डिजिटल दुनिया में एक नया खतरा उभर कर आया है – डिजिटल अरेस्ट स्कैम। इस स्कैम में अपराधी खुद को कानून के रखवाले बताकर लोगों को डराते हैं और उनके पैसे लूट लेते हैं।
Digital Arrest Scam: एक नया रूप साइबर अपराध का
आज की डिजिटल दुनिया में जहां हर चीज इंटरनेट से जुड़ी है, वहीं साइबर अपराधियों के नए-नए तरीके सामने आ रहे हैं। इनमें से एक नया और खतरनाक तरीका है “डिजिटल अरेस्ट स्कैम”। इस स्कैम में अपराधी खुद को पुलिस या सरकारी अधिकारी बताकर लोगों को डराते हैं और उनसे पैसे ऐंठ लेते हैं।
कैसे काम करता है यह स्कैम?
इस स्कैम में, अपराधी फोन या वीडियो कॉल के जरिए संपर्क करते हैं। वे दावा करते हैं कि आप किसी गंभीर अपराध में फंसे हैं। फिर वे धमकी देते हैं कि अगर आप तुरंत एक खास रकम नहीं देंगे, तो आपको गिरफ्तार कर लिया जाएगा। वे फर्जी आईडी कार्ड, बैज या रेफरेंस नंबर दिखाकर अपनी बात को सच साबित करने की कोशिश करते हैं। कई बार वे ऑफिशियल नंबर से कॉल करते हुए भी दिखा सकते हैं।
एक असली घटना
हाल ही में दिल्ली में एक 35 साल के सॉफ्टवेयर इंजीनियर के साथ ऐसा ही हुआ। उन्हें एक कॉल आई जिसमें कॉलर ने खुद को सीबीआई ऑफिसर बताया। कॉलर ने कहा कि इंजीनियर का नाम एक बड़े ड्रग रैकेट में आया है। फिर उन्होंने कॉल को एक फर्जी जज से कनेक्ट किया, जिसने कहा कि इंजीनियर के खिलाफ अरेस्ट वारंट जारी हो चुका है। डर के मारे इंजीनियर ने 12 लाख रुपये ट्रांसफर कर दिए।
इस स्कैम से कैसे बचें?
- सबसे पहले, शांत रहें। किसी भी तरह की धमकी पर तुरंत रिएक्ट न करें।
- कॉलर की पहचान वेरिफाई करें। ऑफिशियल वेबसाइट या दूसरे भरोसेमंद सोर्स से नंबर चेक करें।
- फोन पर कभी भी अपनी पर्सनल या बैंक की डिटेल्स न दें। याद रखें, असली अधिकारी कभी फोन पर ऐसी जानकारी नहीं मांगते।
- अगर कोई आपको जल्दबाजी में फैसला लेने के लिए प्रेशर डाल रहा है, तो सावधान हो जाएं। यह फ्रॉड का संकेत हो सकता है।
- अगर आपको ऐसी कोई संदिग्ध कॉल आए, तो तुरंत लोकल पुलिस और अपने बैंक को इनफॉर्म करें।
क्या करें अगर आप शिकार हो गए हैं?
अगर आप इस स्कैम के शिकार हो गए हैं, तो घबराएं नहीं। सबसे पहले अपने बैंक को कॉल करके ट्रांजैक्शन रोकने की कोशिश करें। फिर तुरंत नजदीकी पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराएं। साइबर क्राइम हेल्पलाइन 1930 पर भी कॉल कर सकते हैं।
याद रखें, जागरूकता ही सबसे बड़ा बचाव है। सतर्क रहें और अपने दोस्तों और परिवार को भी इस स्कैम के बारे में बताएं। इस तरह हम सब मिलकर इस डिजिटल खतरे से लड़ सकते हैं।