पांच अक्टूबर को होने वाले हरियाणा में विधानसभा चुनाव की सरगर्मियां जोरो पर है। कांग्रेस ने अब तक 41 सीटों पर अपने उम्मीदवारों का ऐलान कर दिया है। ऐसे में सभी की निगाहें आम आदमी पार्टी (Aam aadmi party) और कांग्रेस के गठबंधन पर टिकी हुई हैं। लेकिन गठबंधन को लेकर दोनों पार्टियों के बीच असमंजस बना हुआ है। हालांकि, पार्टी से जुड़े करीबी सूत्र इस गठबंधन के न होने की एक सबसे बड़ी वजह मान रहे हैं, सीटों की संख्या। दरअसल, आम आदमी पार्टी जितनी सीटों पर चुनाव लड़ना चाहती है उनकी संख्या को लेकर बात नहीं बन पा रही है।
कांग्रेस आम आदम पार्टी को सिर्फ देना चाहती है 4 से 5 सींटें
हरियाणा विधानसभा में कांग्रेस आम आदम पार्टी (Aam aadmi party) को सिर्फ 4 से 5 सींटें देना चाहती है। जबकि आम आदमी पार्टी 10 सीटों पर अड़ी हुई है। अड़े भी क्यों न, लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने केजरीवाल की पार्टी आप के साथ मिलाकर चुनाव लड़ा था। जिससे कांग्रेस को 10 से 12 सीटों पर लाभ जो हुआ था। परंतु अब हालात बदल गए हैं। राज्य में एंटी बीजेपी लहर बह रही है। कांग्रेस हर हाल में इस अवसर को भुनाना चाहती हैं। राहुल गांधी खुद चाहते हैं कि आम आदमी पार्टी के साथ मिलकर चुनाव लड़ा जाये, ताकि हरियाणा से भाजपा की विदाई हो सके। यह तो ठीक, लेकिन आप है कि टस से मस नहीं हो रही है। कांग्रेस की चालबाजियों के देखते हुए आम आदमी पार्टी ने भी दबाव की राजनीती शुरू कर दी है। कहने की जरूरत नहीं, इस प्रेशर पॉलिटिक्स का असर आप पार्टी (Aam aadmi party) के नेताओं की बयानबाजी में भी दिखने लगा है।
आप आदमी पार्टी ने शुरू की प्रेशर पॉलिटिक्स
आप और कांग्रेस के बीच गठबंधन की चर्चा पर संजय सिंह ने स्पष्ट रूप से कह दिया कि “हमारे पास समय अधिक नहीं बचा है। 12 सितम्बर तक नामांकन होना है। पार्टी के आलाकमान के आदेश का इंतजार है, उसके बाद उम्मीदवारों की लिस्ट जारी कर दी जाएगी। आप पार्टी (Aam aadmi party) के नेता ने आगे कहा कि “हरियाणा में हमारा संगठन काफी मजबूत है और सभी सीटों पर आम आदमी पार्टी की पूरी तैयारी है।” यही नहीं, संजय सिंह के अलावा हरियाणा, आम आदमी पार्टी के प्रमुख सुशील गुप्ता ने भी दबाव बनाना शुरू कर दिया है। सुशील गुप्ता ने कहा कि यदि “कांग्रेस पांच अक्टूबर को होने वाले विधानसभा चुनाव हेतु उसके साथ गठबंधन करने में विफल रहती है तो शाम तक आम आदमी पार्टी भी सभी 90 उम्मीदवारों की घोषणा कर देगी।” बड़ा सवाल यह कि इस तरह की बयानबाजी कहीं कांग्रेस और आप के गठबंधन में रोड़ा अब बन जाए। हालांकि अभी तक आधिकारिक रूप से गठबंधन की घोषणा नहीं हुई है। देखना यह दिलचस्प होगा कि आप और कांग्रेस का गठबंधन होता भी है या नहीं?
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