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Tirupati Balaji Temple

Tirupati Balaji Temple: जानिए कैसे भगवान वेंकटेश्वर के सिर पर लगे घाव ने शुरू की बाल दान की अनूठी परंपरा?

तिरुपति बालाजी मंदिर (Tirupati Balaji Temple), जिन्हें श्री वेंकटेश्वर मंदिर के नाम से भी जाना जाता है, भारत के सबसे प्रसिद्ध और श्रद्धेय धार्मिक स्थलों में से एक हैं। यह मंदिर तिरुमला पहाड़ियों पर स्थित है और भगवान वेंकटेश्वर को समर्पित है। यहाँ भक्तों की अपार भीड़ हर साल देखी जाती है, जो अपनी श्रद्धा और भक्ति के साथ यहां आते हैं। तिरुपति बालाजी मंदिर (Tirupati Balaji Temple) की कहानी तिरुपति बालाजी मंदिर में भगवान वेंकटेश्वर की पूजा की जाती है और बालों का दान करने की प्रथा के पीछे एक पौराणिक कथा जुड़ी हुई है। कहते हैं, बहुत पहले भगवान वेंकटेश्वर की मूर्ति पर चीटियों का इतना बड़ा झुंड जमा हो गया था कि वह एक पहाड़ जैसा दिखने लगा। प्रतिदिन एक गाय वहां आकर उस पहाड़नुमा चीटियों के समूह पर दूध दिया करती थी। एक दिन, गाय के मालिक ने इस दृश्य को देखा और गुस्से में आकर गाय पर कुल्हाड़ी से हमला कर दिया। इस हमले से भगवान वेंकटेश्वर की मूर्ति को भी चोट लगी, जिससे उनके सिर पर घाव हो गया और उस स्थान के बाल झड़ गए।  अपने बाल काटकर उनके घाव पर दिया लगा  जब भगवान की मां ने यह घाव देखा, तो उन्होंने अपने बाल काटकर उनके घाव पर लगा दिया। कमाल यह कि इससे भगवान वेंकटेश्वर का घाव भर गया। इस त्याग से भगवान इतने प्रसन्न हुए कि उन्होंने कहा, “एक स्त्री के लिए उसके बाल उसका सबसे महत्वपूर्ण आभूषण होते हैं और तुमने मेरे लिए अपने बाल त्याग दिए। इसलिए, जो भी भक्त मेरे लिए अपने बालों का त्याग करेगा, उसकी सभी इच्छाएं पूरी होंगी।” तभी से तिरुपति मंदिर में बाल दान की यह परंपरा आरंभ हुई, जो आज तक चली आ रही है। तिरुपति बालाजी मंदिर में बाल दान का महत्व भक्तों द्वारा बाल दान की प्रथा भी तिरुपति बालाजी मंदिर (Tirupati Balaji Temple) से जुड़ी हुई है। कई भक्त अपने बच्चों के बाल तिरुपति बाला जी को अर्पित करते हैं। यह एक धार्मिक अनुष्ठान है, जो भक्तों की भक्ति और विश्वास को दर्शाता है। मान्यता है कि बाल दान करने से व्यक्ति को सभी प्रकार की बाधाओं से मुक्ति मिलती है और भगवान वेंकटेश्वर की कृपा प्राप्त होती है। भक्तों का विश्वास है कि बाल दान करने से वे भगवान के प्रति अपनी समर्पण भावना को व्यक्त करते हैं। यह एक तरह की श्रद्धांजलि है, जिसमें भक्त अपने बालों को अर्पित करके भगवान से आशीर्वाद मांगते हैं। #HinduTemples #SpiritualJourney #ReligiousHistory #CulturalTraditions #TemplePilgrimage #FaithAndDevotion #TirupatiTemple

