सुधारने वाली एक्सरसाइजेज में यह एक्सरसाइजेज बहुत महत्वपूर्ण हैं। स्ट्रेंथ ट्रेनिंग वाली एक्सरसाइजेज जैसे ​पुश-अपस और स्क्वाट्स लिवर के लिए फायदेमंद हैं। इन एक्सरसाइजेज से संपूर्ण मसल मास सुधरता है, जिससे शरीर की मेटाबॉलाइज फैट और ग्लूकोज कम की क्षमता बढ़ती है। इस प्रकार, लीवर पर फैट का बोझ नहीं पड़ता।  योगा और पिलाटे  योगा और पिलाटे जैसी लो-इम्पेक्ट एक्सरसाइजेज का फोकस स्ट्रेचिंग, कोर स्ट्रेंथ और बैलेंस होता है। इन्हें करने से स्ट्रेस कम होता है, डाइजेशन सुधरती है और यह लिवर हेल्थ को सपोर्ट करने में मददगार है। इसके साथ ही इससे वजन सही रखने में भी मदद करती है। हाय-इंटेंसिटी इंटरवल ट्रेनिंग हाय-इंटेंसिटी इंटरवल ट्रेनिंग करने से मेटाबॉलिज्म बूस्ट होता है और लिवर फंशन में सुधर होता है। इसके साथ ही वजन भी कम होता है। लिवर हेल्थ को सुधारने वाली एक्सरसाइजेज (Exercises to improve liver health) में इस एक्सरसाइज को करना न भूलें। #WellnessTips #FitnessForHealth #DetoxYourLiver #HealthyLifestyle #ExerciseForHealth #NaturalHealing #FitnessJourney

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Maharshtra Election

Maharashtra: चुनाव आयोग की टीम 26 सितंबर को पहुंच रही महाराष्ट्र, राज्य में बढ़ी सियासी हलचल, जानिए कब बजेगा चुनावी बिगुल?

जम्मू-कश्मीर और हरियाणा में जारी विधानसभा चुनावों के बीच चुनाव आयोग ने अब महाराष्ट्र (Maharashtra) और झारखंड चुनावों की तैयारी भी शुरू कर दी है। चुनाव तैयारियों का जायजा लेने के लिए आयोग जल्द ही इन राज्यों का दौरा करने जा रही है। चुनाव आयोग की टीम महाराष्ट्र (Maharashtra) आ रही है। आयोग द्वारा 28 सितंबर को मुंबई में प्रेस कांफ्रेंस भी की जाएगी। ऐसे में माना जा रहा है कि इस दिन ही आयोग महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के तारीखों का ऐलान कर देगा।  तारीखों के ऐलान के पहले शिंदे सरकार कर सकती है बड़ी घोषणाएं  चुनाव आयोग के इस दौरे से पहले राज्य सरकार भी एक्शन मोड में आ गई है। शिंदे सरकार ने एक साथ कई अहम फैसले लिए थे। इसमें राज्य के तीर्थ स्थलों के विकास के लिए 350 करोड़ रुपये की स्वीकृति देना भी शामिल है। माना जा रहा है कि चुनाव की तारीखों के ऐलान के पहले शिंदे सरकार मतदाताओं को लुभाने के लिए बड़ी घोषणाएं भी कर सकती है।  महाराष्ट्र (Maharashtra) दौरे में चुनाव आयोग का यह रहेगा शेड्यूल   चुनाव आयोग ने अपने चुनावी कार्यक्रम की जानकारी मीडिया को देते हुए बताया कि, “उनकी टीम 26 सितंबर को महाराष्ट्र दौरे पर पहुंचेगी। यह टीम अगले दिन यानी 27 सितंबर को सभी राजनीतिक दलों और वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक करेगी। इसके अलावा सभी जिले के डीसी और एसपी के साथ भी बैठक करेगी। इन बैठकों के बाद आयोग की टीम 28 सितंबर को मुंबई में मीडिया को संबोधित करेगी।” ऐसे में माना जा रहा है कि, आयोग इस दिन चुनाव तारीखों का ऐलान भी कर सकता है। हालांकि, कुछ राजनीतिक हल्कों में चर्चा है कि चुनावी तारीखों का ऐलान 10 अक्टूबर तक हो सकता है।  2019 चुनाव में क्या रही थी स्थिति? बता दें कि, महाराष्ट्र (Maharashtra) विधानसभा में कुल 288 विधानसभा सीटें है। राज्य में बहुमत की सरकार बनाने के लिए किसी भी पार्टी या गठबंधन के पास 145 विधायक होने जरूरी हैं। साल 2019 में भाजपा और शिवसेना ने साथ मिलकर चुनाव लड़ा था और 161 सीटों पर जीत हासिल की थी, लेकिन सीएम पद पर मतभेद के कारण शिवसेना ने भाजपा से गठबंधन तोड़ कांग्रेस और एनसीपी के साथ गठबंधन कर लिया। इस चुनाव में कांग्रेस को 44 और एनसीपी को 54 सीटों पर जीत मिली थी। इस बार के चुनाव में सत्तारूढ़ महायुति और महाविकास आघाडी के बीच मुकाबला होगा।  #Polls2024 #ElectionBuzz #MaharashtraPolitics #VoteReady #ElectionUpdates #PoliticalCampaign #ElectionCountdown

