पब्लिक हेल्थ को ध्यान रखते हुए वेक्टर बोर्न डिजीज कंट्रोल प्रोग्राम (NVBDCP) ने डेंगू बुखार के प्रबंधन और रोकथाम के लिए महत्वपूर्ण दिशानिर्देश जारी किए हैं। इन दिशानिर्देशों के अनुसार डेंगू फीवर (Dengue fever) की स्थिति में कुछ चीजों का खास ख्याल रखना चाहिए। जानिए इनके बारे में।
डेंगू फीवर में क्या करें?
डेंगू फीवर में क्या करें और क्या न करें (What to do and what not to do in dengue fever), यह जानना बेहद जरूरी है, ताकि रोगी की सही देखभाल हो सके। डेंगू फीवर की स्थिति में निम्नलिखित चीजों को करना चाहिए:
- पर्याप्त आराम: डेंगू फीवर में रोगी को सही से आराम करने चाहिए, ताकि रोगी को जल्दी ठीक होने में मदद मिल सके।
- तरल पदार्थ: डेंगू फीवर (Dengue fever) होने पर पर्याप्त मात्रा में तरल पदार्थों का सेवन जरूरी है।
- दवाईयां: रोगी को डॉक्टर की सलाह के बाद बुखार कम करने वाली दवाईयां देनी चाहिए जैसे पेरासिटामोल या एसिटामिनोफेन।
- डॉक्टर से सलाह लें: अगर रोगी के मसूड़ों, नाक, मूत्र या मल में खून आ रहा हो, तो तुरंत मेडिकल हेल्प लेना जरूरी है।
- मच्छरों से बचें: डेंगू फीवर (Dengue fever) से बचने के लिए खुद को मच्छरों से बचाएं। इसके लिए नेट और रिपेलेंट का इस्तेमाल करें और ऐसे कपडे पहनें तो शरीर को अच्छे से कवर करें। घर के दरवाज़ों और खिड़कियों पर नेट लगवाएं।
- साफ़-सफाई: अपने घर के आसपस सफाई रखें। आसपास स्टोर हुए पानी को नियमित रूप से हटाएं, खासकर बरसात के मौसम में। अगर आप किसी ऐसी जगह जा रहे हैं, जहां डेंगू फैला है तो आवश्यक सावधानियां बरतें।
- आइसोलेशन: अगर आपको डेंगू फीवर (Dengue fever) है, तो बीमारी को फैलने से रोकने के लिए खुद को अलग कर लें और परिवार के सदस्यों को अपनी स्थिति पर बारीकी से नजर रखने दें।
डेंगू फीवर में क्या न करें?
डेंगू फीवर में क्या करें और क्या न करें (What to do and what not to do in dengue fever) में निम्नलिखित चीजों का करने से बचना चाहिए:
- दवाई संबंधी सावधानियां: डॉक्टर की सलाह के बिना खुद से कोई भी दवाई न लें। एस्प्रिन, आइबूप्रोफेन आदि को लेने से बचें क्योंकि इनसे ब्लीडिंग का खतरा बढ़ सकता है।
- कम शारीरिक गतिविधियां: शारीरिक गतिविधियों को करने से बचें, ताकि आपकी हालत सही रहे। अपने मुंह की खास देखभाल करें। अगर आपके मसूड़ों में ब्लीडिंग हो रही हो तो ब्रश करने की जगह माउथवाश का इस्तेमाल करें।
- स्टेरॉइड्स: डॉक्टर की सलाह के बिना स्टेरॉयड न लें।
- प्लेटलेट ट्रांसफ्यूजन: अगर जरूरी न हो, तो प्लेटलेट ट्रांसफ्यूजन से बचें। यह केवल गंभीर स्थितियों वाले रोगियों के लिए ही आवश्यक हैं।
- फॉगिंग: मच्छरों पर नियंत्रण के लिए केवल फॉगिंग पर निर्भर न रहें, क्योंकि यह मच्छर के अंडे और लार्वा को खत्म नहीं करता है।
- रैपिड डायग्नोस्टिक टेस्ट्स संबंधी सावधानियां: रैपिड डायग्नोस्टिक टेस्ट (आरडीटी) से सावधान रहें, क्योंकि वे गलत पॉजिटिव परिणाम दे सकते हैं। अच्छे से अस्पताल से डेंगू के निदान को कंफर्म कराएं। डेंगू के निदान के लिए आरडीटी के उपयोग की सलाह भारत सरकार (जीओआई) और भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) द्वारा नहीं दी जाती है।
विशेष ध्यान दें:- यहां दी गई जानकारी रिसर्च के आधार पर दी गई है। लेकिन अगर आप किसी भी शारीरिक समस्या से परेशान हैं, तो अपने हेल्थ एक्सपर्ट से ज़रूर सलाह लें।
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