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Wednesday Fast

Wednesday Fast: बुधवार के व्रत से पहले जान लें इन नियमों को

हिंदू धर्म में बुधवार का दिन भगवान गणेश के व्रत (Wednesday Fast) के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है। भगवान गणेश को विघ्नहर्ता और समृद्धि का देवता माना जाता है, और बुधवार के व्रत के जरिए उनकी कृपा प्राप्त की जाती है। यदि आप भी बुधवार के दिन व्रत करने का निर्णय ले रहे हैं, तो कुछ महत्वपूर्ण नियमों का पालन करना आवश्यक है। आइए जानें बुधवार के व्रत से पहले कौन-कौन सी बातों का ध्यान रखना चाहिए। व्रत की शुरुआत (Wednesday Fast) कैसे करे? व्रत की शुरुआत के बाद, आपको 7, 11, या 21 बुधवार के व्रत का संकल्प लेना होता है। इन निर्धारित बुधवार व्रतों को पूरा करने के बाद, आप उद्यापन (व्रत का समापन) कर सकते हैं। व्रत के दौरान क्या खा सकते हैं? व्रत (Budhwar Vrat) के दौरान आप फल, दूध, और अन्य फलाहारी पदार्थों का भी सेवन कर सकते हैं। ये चीजें आपको ऊर्जा प्रदान करती हैं और व्रत को सरल बनाती हैं। बुधवार व्रत (Wednesday Fast) कथा बुधवार व्रत (Budhwar Vrat) के दौरान बुधवार कथा का पाठ महत्वपूर्ण माना जाता है। एक प्राचीन कथा के अनुसार, समतापुर नगर में धनवान मधुसूदन नामक व्यक्ति था, जिसने बलरामपुर नगर की कन्या संगीता से विवाह किया। शादी के दिन वह पत्नी को लेने आया, लेकिन कन्या के माता-पिता ने यात्रा करने से मना किया क्योंकि यह बुधवार था। मधुसूदन ने उनकी बातों की अनदेखी की और यात्रा शुरू कर दी। कुछ दूर चलने के बाद उनकी बैलगाड़ी का पहिया टूट गया। पत्नी को पानी की जरूरत पड़ी, तो मधुसूदन उसे एक पेड़ के नीचे छोड़कर पानी लाने गया। लौटकर उसने देखा कि उसकी पत्नी के पास एक और व्यक्ति बैठा है, जो उसकी तरह दिख रहा था। दोनों व्यक्तियों के बीच झगड़ा हुआ और अंततः राजा के सामने ले जाया गया। राजा और संगीता भी दोनों में अंतर नहीं कर पाए, और दोनों को जेल की सजा दी गई। मधुसूदन ने भगवान से प्रार्थना की कि उसे समझाया जाए कि यह सजा क्यों मिल रही है। आकाशवाणी हुई कि उसकी सजा इस वजह से है कि उसने सास-ससुर की बातों की अनदेखी की। मधुसूदन ने बुधवार को व्रत करने और इस दिन यात्रा न करने का संकल्प लिया।  भगवान ने उसकी प्रार्थना स्वीकार की और सामने खड़ा व्यक्ति गायब हो गया। राजा और लोग चकित रह गए और मधुसूदन को सम्मान के साथ विदा किया। उन्हें बैलगाड़ी मिल गई और वे सुखपूर्वक अपने घर लौटे। इसके बाद, मधुसूदन और संगीता हर बुधवार व्रत (Wednesday Fast) करने लगे और सुखपूर्वक जीवन यापन किया। 1. स्नान और स्वच्छता बुधवार के व्रत के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करना अत्यंत महत्वपूर्ण होता है। स्नान के बाद, स्वच्छ वस्त्र पहनें और व्रत की तैयारी करें। इस दिन घर की साफ-सफाई भी करनी चाहिए ताकि पूजा स्थान पर स्वच्छता बनी रहे। स्वच्छता व्रत के फल को बढ़ाने में सहायक होती है और भगवान गणेश की पूजा को अधिक प्रभावशाली बनाती है। 2. व्रत की तैयारी व्रत के दिन संपूर्ण दिन का भोजन और पेय पदार्थ तय कर लें। व्रत के दिन नमक और तेल का सेवन नहीं करना चाहिए। फलाहार या दूध और दही का सेवन करना उचित होता है। व्रत के दौरान खुद को मानसिक और शारीरिक रूप से तैयार रखें, ताकि पूजा के समय कोई विघ्न न आए। 3. गणेश जी की पूजा बुधवार के दिन भगवान गणेश की पूजा विधिपूर्वक करनी चाहिए। पूजा के लिए गणेश जी की प्रतिमा या चित्र को अच्छे स्थान पर स्थापित करें। गणेश जी को लाल फूल, दूर्वा (घास), चंदन, और मोदक अर्पित करें। विशेष रूप से गणेश चालीसा का पाठ और गणेश की आरती करनी चाहिए। पूजा के बाद भगवान गणेश को भोग अर्पित करें और प्रसाद का वितरण करें।  4. ध्यान और एकाग्रता पूजा करते समय मन को शांत और एकाग्र रखना चाहिए। किसी भी प्रकार की नकारात्मक सोच या चिंता को पूजा के समय से दूर रखें। भगवान गणेश के मंत्रों का जाप करें और ध्यान लगाएं। यह मानसिक शांति और ध्यान पूजा के प्रभाव को बढ़ाता है। 5. व्रत का समापन व्रत के दिन (Budhwar Vrat) पूजा के बाद, व्रति को संयमित और साधारण भोजन करना चाहिए। व्रत का समापन करते समय भगवान गणेश की आरती करें और उनके भोग का वितरण करें। यह भी ध्यान दें कि पूजा स्थल पर किसी प्रकार की अशुद्धि न हो और सभी वस्त्र और पूजा सामग्री स्वच्छ हो।  6. दान और सहायता पूजा के बाद जरूरतमंदों को भोजन, वस्त्र, या पैसे दान करने से विशेष पुण्य मिलता है। इस दिन दान और सहायता का विशेष महत्व होता है। दान करने से भगवान गणेश की कृपा प्राप्त होती है और जीवन में सुख-समृद्धि का आशीर्वाद मिलता है।  #WednesdayVrat #VratRules #HinduTraditions #BlessingsOfGanesh #SpiritualGuidance #ProsperityAndPeace #GaneshChalisa

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Top 10 Electric Cars in India 2024

Top 10 Electric Cars in India 2024: Tata की इस इलेक्ट्रिक कार को देख आपके मुंह से निकलेगा ‘Wow!’