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ICMR

भारत में Antibiotic resistance में हो रही है वृद्धि: ICMR

एंटीबायोटिक्स ऐसी दवाइयां हैं, जो बैक्टीरिया को मारकर या उन्हें प्रजनन से रोककर बैक्टीरियल  इंफेक्शंस का इलाज कर सकती हैं। एंटीबायोटिक्स बीमारी को फैलने से भी बचा सकती हैं और गंभीर डिजीज कॉम्प्लीकेशन्स को कम कर सकती हैं। लेकिन, ऐसा पाया गया है कि कुछ एंटीबायोटिक्स जो बैक्टीरिया इंफेक्शंस के लिए खास उपचार हुआ करते थे, अब उतना अच्छा काम नहीं करती हैं। इंडियन कॉउंसिल ऑफ़ मेडिकल रिसर्च की एक रिपोर्ट के मुताबिक एंटीबायोटिक्स का यूटीआई, टाइफाइड, निमोनिया पर एंटीबायोटिक्स का असर नहीं हो रहा है। आइए पाएं जानकारी एंटीबायोटिक रेजिस्टेंस और आईसीएमआर की रिपोर्ट (Antibiotic resistance and ICMR report) के बारे में विस्तार से। यह भी जानें कि एंटीबायोटिक्स का सही से इस्तेमाल कैसे करें? एंटीबायोटिक रेजिस्टेंस और आईसीएमआर की रिपोर्ट (Antibiotic resistance and ICMR report) इंडियन कॉउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (Indian Council of Medical Research) की रिपोर्ट बुखार, डायरिया, निमोनिया और अन्य ब्लडस्ट्रीम इंफेक्शंस जैसी स्थितियों के इलाज के लिए अक्सर इस्तेमाल की जाने वाली एंटीबायोटिक दवाओं पर केंद्रित है। पाएं इसके बारे में जरूरी जानकारी। एंटीबायोटिक रेजिस्टेंस के बारे में क्या कहती है रिपोर्ट? इंडियन कॉउंसिल ऑफ़ मेडिकल रिसर्च ने अपनी रिपोर्ट में यह बताया है कि यूटीआई, ब्लड इंफेक्शन जैसी बीमारियों ने आमतौर पर इस्तेमाल होने वाले एंटीबायोटिक दवाओं के प्रति प्रतिरोध विकसित कर लिया है, जिससे उपचार अधिक कठिन हो गया है। यह रिपोर्ट एंटीबायोटिक रेसिस्टेंट में चिंताजनक वृद्धि और सामान्य बैक्टीरिया की घटती संवेदनशीलता पर प्रकाश डालती है।  रिपोर्ट में ब्लड, यूरिन, रेस्पिरेटरी ट्रेक्ट और अन्य इंफेक्शंस के सैंपल में पाए जाने वाले ई. कोलाई (E. coli), , क्लेबसिएला निमोनिया (Klebsiella pneumoniae), स्यूडोमोनास एरुगिनोसा (Pseudomonas aeruginosa)और स्टैफिलोकोकस ऑरियस (Staphylococcus aureus) जैसे बैक्टीरिया पर एंटीबायोटिक दवाओं का परीक्षण किया गया। इस रिपोर्ट में विशेष रूप से कृषि में एंटीबायोटिक दवाओं के दुरुपयोग के बारे में भी जानकारी दी गयी है, जो एंटीबायोटिक की बढ़ती रेजिस्टेंस में योगदान देती है।   एंटीबायोटिक रेजिस्टेंस और आईसीएमआर की रिपोर्ट (Antibiotic resistance and ICMR report) में शोधकर्ताओं ने इस बात पर प्रकाश डाला है कि गैस्ट्रोएंटेराइटिस के लिए जिम्मेदार बैक्टीरिया, जैसे कि साल्मोनेला टाइफी, ने फ्लोरोक्विनोलोन के प्रति 95% से अधिक रेजिस्टेंस विकसित किया है, जो आमतौर पर गंभीर इंफेक्शन के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले एंटीबायोटिक दवाओं की एक क्लास है। एंटीबायोटिक्स का सही से इस्तेमाल कैसे करना चाहिए? जब हम एंटीबायोटिक्स लेते हैं, तो इसे सही से लेना जरूरी है। इसके लिए इन बातों का ध्यान रखें: #Superbugs #FightResistance #PublicHealth #Antibiotics #InfectionControl #OneHealth #ICMRReport#microbiology #bacteria #antibiotic #health #antibioticawareness #antibioticsawareness #medicine #antibioticsresistance

