महाराष्ट्र में इन दिनों छत्रपति शिवाजी महाराज (Chhatrapati Shivaji Maharaj) की प्रतिमा गिरने का मामला गरमाया हुआ है। यह घटना सिंधुदुर्ग जिले में हुई, जहां समुद्र में स्थापित की गई शिवाजी महाराज की विशाल प्रतिमा अचानक गिर गई। इस घटना ने पूरे राज्य में हलचल मचा दी है, और अब यह मुद्दा राष्ट्रीय स्तर पर चर्चा का विषय बन गया है।
पीएम मोदी की माफी, एक बड़ा कदम
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस मामले में एक बड़ा कदम उठाते हुए जनता से माफी मांगी है। वे 30 अगस्त, 2024 को महाराष्ट्र के पालघर में एक कार्यक्रम में शामिल होने पहुंचे थे। इस दौरान उन्होंने मंच से हाथ जोड़कर और सिर झुकाकर कहा, “छत्रपति शिवाजी महाराज (Chhatrapati Shivaji Maharaj) की प्रतिमा गिरने पर सिर झुकाकर माफी मांगता हूं।” यह कदम बताता है कि केंद्र सरकार इस मुद्दे को कितनी गंभीरता से ले रही है।
प्रतिमा का महत्व और विवाद की जड़
छत्रपति शिवाजी महाराज (Chhatrapati Shivaji Maharaj) महाराष्ट्र के सबसे पूजनीय व्यक्तित्वों में से एक हैं। उनकी यह प्रतिमा सिर्फ एक मूर्ति नहीं, बल्कि मराठा गौरव का प्रतीक है। इसका अनावरण 4 दिसंबर, 2023 को किया गया था, जब सिंधुदुर्ग में पहली बार नौसेना दिवस समारोह का आयोजन हुआ था। प्रतिमा का उद्देश्य मराठा नौसेना की विरासत और छत्रपति शिवाजी महाराज के समुद्री रक्षा में योगदान को सम्मानित करना था। लेकिन जब यह प्रतिमा गिरी, तो यह घटना राजनीतिक विवाद का केंद्र बन गई।
सरकार की प्रतिक्रिया और जांच की शुरुआत
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने भी इस मामले में माफी मांगी है। उन्होंने कहा कि अगर जरूरत पड़ी तो वे महान पराक्रमी शासक के 100 बार पैर छूने और घटना के लिए माफी मांगने में संकोच नहीं करेंगे। राज्य सरकार ने इस हादसे के कारणों का पता लगाने के लिए एक तकनीकी समिति का गठन किया है। यह कदम इस बात को दर्शाता है कि सरकार इस मुद्दे को गंभीरता से ले रही है और इसके पीछे के कारणों को समझना चाहती है।
विपक्ष का रुख और आंदोलन की घोषणा
उद्धव ठाकरे की शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) ने इस मुद्दे पर सरकार के खिलाफ बड़े पैमाने पर आंदोलन की घोषणा की है। पार्टी के वरिष्ठ नेता और सांसद संजय राउत ने ऐलान किया है कि रविवार से “सरकार को जूते मारो आंदोलन” शुरू किया जाएगा। राउत ने कहा, “वो प्रतिमा हमारे लिए सिर्फ एक स्टैच्यू नहीं, बल्कि भगवान की मूर्ति है। इन लोगों ने हमारे भगवान की मूर्ति में भी भ्रष्टाचार कर दिया है। हम इसे सहन नहीं करेंगे।”
मामले में पहली गिरफ्तारी
छत्रपति शिवाजी महाराज (Chhatrapati Shivaji Maharaj) प्रतिमा विवाद में शुक्रवार को पहली गिरफ्तारी हुई है। कोल्हापुर से स्ट्रक्चरल कंसल्टेंट चेतन पाटिल को गिरफ्तार किया गया है। पुलिस ने इससे पहले एफआईआर में कॉन्ट्रैक्टर और आर्किटेक्ट जयदीप आप्टे और स्ट्रक्चरल कंसलटेंट चेतन पाटिल को आरोपी बनाया था। उन पर लापरवाही और प्रतिमा के आसपास के लोगों को संभावित रूप से नुकसान पहुंचाने का आरोप लगाया गया है।
इस विवाद ने महाराष्ट्र की राजनीति में ला दिया है एक नया मोड़
इस विवाद ने महाराष्ट्र की राजनीति में एक नया मोड़ ला दिया है। जहां एक ओर सरकार इस मुद्दे को सुलझाने की कोशिश कर रही है, वहीं दूसरी ओर विपक्ष इसे एक बड़े आंदोलन में बदलने की तैयारी में है। आने वाले दिनों में यह देखना दिलचस्प होगा कि सरकार इस चुनौती से कैसे निपटती है और क्या यह मुद्दा आगामी चुनावों में एक बड़ा मुद्दा बनेगा।
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