भारत में इलेक्ट्रिक कार (Electric Car) का चलन तेजी से बढ़ रहा है। लोग अब पेट्रोल-डीजल की गाड़ियों से इलेक्ट्रिक कारों की तरफ रुख कर रहे हैं। इसकी वजह है इन कारों का पर्यावरण के अनुकूल होना और कम खर्चीला होना। आइए जानते हैं 2024 में भारत में मिलने वाली टॉप 10 इलेक्ट्रिक कार (Electric Car) के बारे में। सबसे सस्ती इलेक्ट्रिक कारें बेहतरीन फीचर्स वाली इलेक्ट्रिक कारें लंबी रेंज वाली इलेक्ट्रिक कारें लग्जरी इलेक्ट्रिक कारें इन सभी कारों में आपको लेटेस्ट टेक्नोलॉजी और बेहतरीन फीचर्स मिलेंगे। अपने बजट और जरूरत के हिसाब से आप इनमें से कोई भी इलेक्ट्रिक कार (Electric Car) चुन सकते हैं। याद रखें, इलेक्ट्रिक कारें न सिर्फ पर्यावरण के लिए अच्छी हैं, बल्कि लंबे समय में आपके पैसे भी बचाती हैं। तो अगली बार कार खरीदते वक्त इलेक्ट्रिक कारों के बारे में जरूर सोचें!  #ElectricCarsIndia #EVRevolution #GreenMobility #FutureOfDriving #SustainableTransport

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Samit Dravid

Samit Dravid को टीम में तो जगह मिली, लेकिन खेलने का मौका कब? जानिए क्यों हो रहा है इंतजार

क्रिकेट की दुनिया में एक नया नाम उभर रहा है, समित द्रविड़ (Samit Dravid)। ये वही समित हैं, जो भारतीय क्रिकेट के महान खिलाड़ी राहुल द्रविड़ के बेटे हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि इस युवा खिलाड़ी का सफर अभी तक शुरू नहीं हुआ है? आइए जानते हैं समित द्रविड़ (Samit Dravid) के बारे में कुछ दिलचस्प बातें। मैदान से दूर, बेंच पर इंतजार समित को हाल ही में भारत की अंडर-19 टीम में चुना गया था। यह खबर सुनकर हर क्रिकेट प्रेमी खुश हो गया। लेकिन अफसोस की बात यह है कि अभी तक समित को खेलने का मौका नहीं मिला है। टीम के दो मैच हो चुके हैं, लेकिन दोनों में समित बेंच पर ही बैठे रहे। ऐसा लगता है जैसे वो अपने पहले मैच के लिए तरस रहे हों। एक ऑलराउंडर की कहानी समित द्रविड़ (Samit Dravid) सिर्फ बल्लेबाज नहीं हैं। वे एक अच्छे गेंदबाज भी हैं। उनकी तेज गेंदबाजी देखकर लोग हैरान रह जाते हैं। कर्नाटक की टीम के लिए खेलते हुए उन्होंने कूच बिहार ट्रॉफी में अपना जलवा दिखाया था। इसी प्रदर्शन की बदौलत उन्हें अंडर-19 टीम में जगह मिली। समय की कमी, सपनों की उड़ान लेकिन क्या आप जानते हैं कि समित के लिए समय कम होता जा रहा है? वे जल्द ही 19 साल के हो जाएंगे। इसका मतलब है कि वे 2026 में होने वाले अंडर-19 वर्ल्ड कप में नहीं खेल पाएंगे। यह बात थोड़ी दुखद है, क्योंकि उनके पिता राहुल द्रविड़ भी कभी अंडर-19 वर्ल्ड कप नहीं खेल पाए थे। पिता के नक्शेकदम पर राहुल द्रविड़ ने अपने करियर में कई रिकॉर्ड बनाए। अब सबकी नजरें समित पर टिकी हैं। लोग सोच रहे हैं कि क्या वे अपने पिता की तरह क्रिकेट में नाम कमा पाएंगे? लेकिन याद रखें, हर खिलाड़ी का अपना रास्ता होता है। समित को अपना रास्ता खुद बनाना होगा। मेहनत का फल मीठा होता है हालांकि अभी समित को मौका नहीं मिला है, लेकिन उम्मीद है कि जल्द ही वे मैदान पर अपना जादू दिखाएंगे। उनकी मेहनत और लगन देखकर लगता है कि वे जल्द ही अपनी जगह बना लेंगे। क्रिकेट के मैदान पर एक नया सितारा चमकने को तैयार है। अब सवाल यह है कि क्या समित को तीसरे मैच में मौका मिलेगा? क्या वे अपने पहले मैच में ही धमाल मचा देंगे? या फिर उन्हें और इंतजार करना पड़ेगा? ये सवाल हर क्रिकेट प्रेमी के मन में हैं। आखिर में यही कहेंगे कि समित द्रविड़ (Samit Dravid) एक होनहार खिलाड़ी हैं। उनके पास प्रतिभा है, जुनून है और सबसे बड़ी बात, उनके पास एक महान पिता का मार्गदर्शन है। बस अब इंतजार है तो सिर्फ उस पल का, जब वे पहली बार भारत के लिए मैदान पर उतरेंगे और अपने खेल से सबको चौंका देंगे। #SamitDravid #UnderNineteenCricket #NextGenCricketer #DravidLegacy #YouthCricket