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ipo

Hyundai IPO: LIC को पछाड़ेगा हुंडई का जबरदस्त आईपीओ जानें कैसे बनें करोड़पति!

हुंडई मोटर्स इंडिया जल्द ही भारतीय शेयर बाजार में धमाका करने वाली है। कंपनी ने अपने हुंडई आईपीओ (Hyundai IPO) के लिए सेबी से मंजूरी ले ली है। ये आईपीओ इतना बड़ा होगा कि LIC का रिकॉर्ड भी टूट जाएगा। LIC ने 21,000 करोड़ रुपये का आईपीओ लाया था। लेकिन हुंडई आईपीओ (Hyundai IPO) इससे भी बड़ा होगा। कंपनी करीब 25,000 करोड़ रुपये जुटाने की योजना बना रही है। ये रकम 3 अरब डॉलर के बराबर है। आइए जानते हैं इस बड़े मौके के बारे में सब कुछ। हुंडई का बड़ा कदम हुंडई भारत में गाड़ियां बनाने और बेचने वाली दूसरी सबसे बड़ी कंपनी है। अब वो शेयर बाजार में भी अपना दम दिखाना चाहती है। कंपनी ने सेबी को अपने आईपीओ के लिए कागजात दिए थे। सेबी ने इन्हें मंजूरी दे दी है। हुंडई का ये कदम बहुत अहम है। पिछले 20 साल में किसी कार बनाने वाली कंपनी ने इतना बड़ा आईपीओ नहीं लाया है। इससे पहले 2003 में मारुति सुजुकी ने आईपीओ लाया था। आईपीओ का मतलब आईपीओ यानी इनिशियल पब्लिक ऑफरिंग। जब कोई कंपनी पहली बार अपने शेयर आम लोगों को बेचती है तो उसे आईपीओ कहते हैं। इससे कंपनी को पैसा मिलता है और लोग उस कंपनी के मालिक बन जाते हैं। हुंडई का आईपीओ OFS यानी ऑफर फॉर सेल होगा। इसका मतलब है कि कंपनी नए शेयर नहीं बनाएगी। बल्कि अपने मौजूदा शेयरों को ही बेचेगी। कंपनी 14.2 करोड़ शेयर बेचने की सोच रही है। हुंडई की बड़ी योजना हुंडई इस आईपीओ से अपनी कीमत बढ़ाना चाहती है। कंपनी की कोशिश है कि उसकी कीमत 18 से 20 अरब डॉलर के बीच हो। इससे कंपनी बाजार में अपनी ताकत बढ़ा सकेगी। हुंडई भारत में अपना काम और बढ़ाना चाहती है। कंपनी अमेरिका और दक्षिण कोरिया के बाद भारत से सबसे ज्यादा कमाई करती है। अब वो इस कमाई को और बढ़ाना चाहती है। निवेशकों