Cricket Wars : भारत ने तोड़ी पाक की अकड़, चैंपियंस ट्रॉफी पर पूर्व पाकिस्तानी खिलाड़ियों के बदले सुर 

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सुरक्षा कारणों के चलते भारत ने फरवरी-मार्च में पाकिस्तान में होने वाले टूर्नामेंट के लिये जाने से मन कर दिया था। भारत ने 2008 में मुंबई आतंकी हमलों के बाद से पाकिस्तान में नहीं खेला है। इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल (आईसीसी) ने चैंपियंस ट्रॉफी की मेजबानी पर रुख साफ़ कर दिया है। भारत और पाकिस्तान के बीच मुकाबले को लेकर हाइब्रिड मॉडल तय किया गया है। इसके बाद भारत को पानी पी पी गरियाने वाले पाकिस्तानी खिलाड़ियों (Cricket Wars) के सुर बदल गए हैं। फिलहाल पाकिस्तान के पूर्व क्रिकेटरों ने राहत जताई है कि आखिरकार आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी को लेकर भारत के साथ गतिरोध को खत्म करने में कामयाब रहा है जिसके तहत भारतीय टीम अपने सारे मैच तटस्थ स्थान पर खेलेगी। और बदले में पाकिस्तानी टीम भी साल 2027 के मौजूदा चक्र में भारत में होने वाले आईसीसी टूर्नामेंटों के अपने सारे मैच तटस्थ स्थान पर खेलेगी। 

यहां आने पर जबर्दस्त होता इस्तकबाल– Cricket Wars

इस बीच पाकिस्तान के पूर्व बल्लेबाज जावेद मियांदाद ने कहा कि “मुझे लगता है कि पीसीबी ने समझदारी दिखाई है और अलग-थलग पड़ने की बजाय समाधान को चुना। इसमें पीसीबी को बीसीसीआई से ज्यादा फायदा हुआ है।” उन्होंने कहा कि “पाकिस्तान लंबे समय बाद बड़े टूर्नामेंट की मेजबानी कर रहा है। हमने साफ संदेश दे दिया है कि अगर आप हमारे देश में खेलने नहीं आते तो हम भी भारत में खेलने नहीं जायेंगे।” जानकारी के मुताबिक यह व्यवस्था चैंपियंस ट्रॉफी 2025 (पाकिस्तान), अगले साल भारत में होने वाले महिला क्रिकेट विश्व कप और भारत और श्रीलंका में 2026 में होने वाले टी20 विश्व कप में भी लागू रहेगी।” इस बीच पाकिस्तान के पूर्व कप्तान वसीम बारी ने कहा कि “मैं तो इतना ही कह सकता हूं कि उनके खिलाड़ियों और प्रशंसकों का यहां आने पर जबर्दस्त इस्तकबाल होता।”

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पहले पूर्व क्रिकेटर पाकिस्तान को भारत के खिलाफ नहीं खेलने की सलाह दे रहे थे

यही नहीं, पाकिस्तान के पूर्व कप्तान मोईन खान ने भी कहा कि “पीसीबी को एक और आईसीसी टूर्नामेंट की मेजबानी मिलना पाकिस्तान क्रिकेट के लिये अच्छा संकेत है।” बता दें कि यही पूर्व क्रिकेटर पाकिस्तान को भारत के खिलाफ नहीं खेलने की सलाह दे रहे थे, लेकिन उन्हें पता है कि भारत से नहीं खेलना या फिर मेजबानी पर आईसीसी को आंख दिखाने का क्या मतलब होता है। कमाल यह कि अब उनके सुर बदल चुके हैं। कारण यही जो मियांदाद के दोनों बयानों में बखूबी अंतर समझा जा सकता है।

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