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Chhatrapati Shivaji Maharaj

इतने रुपए की लागत से Chhatrapati Shivaji Maharaj की भव्य और विशाल प्रतिमा बनाएगी राज्य सरकार

महाराष्ट्र के सिंधुदुर्ग में छत्रपति शिवाजी महाराज (Chhatrapati Shivaji Maharaj) की मूर्ति टूटकर गिरने के बाद हुए सियासी बवाल को पूरे देश ने देखा था। इस मुद्दे पर विपक्ष ने राज्य सरकार को घेरते हुए इसे महाराष्ट्र का अपमान बताया था। विवाद बढ़ने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को सार्वजनिक तौर पर माफी तक मांगनी पड़ी थी। अब राज्य की शिंदे सरकार ‘प्रायश्चित’ के तौर पर शिवाजी की भव्य प्रतिमा बनवाने जा रही है। यह पहले की प्रतिमा से ज्यादा ऊंची और विशाल होगी।   60 फीट ऊंची प्रतिमा का कराया जाएगा निर्माण  इसके लिए राज्य सरकार ने 20 करोड़ रुपये आवंटित किया था। अब महाराष्ट्र लोक निर्माण विभाग के कनकवली डिविजन ने प्रतिमा निर्माण के लिए टेंडर जारी किया है। मीडिया को इसकी जानकारी देते हुए पीडब्ल्यूडी के एग्जिक्यूटिव इंजीनियर अजय कुमार ने बताया कि,”इस प्रतिमा का निर्माण गुजरात के स्टैच्यू ऑफ यूनिटी की तर्ज पर किया जाएगा। छत्रपति शिवाजी महाराज (Chhatrapati Shivaji Maharaj) की पहले वाली प्रतिमा 33 फीट ऊंची थी, लेकिन अब 60 फीट ऊंची प्रतिमा का निर्माण कराया जाएगा।”  निर्माण करने वाली कंपनी को देनी होगी 100 साल की गारंटी  पीडब्ल्यूडी इंजीनियर अजय कुमार ने टेंडर के नियम शर्तों की जानकारी देते हुए बताया कि, जिस भी कंपनी को टेंडर मिलेगा उसे प्रतिमा की मजबूती पर कम से कम 100 साल की गारंटी देनी होगी। इसके साथ ही उक्त कंपनी को ही 10 साल तक प्रतिमा की देखभाल भी करनी होगी। साथ ही टेंडर में यह भी शर्त रखी गई है कि प्रतिमा का निर्माण छह महीने में कर दिया जाए। अजय कुमार ने बताया कि, इस बार हम पहले से कहीं ज्यादा सावधान हैं। इसलिए कंपनी का चुनाव करने के साथ निर्माण कार्य की सख्त निगरानी की जाएगी। टेंडर के नियम और शर्तों को तोड़ने पर भारी जुर्माना के साथ सजा का प्रावधान किया गया है।     दो आरोपियों को किया जा चुका है गिरफ्तार बता दें कि, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सिंधुदुर्ग में छत्रपति शिवाजी महाराज (Chhatrapati Shivaji Maharaj) की प्रतिमा का अनावरण 4 दिसंबर को किया था और यह 26 अगस्त को गिर गई। इस घटना पर राज्य सरकार ने माफी मांगते हुए जांच के लिए दो कमेटी भी बनाई है। इस मामले में अब तक दो आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है। घटना के कारणों का पता लगाने हेतु जांच अभी भी जारी है।  #Heritage #CulturalMonument #IndianHistory #ShivajiStatue #StateInitiative #TourismDevelopment #HistoricalFigures