के लिए मौका ये आईपीओ निवेशकों के लिए एक बड़ा मौका हो सकता है। हुंडई एक मशहूर कंपनी है और उसकी गाड़ियां लोगों को पसंद आती हैं। ऐसे में कंपनी के शेयर खरीदने से फायदा हो सकता है। लेकिन याद रखें शेयर बाजार में निवेश करना जोखिम भरा काम है। इसलिए किसी जानकार से सलाह लेकर ही निवेश करें। हुंडई के आईपीओ की तारीख और कीमत का ऐलान जल्द ही हो सकता है। हुंडई का सफर हुंडई भारत में 1996 से गाड़ियां बना रही है। कंपनी ने अपनी पहली कार सैंट्रो से शुरुआत की थी। आज हुंडई की कई गाड़ियां भारतीयों की पसंद हैं। i20 Creta Venue जैसी गाड़ियां हुंडई की मशहूर गाड़ियां हैं। कंपनी अब इलेक्ट्रिक गाड़ियों पर भी ध्यान दे रही है। हुंडई का आईपीओ कंपनी को और मजबूत बना सकता है। बाजार पर असर हुंडई का आईपीओ भारतीय शेयर बाजार के लिए एक बड़ा इवेंट होगा। इतने बड़े आईपीओ से बाजार में नई जान आ सकती है। निवेशकों की रुचि बढ़ सकती है और नए निवेशक भी आकर्षित हो सकते हैं। इस आईपीओ से ऑटो सेक्टर पर भी अच्छा असर पड़ सकता है। अन्य कार कंपनियों के शेयरों में भी तेजी आ सकती है। कुल मिलाकर ये आईपीओ पूरे बाजार के लिए एक अच्छी खबर हो सकती है। हुंडई की तैयारी हुंडई ने इस बड़े आईपीओ की तैयारी पूरी कर ली है। कंपनी ने कई बड़े बैंकों को इस काम के लिए चुना है। कोटक महिंद्रा सिटीबैंक मॉर्गन स्टेनली जेपी मॉर्गन और एचएसबीसी जैसे बड़े नाम इस आईपीओ को सफल बनाने में मदद करेंगे। इस तरह हुंडई मोटर्स इंडिया अपने बड़े आईपीओ के साथ भारतीय शेयर बाजार में धमाल मचाने की तैयारी कर रही है। देखना ये होगा कि निवेशक इस मौके का कितना फायदा उठाते हैं।  #HyundaiIPO #BiggestIndianIPO #StockMarketIndia #AutomobileIndustry #InvestInIndia

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Mumbai Metro 3 launch: मुंबईकर हो जाओ तैयार, आरे से बीकेसी तक का सफर अब सिर्फ 22 मिनट में!

