खुद को बीजेपी का हनुमान बताने वाले केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान (Chirag Paswan) ने राष्ट्रव्यापी जातीय जनगणना का समर्थन किया है। लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के प्रमुख चिराग ने कहा कि “उनकी पार्टी ने इसे लेकर अपना रुख हमेशा से ही स्पष्ट रखा है। हम लोग चाहते हैं कि जातिगत जनगणना हो।” हालांकि इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि “यदि इसके आंकड़े सार्वजनिक किए गए, तो समाज में विभाजन निर्माण होगा।”
सरकार के पास उस जाति की संख्या की जानकारी होनी चाहिए
खबर के मुताबिक जातिगत जनगणना पर चिराग पासवान (Chirag Paswan) ने कहा कि “इसकी बड़ी वजह यह भी है कि कई बार राज्य और केंद्र सरकार किसी जाति को मुख्यधारा में जोड़ने के लिहाज से योजनाएं बनाती हैं। ऐसे में सरकार के पास उस जाति की संख्या की जानकारी होनी चाहिए, ताकि तदनुसार राशि का आवंटन हो सके। दरअसल, केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान को रविवार (25 अगस्त) के दिन रांची में लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में पांच साल के लिए अध्यक्ष चुन लिया गया है। इस दौरान पासवान ने कहा कि “राष्ट्रीय कार्यकारिणी ने अपनी बैठक में मुझे अगले 5 साल के लिए फिर से चुन लिया गया है।”
पहले भी रख चुके हैं पार्टी से अलग अपनी राय
इसके पहले भी जातिगत जनगणना पर चिराग पासवान (Chirag Paswan) अपनी व्यक्तिगत राय रख चुके हैं। उनका कहना है कि “अगली जनगणना में जातिगणना को शामिल किया जाये।” चिराग के बयान से निश्चित ही बीजेपी के आलाकमान के माथे पर चिंता की लकीरें उभरी होंगी। खैर, आपको बता दें कि चिराग पासवान के दिवंगत पिता रामविलास पासवान देश के सबसे बड़े दलित नेताओं में से एक थे।
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