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PM Modi

PM Modi ने युद्ध को लेकर जेलेंस्की से कही यह महत्वपूर्ण बात

अमेरिका दौरे पर गए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने न्यूयॉर्क में यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की से द्विपक्षीय मुलाकात की। एक महीने के अंदर यह दोनों नेताओं के बीच दूसरी मुलाकात है। विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने इस बैठक की जानकारी देते हुए बताया कि, ‘पीएम मोदी ने इस मुलाकात के दौरान राष्ट्रपति जेलेंस्की से कई मुद्दों पर बात की है। इस दौरान पीएम मोदी ने कहा कि, “उन्होंने हमेशा शांति के रास्ते पर आगे बढ़ने की बात की है। अगर शांति नहीं होगी, तो विकास भी संभव नहीं। युद्ध खत्म होगा या नहीं, यह तो समय ही बताएगा, लेकिन सभी लोगों की कोशिश किसी भी तरह से इस युद्ध को खत्म करने पर केंद्रित है।” बीते 23 अगस्त को पीएम मोदी (PM Modi) ने किया था यूक्रेन का दौरा  बता दें कि, पीएम मोदी (PM Modi) ने बीते 23 अगस्त को यूक्रेन का दौरा किया था। साल 1992 में दोनों देशों के बीच राजनयिक संबंध स्थापित होने के बाद यह किसी भी भारतीय पीएम की पहली यूक्रेन यात्रा थी। वहां पर यूक्रेनी राष्ट्रपति से मुलाकात के दौरान पीएम मोदी ने युद्ध रोकने और जल्द शांति बहाल के लिए हर संभव तरीके से मदद करने की इच्छा जताई थी। दोनों नेताओं की तरफ से जारी संयुक्त बयान में भी कहा गया था, कि दोनों देश द्विपक्षीय संबंधों को व्यापक साझेदारी की तरफ बढ़ाने के इच्छुक हैं।  यूक्रेन के अनुरोध पर हुई बैठक  पीएम मोदी (PM Modi) और राष्ट्रपति जेलेंस्की की न्यूयॉर्क में हुई बैठक की जानकारी देते हुए विदेश सचिव ने कहा, “इस बैठक के लिए यूक्रेनी पक्ष की तरफ से अनुरोध किया गया था, जिसके बाद दोनों नेताओं के बीच यह बैठक हुई। बैठक में दोनों के बीच कई मुद्दों पर चर्चा हुई।” विदेश सचिव ने कहा कि, “राष्ट्रपति जेलेंस्की के साथ बातचीत के दौरान पीएम मोदी ने उन्हें बताया कि युद्ध को रोकने के लिए उनकी अलग-अलग देश के नेताओं से बात हुई है और आगे भी इस विषय पर चर्चा होती रहेगी। सभी इस बात पर सहमत हैं कि किसी भी तरह युद्ध को रोकने के लिए सीजफायर का रास्ता निकालना होगा। इस मुद्दे पर हमारे प्रयास आगे भी जारी रहेंगे।”  पीएम मोदी (PM Modi) क्वाड शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने पहुंचे हैं अमेरिका बता दें कि पीएम मोदी (PM Modi) क्वाड शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने अमेरिका पहुंचे हैं। यहां पर उन्होंने भारतीय समुदाय के लोगों को संबोधित करने के अलावा संयुक्त राष्ट्र के ‘समिट ऑफ द फ्यूचर’ में भी भाषण दिया। साथ ही कई देशों के नेताओं के साथ द्विपक्षीय बैठक भी कर रहे।  #IndiaUkraine #GlobalPolitics #InternationalRelations #PeaceTalks #Leadership #PoliticalNews #WorldLeaders

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RRC WR Apprentice Recruitment

RRC WR Apprentice Recruitment 2024: ऐसे उम्मीदवारों के लिए भारतीय रेलवे ने निकाली बिना परीक्षा बंपर भर्ती

यदि आप भारतीय रेलवे में अप्रेंटिस (Apprentice) करने का सपना देख रहे हैं, तो यह आपके लिए सुनहरा मौका हो सकता है। एक बार फिर रेलवे ने 5 हजार से अधिक भर्ती निकाली है। दरअसल, रेलवे भर्ती सेल (पश्चिमी रेलवे) (RRC WR Apprentice Recruitment) ने अपरेंटिस के लिए 5,066 पदों पर भर्तियां निकाली हैं। जिसमें अपरेंटिस हेतु खाली पद भरे जाने हैं। इस हेतु ऑनलाइन आवेदन शुरू हो गए हैं।  रेलवे भर्ती सेल, पश्चिमी रेलवे (RRC WR Apprentice Recruitment) ने इन पदों पर निकली है भर्ती  आपको बता दें कि रेलवे अप्रेंटिस की इस वैकेंसी के जरिए फिटर, वेल्डर, मैकेनिक, कारपेंटर, पेंटर, इलेक्ट्रीशियन समेत विभिन्न पदों पर उम्मीदवारों का अलग-अलग विभागों के लिए चयन किया जाएगा।   योग्यता और आयु सीमा  ट्रेड अप्रेंटिस (Apprentice) की इस वैकेंसी में अप्लाई करने के लिए उम्मीदवारों का किसी मान्यता प्राप्त बोर्ड से न्यूनतम 50 प्रतिशत अंकों के साथ 10वीं पास होना आवश्यक है। इसके अतिरिक्त संबंधित ट्रेड में आईटीआई का सर्टिफिकेट होना भी जरूरी है। योग्यता संबंधित विस्तृत जानकारी अभ्यर्थी भर्ती के आधिकारिक नोटिफिकेशन से भी चेक कर सकते हैं। इसमें अप्लाई करने के लिए उम्मीदवारों की कम से कम उम्र 15 वर्ष और अधिक से अधिक 24 वर्ष ही होनी चाहिए। उम्र की गणना 22 अक्टूबर 2024 के आधार पर ही की जाएगी। बता दें कि आरक्षित वर्गों को आयु सीमा में छूट दी गई है। आवेदन शुल्क बात करें आवेदन शुल्क की तो, इस हेतु उम्मीवारों को 100 रुपये आवेदन शुल्क रूप से रूप में भुगतान करने होंगे, जो वापस नहीं होंगे। वहीं एससी, एसटी, महिला और पीडब्ल्यूबीडी वर्ग के अभ्यर्थियों के लिए फ्री है, यानी उनसे कोई आवेदन शुल्क नहीं चार्ज जाएगा। वेबसाइट में दिए गए निर्देशों के अनुसार, आप  डेबिट कार्ड, क्रेडिट कार्ड या इंटरनेट बैंकिंग के जरिये भी भुगतान किये जा सकते हैं।  चयन प्रक्रिया, ट्रेनिंग अवधि और स्टाइपेंड बात करें चयन प्रक्रिया की तो, उम्मीदवारों का चयन 10वीं और आईटीआई में प्राप्त अंकों के आधार पर किया जाएगा। दो अभ्यर्थियों के अंक समान पाए जाने की स्थिति में अधिक उम्र वाले उम्मीदवार का चयन किया जाएगा। चयन होने के बाद उम्मीदवारों को विभिन्न विभागों में 1 साल की ट्रेनिंग दी जाएगी। रही बात स्टाइपेंड की तो उम्मीदवारों को सरकारी नियमानुसार ट्रेनिंग के दौरान निर्धारित स्टाइपेंड दिया जाएगा। कब से कब तक और कहां करें आवेदन  23 सितंबर 2024 से रेलवे की आधिकारिक वेबसाइट rrc-wr.com पर ऑनलाइन आवेदन की प्रक्रिया शुरू हो गई है। 22 अक्टूबर 2024 तक इच्छुक और योग्य उम्मीदवार इस भर्ती में अप्लाई कर सकते हैं। ध्यान देने योग्य बात यह कि 22 अक्टूबर 2024 के बाद किए गए आवेदन किसी भी सूरत में स्वीकार नहीं किए जाएंगे। महत्वपूर्ण बात महत्वपूर्ण और ध्यान देने योग्य बात यह कि जिन उम्मीदवारों का एसएससी/आईटीआई रिजल्ट नहीं आया है, वो इस भर्ती प्रक्रिया के योग्य नहीं हैं। इसके अलावा इस भर्ती से जुड़ी अन्य किसी भी जानकारी के लिए आप रेलवे की आधिकारिक वेबसाइट rrc-wr.com का रुख कर सकते हैं।   #IndianRailways #JobAlert #NoExamRecruitment #GovernmentJobs #CareerOpportunities #RailwayJobs #EmploymentNews