मुंबई की जनता के लिए एक बड़ी और खुशखबरी आ रही है! मुंबई मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (MMRC) जल्द ही आरे से बांद्रा कुर्ला कॉम्प्लेक्स (BKC) तक मेट्रो-3 की सेवा शुरू करने जा रहा है। इस नई मेट्रो लाइन से न सिर्फ यात्रियों का समय बचेगा बल्कि उनका सफर भी आरामदायक और सुरक्षित हो जाएगा। यह प्रोजेक्ट मुंबई के परिवहन इतिहास में एक नया अध्याय लिखने जा रहा है। आइए जानते हैं मेट्रो-3 से जुड़ी हर छोटी-बड़ी बात। तेज रफ्तार में कम समय में लंबा सफर किराया और टाइमिंग बारिश और सुरक्षा का पूरा ध्यान यात्रियों की सुविधा का पूरा ख्याल पर्यावरण और ट्रैफिक पर सकारात्मक प्रभाव  #MumbaiMetro3 #MMRCUpdate #MumbaiTransport #MetroRevolution #CommuterDelight

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डोनाल्ड

क्या सच में डोनाल्ड ट्रंप को मरवाना चाहता है ईरान?

5 नवंबर को अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव होने को है। चुनाव में डोनाल्ड ट्रंप का मुकाबला डेमोक्रेटिक पार्टी की राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार कमला हैरिस से है। एक तरफ चुनावी गर्मजोशी अपने चरम पर है तो वहीं दूसरी वहीं तरफ पूर्व राष्ट्रपति पर हो रहे जानलेवा हमलों ने लोगों को सकते में डाल रखा है। ये सितम क्या कम था कि खुफिया एजेंसियों की ओर से मिली चेतावनी ने डोनाल्ड ट्रंप की मुश्किलों को और बढ़ा दिया है। दरअसल, अमेरिकी ख़ुफ़िया एजेंसी ने पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को आगाह किया है कि चुनाव ऐन वक़्त पहले ईरान उनकी हत्या करवाना चाहता है और वो हर संभव प्रयास कर में लगा हुआ है।  डोनाल्ड ट्रंप की सुरक्षा होगी और पुख्ता  डोनाल्ड ट्रंप के अभियान संचार निदेशक स्टीवन चेउंग जानकारी साझा करते हुए कहा कि “डोनाल्ड ट्रंप की जान को खतरा है। ईरान का एकमात्र मकसद अमेरिका में चुनावी माहौल को खराब करने के साथ-साथ अराजकता फैलाना है।” हालाँकि इस चेतावनी के बाद ट्रंप का कोई बयान नहीं आया है। इसके बाद से अमेरिकी खुफिया एजेंसियां हाई अलर्ट पर हैं। सुरक्षा के मद्देनजर ट्रंप की सुरक्षा को और भी पुख्ता किया जा सकता है।  क्यों मरवाना चाहता है ईरान? आपको बता दें कि वर्तमान में ईरान इजराइल के साथ प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से जंग लड़ा रहा है। ईरान का अपना मानना है कि गाजा में हो रहे नरसंहार में अमेरिका इजराइल की मदद कर रहा है। यही नहीं चुनावी प्रचार के दौरान डोनाल्ड ट्रंप ने खुले तौर पर इजराइल का समर्थन किया है। गौरतलब है कि ट्रंप ने ही ईरान के साथ न्यूक्लियर डील खत्म की थी। इसमें कोई दो राय नहीं है कि ईरान अमेरिकी चुनाव पर नजर बनाए हुए है। ऐसे में अमेरिका की सभी एजेंसियां डोनाल्ड ट्रंप की सुरक्षा को सुनिश्चित करने में जुटी हैं ताकि राष्ट्रपति चुनाव बिना हस्तक्षेप के संपन्न हो सके। पहले भी दो बार हो चुका है हत्या का प्रयास  बता दें कि इसी साल अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पर दो बार हमले हो चुके हैं। एक हमला पेन्सिलवेनिया में 13 जुलाई को एक चुनावी रैली में हुआ था, जिसमें वो बाल-बाल बचे थे। दरअसल, 20 साल के एक युवक ने उन पर गोली चलाई थी, जो उनके कान को छूकर निकल गई थी। बाद में सुरक्षा सुरक्षा एजेंट ने उसे मार गिराया था। दूसरा तब, जब वो फ्लोरिडा में पाम बीच काउंटी के इंटरनेशनल गोल्फ क्लब में गोल्फ खेल रहे थे। तब हुआ ये कि एक शख्स AK-47 राइफल और गो प्रो कैमरा लिए उनसे महज 500 मीटर की दूरी पर था। हालांकि इससे पहले वो कुछ कर पता सुरक्षा कर्मियों ने उसे धर दबोचा था। इस मामले में 58 साल के रयान वेस्ले राउथ गिरफ्तार किया था। #TrumpSecurityThreats #TrumpDeathPlot #IranPolitics #USIranRelations #TrumpNews #InternationalControversy #GlobalPolitics

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PM Modi: सफल और सार्थक रही पीएम मोदी की अमेरिका यात्रा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपनी तीन दिवसीय अमेरिका यात्रा के बाद भारत रवाना हो चुके हैं। विदेश मंत्रालय ने प्रधानमंत्री मोदी की इस यात्रा को बेहद सफल बताता है। विदेश सचिव विक्रम मिस्त्री ने बताया कि पीएम मोदी की तीन दिवसीय अमेरिका यात्रा क्वांटम कम्प्यूटिंग, तकनीक, एआई और सेमीकंडक्टर को बढ़ावा देने के संबंध में काफी अहम रही है। अमेरिका की सफल और सार्थक यात्रा पूरी करने के बाद प्रधानमंत्री मोदी नई दिल्ली के लिए रवाना हो चुके हैं।  वैश्विक और क्षेत्रीय मुद्दों पर की चर्चा  पीएम मोदी ने अपनी तीन दिवसीय यात्रा के दौरान न्यूयॉर्क स्थित संयुक्त राष्ट्र में समिट ऑफ द फ्यूचर को संबोधित किया और क्वाड लीडर्स समिट में भाग लिया। इसके अलावा उन्होंने यूक्रेन, कुवैत, नेपाल और फिलिस्तीन के नेताओं के साथ महत्वपूर्ण द्विपक्षीय बैठकें भी कीं। वहीं क्वाड सम्मेलन से पहले अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन के साथ भी पीएम मोदी ने द्विपक्षीय वार्ता की। इस बैठक में दोनों नेताओं ने वैश्विक और क्षेत्रीय मुद्दों पर चर्चा की। दुनिया में शांति और विकास के लिए वैश्विक संस्थाओं में सुधार जरूरी   विदेश सचिव विक्रम मिस्त्री ने पीएम मोदी की इस यात्रा को सफल बताते हुए कहा कि संयुक्त राष्ट्र में संघर्षों, ऊर्जा, स्वास्थ्य और जलवायु की वैश्विक चुनौतियों से लेकर ग्लोबल गवर्नेंस तक पर चर्चा हुई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दुनिया को भारतीय डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर और मानव कल्याण योजनाओं के बारे में जानकारी दी। साथ ही संयुक्त राष्ट्र महासभा में ‘भविष्य के शिखर सम्मेलन’ को भी संबोधित किया। इस शिखर सम्मेलन में पीएम मोदी ने यूक्रेन युद्ध और इजराइल-हमास युद्ध समेत दुनियाभर में चल रहे अन्य संघर्षों की पृष्ठभूमि में कहा, मानवता की सफलता हम सभी की सामूहिक शक्ति में निहित है, किसी युद्ध के मैदान में नहीं। विश्व में शांति और विकास लाने के लिए वैश्विक संस्थाओं में सुधार बेहद जरूरी है। राष्ट्रपति जेलेंस्की के साथ भी की द्विपक्षीय बैठक  पीएम मोदी ने यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की के साथ भी द्विपक्षीय बैठक भी की। इस वार्ता के दौरान यूक्रेनी राष्ट्रपति जेलेंस्की ने भारत द्वारा किए जा रहे शांति के प्रयासों को सराहा। इस मुलाकात में पीएम मोदी ने यूक्रेनी राष्ट्रपति को युद्ध रोकने के लिए भारत द्वारा किए जा रहे शांति के प्रयासों की जानकारी दी। #GlobalLeadership #IndiaUSPartnership #Diplomacy #PMModi2024 #IndoUSCooperation #ModiAtUN #ModiInWashington