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Bed rotting

‘Bed rotting’ के मानसिक स्वास्थ्य पर पड़ सकते हैं ये हानिकारक प्रभाव?

‘बेड रोटिंग’ एक ऐसी टर्म है, जो आजकल सोशल मीडिया पर बहुत लोकप्रिय है। यह असल में सेल्फ-केयर का एक रूप है, जिसमें बच्चे पूरा दिन बिस्तर पर रह कर सोशल मीडिया स्क्रॉल करते हैं और प्रसिद्ध शोज देखते हैं। बच्चों के साथ-साथ युवा भी इस ट्रेंड को अपना रहे हैं। लेकिन, साइकोलोजिस्ट अब इस बात पर विचार कर रहे हैं कि बेड रोटिंग का बच्चों के मानसिक विकास पर प्रभाव पड़ सकता है या नहीं? दरअसल दिन भर बिस्तर पर रहना कई समस्या का कारण बन सकता है या कई परेशानियों का संकेत भी हो सकता है। आइए जानें बेड रोटिंग (Bed rotting) के बारे में। सबसे पहले जानते हैं कि क्या बेड रोटिंग मेंटल हेल्थ के लिए फायदेमंद है? बेड रोटिंग (Bed rotting) मेंटल हेल्थ के लिए फायदेमंद है: क्या कहना है एक्सपर्ट्स का? स्लीप फाउंडेशन (Sleep Foundation) के एक्सपर्ट्स अनुसार  बहुत देर तक बेड में लेटे रहने  के कई नेगेटिव प्रभाव हो सकते हैं। एक्सपर्ट्स लोगों को नियमित रूप से फिजिकल एक्टिविटीज को करने की सलाह देते हैं। फिजिकल एक्टिविटीज करने से सबकी मेंटल हेल्थ में सुधार होता है।  बेड रोटिंग (Bed rotting) के मानसिक स्वास्थ्य पर हानिकारक प्रभाव एक्सपर्ट्स कि मानें तो बहुत देर तक बिस्तर पर पड़े रहने से डिकंडीशनिंग हो सकती है। यह वो प्रोसेस है, जो मसल स्ट्रेंथ को कम कर सकती है और मेंटल हेल्थ पर बुरा प्रभाव ड़ाल सकती है। डिकंडीशनिंग उन लोगों में सामान्य है, जो बीमारी या किसी चोट आदि की वजह से बेडरेस्ट पर हों। लेकिन, अगर कोई किसी भी कारण से निष्क्रिय या गतिहीन रहता है, तो डिकंडिशनिंग शुरू हो सकती है। इसके अलावा सोशल कनेक्शन और इंटरेक्शन मेंटल हेल्थ के लिए महत्वपूर्ण है। यदि कोई व्यक्ति अकेले बेड रोटिंग (Bed rotting) है, तो वह दूसरों के साथ महत्वपूर्ण बातचीत से चूक सकता है, जिससे उसकी मेंटल हेल्थ को नुकसान हो सकता  है। बेड रोटिंग (Bed rotting) जो सामाजिक अलगाव में योगदान करती है, संभवतः किसी व्यक्ति के मानसिक स्वास्थ्य में मदद नहीं कर सकती है। बेड रोटिंग कब एक बड़ी समस्या बन सकती है? बेड रोटिंग को सेल्फ केयर का एक प्रकार माना जाता है, लेकिन यह एक बड़ी समस्या बन सकती है। अगर बेड रोटिंग किसी व्यक्ति के लाइफस्टाइल का अहम हिस्सा बन जाती है, तो यह एक बड़ी परेशानी है। क्योंकि, यह डिप्रेसिव डिसऑर्डर का एक लक्षण हो सकता है। दूसरे शब्दों में कहा जाए तो, समय-समय पर आराम करते हुए दिन बिताना एक अलग बात है। लेकिन यदि आप अधिक समय तक बेड रोटिंग (Bed rotting) की स्थिति में रहते हैं, तो यह इस गंभीर समस्या का संकेत हो सकता है जैसे डिप्रेशन। बेड रोटिंग(Bed rotting) कुछ अन्य समस्याओं की तरफ इशारा भी करता है जैसे: अगर आप इस समस्या को लेकर चिंतित हैं या कुछ गंभीर लक्षणों का अनुभव कर रहे हैं, तो डॉक्टर से सलाह लेना न भूलें। #MentalWellness #HealthAwareness #LifestyleChanges #EmotionalHealth #StayActive #HealthyHabits #Mindfulness