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Mahabharata War

Mahabharata War: द्रौपदी की वो गलतियां, जो बनीं विनाशकारी युद्ध का कारण

महाभारत का युद्ध (Mahabharata War) भारतीय इतिहास का सबसे बड़ा और प्रसिद्ध युद्ध था, जिसमें कई कारण और घटनाएं शामिल थीं। महाभारत में पारिवारिक संबंध, सत्ता संघर्ष और धर्म-अधर्म की जटिलताएं प्रस्तुत की गई हैं। इस युद्ध के पीछे कई कारण थे। हालांकि, इस युद्ध का मुख्य कारण द्रौपदी से जुड़ी कुछ घटनाएं मानी जाती हैं। द्रौपदी, जो कि पांचों पांडवों की पत्नी थीं, की कुछ गलतियों ने युद्ध की ज्वाला भड़काने में अहम भूमिका निभाई।  द्रौपदी का दुर्योधन का अपमान बना महाभारत युद्ध (Mahabharata War) का कारण   महाभारत की कथा के अनुसार, जब पांडव और द्रौपदी इंद्रप्रस्थ में राजमहल में थे, तब दुर्योधन वहां आया। राजमहल के एक हिस्से में कांच का फर्श था, जिसे दुर्योधन ने पानी समझकर उठने की कोशिश की। इस पर द्रौपदी ने उसका उपहास करते हुए कहा, “अंधे का पुत्र अंधा,” जो दुर्योधन के अहंकार को ठेस पहुंचाने वाला था। इस अपमान से दुर्योधन ने प्रतिशोध की आग में जलते हुए पांडवों के खिलाफ षड्यंत्र रचा और महाभारत के युद्ध का बीजारोपण किया। जुए में हारने के बाद अपमानजनक व्यवहार जब युधिष्ठिर जुए में अपनी सारी संपत्ति, राज्य और यहां तक कि अपने भाइयों और पत्नी द्रौपदी को हार गए, तब द्रौपदी को कौरव सभा में लाया गया। वहां उसका चीरहरण करने का प्रयास किया गया, लेकिन भगवान श्रीकृष्ण ने उसकी लाज बचाई। यह घटना पांडवों के लिए एक बड़ी अपमानजनक थी, जिससे उनकी महाभारत युद्ध (Mahabharata War) की इच्छा और भी प्रबल हो गई। प्रतिशोध की भावना द्रौपदी ने उस अपमान का प्रतिशोध लेने का संकल्प लिया और पांडवों से कहा कि जब तक कौरवों का नाश नहीं होगा, तब तक वे चैन से नहीं बैठेंगे। द्रौपदी की इस प्रतिज्ञा ने पांडवों को महाभारत के युद्ध (Mahabharata War) की ओर धकेल दिया। कर्ण का अपमान महाभारत के प्रमुख पात्रों में से एक सूत पुत्र कर्ण का अपमान भी युद्ध के कारणों में से एक था। जब द्रौपदी का स्वयंवर चल रहा था, तब कर्ण ने धनुष उठाने की कोशिश की, लेकिन द्रौपदी ने उसे यह कहते हुए रोक दिया कि वह सूत पुत्र है और उससे विवाह नहीं कर सकती। इस अपमान ने कर्ण के मन में गहरी कड़वाहट भर दी, जिससे वह कौरवों का समर्थन करने के लिए प्रेरित हुआ और अंततः महाभारत के युद्ध (Mahabharata War) में उसकी भूमिका निर्णायक बन गई। जयद्रथ से बचाया वनवास के दौरान, जब पांडवों ने द्रौपदी को जयद्रथ से बचाया, तो वे उसे मारने वाले थे, लेकिन द्रौपदी ने उन्हें रोक दिया। द्रौपदी ने जयद्रथ का वध करने के बजाय उसे अपमानित करके छोड़ दिया। बाद में महाभारत के युद्ध में, यही जयद्रथ अभिमन्यु की मृत्यु का कारण बना।  #Katha #HinduMythology #Dharma #Adharma #Karan #Jayadrath #EpicStories #IndianCulture

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Tirupati Balaji Temple

Tirupati Balaji Temple: जानिए कैसे भगवान वेंकटेश्वर के सिर पर लगे घाव ने शुरू की बाल दान की अनूठी परंपरा?

तिरुपति बालाजी मंदिर (Tirupati Balaji Temple), जिन्हें श्री वेंकटेश्वर मंदिर के नाम से भी जाना जाता है, भारत के सबसे प्रसिद्ध और श्रद्धेय धार्मिक स्थलों में से एक हैं। यह मंदिर तिरुमला पहाड़ियों पर स्थित है और भगवान वेंकटेश्वर को समर्पित है। यहाँ भक्तों की अपार भीड़ हर साल देखी जाती है, जो अपनी श्रद्धा और भक्ति के साथ यहां आते हैं। तिरुपति बालाजी मंदिर (Tirupati Balaji Temple) की कहानी तिरुपति बालाजी मंदिर में भगवान वेंकटेश्वर की पूजा की जाती है और बालों का दान करने की प्रथा के पीछे एक पौराणिक कथा जुड़ी हुई है। कहते हैं, बहुत पहले भगवान वेंकटेश्वर की मूर्ति पर चीटियों का इतना बड़ा झुंड जमा हो गया था कि वह एक पहाड़ जैसा दिखने लगा। प्रतिदिन एक गाय वहां आकर उस पहाड़नुमा चीटियों के समूह पर दूध दिया करती थी। एक दिन, गाय के मालिक ने इस दृश्य को देखा और गुस्से में आकर गाय पर कुल्हाड़ी से हमला कर दिया। इस हमले से भगवान वेंकटेश्वर की मूर्ति को भी चोट लगी, जिससे उनके सिर पर घाव हो गया और उस स्थान के बाल झड़ गए।  अपने बाल काटकर उनके घाव पर दिया लगा  जब भगवान की मां ने यह घाव देखा, तो उन्होंने अपने बाल काटकर उनके घाव पर लगा दिया। कमाल यह कि इससे भगवान वेंकटेश्वर का घाव भर गया। इस त्याग से भगवान इतने प्रसन्न हुए कि उन्होंने कहा, “एक स्त्री के लिए उसके बाल उसका सबसे महत्वपूर्ण आभूषण होते हैं और तुमने मेरे लिए अपने बाल त्याग दिए। इसलिए, जो भी भक्त मेरे लिए अपने बालों का त्याग करेगा, उसकी सभी इच्छाएं पूरी होंगी।” तभी से तिरुपति मंदिर में बाल दान की यह परंपरा आरंभ हुई, जो आज तक चली आ रही है। तिरुपति बालाजी मंदिर में बाल दान का महत्व भक्तों द्वारा बाल दान की प्रथा भी तिरुपति बालाजी मंदिर (Tirupati Balaji Temple) से जुड़ी हुई है। कई भक्त अपने बच्चों के बाल तिरुपति बाला जी को अर्पित करते हैं। यह एक धार्मिक अनुष्ठान है, जो भक्तों की भक्ति और विश्वास को दर्शाता है। मान्यता है कि बाल दान करने से व्यक्ति को सभी प्रकार की बाधाओं से मुक्ति मिलती है और भगवान वेंकटेश्वर की कृपा प्राप्त होती है। भक्तों का विश्वास है कि बाल दान करने से वे भगवान के प्रति अपनी समर्पण भावना को व्यक्त करते हैं। यह एक तरह की श्रद्धांजलि है, जिसमें भक्त अपने बालों को अर्पित करके भगवान से आशीर्वाद मांगते हैं। #HinduTemples #SpiritualJourney #ReligiousHistory #CulturalTraditions #TemplePilgrimage #FaithAndDevotion #TirupatiTemple

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