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30-30-30 weight loss method

30-30-30 weight loss method: जानिए क्या हैं इसके फायदे और नुकसान?

सोशल मीडिया पर हमें विभिन्न डायट, एक्सरसाइज और शारीरिक देखभाल संबंधी सलाहें मिल जाती हैं। आजकल 30-30-30 डायट या वेट लॉस मेथड बहुत प्रचलित हो रहा है, जिसे वजन कम करने के लिए प्रभावी माना गया है। इस डाइट में व्यक्ति के लिए जागने के 30 मिनट के अंदर 30 ग्राम प्रोटीन का सेवन करना और फिर 30 मिनट की लो इंटेंसिटी एक्सरसाइज करना शामिल है। इस 30-30-30 रूल्स के अब टिकटॉक पर लाखों फॉलोअर्स हैं। बहुत से लोग अपने अनुभव पोस्ट कर रहे हैं, जिनमें प्रेरणादायक परिवर्तन और वजन घटाने के अनुभव भी शामिल हैं। लोग यह मान रहे हैं कि उनके वजन के कम होने का कारण 30-30-30 वेट लॉस मेथड (30-30-30 weight loss method) है। आइए जानें 30-30-30 वेट लॉस मेथड के बारे में विस्तार से। 30-30-30 वेट लॉस मेथड (30-30-30 weight loss method) को कैसे फॉलो करें हेल्थलाइन (Healthline) के अनुसार 30-30-30 वेट लॉस मेथड कई अन्य तरीकों की तुलना में वजन घटाने के लिए बेहतरीन है। इस मेथड को फॉलो करना आसान है। इसमें आपको अपने खान-पान की आदतों में बदलाव करने, कैलोरी गिनने या कोई अत्यधिक व्यायाम करने की जरूरत नहीं है। इसमें केवल तीन स्टेप्स हैं, जिन्हें फॉलो करना चाहिए: ब्रेकफास्ट में 30 ग्राम प्रोटीन का सेवन 30-30-30 वेट लॉस मेथड वजन कम करने में कैसे मददगार है? 30-30-30 योजना किसी भी प्रमुख वैज्ञानिक अध्ययन का विषय नहीं रही है। लेकिन, लोग मानते हैं कि इससे उन्हें चमत्कारी परिणाम मिले हैं, लेकिन इसकी कोई गारंटी नहीं है कि आप स्वयं भी वैसा ही महसूस करेंगे। इस प्लान के कुछ पहलू वजन कम करने में मददगार हो सकते हैं। जैसे वजन कम करने के लिए नियमित रूप से ब्रेकफास्ट करने को महत्वपूर्ण माना गया है। शोध भी इस विचार का समर्थन करते हैं कि ब्रेकफास्ट करने वाले लोग लंबे समय तक ब्रेकफास्ट न करने वालों की तुलना में अपना वजन संतुलित बनाए रखने में सक्षम होते हैं। ब्रेकफास्ट में 30 ग्राम प्रोटीन खाने से जुड़ा भी कोई जादू नहीं है। लेकिन, सुबह सबसे पहले प्रोटीन खाने के भी फायदे हैं। इससे वजन कम होने में मदद मिल सकती। है 30-30-30 वेट लॉस मेथड के फायदे  इस वेट लॉस मेथड का सबसे बड़ा फायदा है हेल्दी हैबिट्स को प्रेरित करना। प्रतिदिन इस डाइट का पालन करने से उन आदतों को बने रहने में मदद मिलती है। हेल्दी और हाय प्रोटीन ब्रेकफास्ट अपने दिन की सही शुरुआत करने के लिए बेहरतरीन तरीका है। इसके साथ ही रोजाना व्यायाम करने से भी वजन कम करने और संपूर्ण रूप से हेल्दी रहने में मदद मिलती है। 30-30-30 वेट लॉस मेथड के नुकसान 30-30-30 वेट लॉस मेथड (30-30-30 weight loss method) से जुड़े कुछ नुकसान इस प्रकार हैं: किसी व्यक्ति का आहार और फिटनेस लेवल यह निर्धारित करते हैं कि वे किसी विशेष एक्सरसाइज रूटीन पर कितनी अच्छी तरह से रिस्पॉन्ड कर सकते हैं। #FitnessGoals #DietTips #WeightLossPlan #Nutrition #HealthyEating #FitnessMotivation #WeightManagement

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Tips for healthy lunch in office

Tips for healthy lunch in office: ऑफिस में हेल्दी लंच के यह 5 टिप्स, बना देंगे आपका दिन

सही आहार का सेवन करना न केवल हमारे स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि इससे हमारी प्रोडक्टिविटी व परफॉरमेंस भी सुधरती है। यही नहीं, इससे रात को नींद अच्छी आती है, इम्यून सिस्टम बूस्ट होता है और पूरा दिन फोकस रहने में मदद मिलती है। लंच हमारे दिन का महत्वपूर्ण आहार है। काम करने के अक्सर हम इतना व्यस्त रहते हैं कि लंच को सही से करना भूल ही जाते हैं। बिना प्लान के लंच अधिक कैलोरीज, फैट और शुगर के सेवन का कारण बन सकता है। इसके विपरीत, एक अच्छी तरह से संतुलित लंच हमें सेटिस्फाई महसूस करा सकता है और देर तक कुछ भी गलत खाने को नजरअंदाज करने में मदद कर सकता है। आइए जानें ऑफिस में हेल्दी लंच के टिप्स (Tips for healthy lunch in office) के बारे में। ऑफिस में हेल्दी लंच के टिप्स (Tips for healthy lunch in office) अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन (American Heart Association) के अनुसार ऑफिस में काम करते हुए लंच के समय, विशेष रूप से मीटिंग्स के बीच या यात्रा के दौरान अनहेल्दी मील का चुनाव करना हर किसी के लिए आसान हो सकता है। लेकिन, लंच के कई आसान विकल्प हैं, जो हार्ट को फायदा पहुंचा सकते हैं। ऑफिस में हेल्दी लंच के टिप्स का ध्यान रख कर आप हेल्दी विकल्पों को अपने आहार में शामिल कर सकते हैं, जो इस प्रकार हैं: हेल्दी ब्रेकफास्ट सुबह काम शुरू करने से पहले यह बहुत जरूरी है कि आप अपने ब्रेकफास्ट के लिए समय निकालें। आप अपने अगले दिन के भोजन का प्लान एक दिन पहले ही बना लें। इसके साथ ही आप हेल्दी विकल्पों के बारे में भी जानकारी लें। ताकि, आप सुबह आप अपने लिए हेल्दी नाश्ता और लंच तैयार कर सकें और अनहेल्दी विकल्पों से बच सकें। लंच घर से ले जाएं ऑफिस में हेल्दी लंच के टिप्स (Tips for healthy lunch in office) में यह टिप बेहद महत्वपूर्ण है। अक्सर लोग घर से लंच ले जाना पसंद नहीं करते और इसकी जगह ऑफिस में ही लंच करते हैं। बाहर का खाना शरीर को नुकसान पहुंचा सकता है। इसकी जगह आप अपना खाना घर से ही बना कर ले जाएं। आपका लंच लीन प्रोटीन्स, साबुत अनाज, फल, सब्जियों, लो फैट डेयरी आदि युक्त होना चाहिए। मल्टीग्रेन ब्रेड या अनाज, फल, दही, अंडे और सब्जियों के साथ एक स्वस्थ प्लेट तैयार करें। हेल्दी स्नैक्स का चुनाव ऑफिस में हेल्दी लंच के टिप्स (Tips for healthy lunch in office) में यह बहुत जरूरी है। काम की वजह से ऐसा हो सकता है कि आप समय पर लंच करना भूल जाएं और बाद में आप स्नेक्स के रूप में कुछ अनहेल्दी खा लें। ऐसे में, सबसे पहले इस बात को याद रखें कि लंच करना सबसे अधिक आवश्यक है, लेकिन अगर किसी वजह से आप लंच न कर पाएं तो हेल्दी स्नैक्स का चुनाव करें। अपने स्नैक्स में आप हेल्दी ड्रिक्स के साथ मेवे या फल रख सकते हैं।  अपनी सीट पर न खाएं उम्मीद है कि ऑफिस में हेल्दी लंच के टिप्स (Tips for healthy lunch in office) आपको पसंद आए होंगे। अधिकतर लोग ऑफिस में लंच अपने डेस्क पर ही करना पसंद करते हैं। अगर आपकी भी यही आदत है तो इसे बदलें। अपने लंच के लिए किसी अच्छे स्थान को निर्धारित करें और अपने दोस्तों के साथ काम को नजरअंदाज करते हुए लंच का मजा लें। इससे आप अपनी प्रोडक्टिविटी और क्रिएटिविटी में बढ़ोतरी का अनुभव करेंगे।  अधिक पानी पीएं अधिक प्रोडक्टिव और कॉग्निटिव एबिलिटीज के लिए हाइड्रेट रहना बहुत जरूरी है। इसका मतलब है कि अधिक पानी पीना और चीनी वाले या कैफीनयुक्त पेय पदार्थों से बचना आवश्यक है, ताकि डिहाइड्रेशन न हो।  #HealthyEating #WorkplaceNutrition #MealPrep #EatSmart #HealthyLifestyle #NutritionAtWork #OfficeHealth

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