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Rajiv Gandhi

क्या सच में पूर्व प्रधानमंत्री Rajiv Gandhi ने आईएनएस विराट पर मनाई थी छुट्टी?

पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी (Rajiv Gandhi) के बारे में कहा जाता है कि जब वो प्रधानमंत्री हुआ करते थे, तब उन्होंने आईएनएस विराट का उपयोग निजी कैब के रूप में किया था। इस बात का जिक्र प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक चुनावी प्रचार के दौरान किया था। यही नहीं, अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस ने शुक्रवार 10 मई 2019 के अंक में 32 साल पहले की अपनी रिपोर्ट्स को प्रकाशित भी किया था, जिसमें तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी के लक्षद्वीप यात्रा के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई थी।  अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस में छपी थी रिपोर्ट  दरअसल, 28 दिसंबर 1987 को एक अंग्रेजी अखबार की रिपोर्ट में लिखा था कि “प्रधानमंत्री राजीव गांधी (Rajiv Gandhi)  साल 1987 की क्रिसमस की छुट्टी अपने इतालवी रिश्तेदारों और दोस्तों के साथ लक्षद्वीप के एक निर्जन द्वीप पर बिताएंगे।” इसके चलते उस द्वीप पर हेलीपैड और अस्थायी झोंपड़ियों का निर्माण किया गया था। यही नहीं, जरूरी हर चीज को ले जाने के लिए एयरलिफ्ट भी करना पड़ा था। जिसमें, परिचारक, कुक, जनरेटर, पानी, और सुरक्षाकर्मी भी शामिल थे। रिटायर्ड नौसेना कमांडर ने भरी थी हामी ऐसा नहीं है कि प्रधानमंत्री मोदी ने ही पूर्व प्रधानमंत्री पर यह आरोप लगाया है। मीडिया रिपोर्ट्स की माने तो रिटायर्ड नौसेना कमांडर, वीके जेटली ने राजीव गांधी (Rajiv Gandhi) और सोनिया गांधी द्वारा बंगाराम आइलैंड पर छुट्टियां मनाने के लिए आईएनएस विराट का इस्तेमाल करने की बात को सही बताया था। उन्होंने कहा कि “खासतौर पर राजीव गांधी के लिए ही भारतीय नौसेना के संसाधनों का इस्तेमाल किया गया। मैं खुद इसका गवाह हूं। मैं भी उस वक्त आईएनएस विराट पर ही तैनात था।”  यह उनका सरकारी दौरा था इसके उलट आईएनएस विराट के तत्कालीन कमांडिंग ऑफिसर विनोद पसरीचा का कहना है कि “राजीव और उनकी पत्नी की ट्रिप पूरी तरह से आधिकारिक थी। सारे प्रोटोकॉल फॉलो किए गए। कोई छुट्टी पर नहीं आया था। इससे पहले भी कई प्रधानमंत्री विराट पर आ चुके हैं। राहुल गांधी उनके साथ थे लेकिन कोई विदेशी नहीं था। इसके आलावा पूर्व नौसेना प्रमुख एडमिरल (रि.) एल रामदास ने भी बयान जारी कर कहा कि “जिस वाकये को राजीव का सपरिवार छुट्टी मनाना बताया जा रहा है, वह दरअसल उनका सरकारी दौरा था। वे लोग वहां लड्डू-पेड़े बांटने नहीं गए थे। राजीव के साथ आईएनएस विराट पर कोई विदेशी नहीं था।” गौरतलब है कि रामदास उस वक्त दक्षिणी कमान के चीफ थे।  हरिंदर सिक्का ने भी आईएनएस विराट का इस्तेमाल करने की बात को बताया था सही इसके अलावा मशहूर लेखक हरिंदर सिक्का ने भी एक पॉडकास्ट के दौरान राजीव गांधी (Rajiv Gandhi) द्वारा बंगाराम आइलैंड पर छुट्टियां मनाने के लिए आईएनएस विराट का इस्तेमाल करने की बात को सही बताया था। ऐसे में यह कहा जा सकता है कि पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी किस तरह भारतीय नौसेना के संसाधनों का इस्तेमाल किया अपने निजी मनोंरजन के लिए किया करते थे। ये वही पार्टी है जिसके प्रधानमंत्री ने खुले आम कहा था कि देश के संसाधनों पर अल्पसंख्यकों का पहला हक़ है।  महानायक अमिताभ बच्चन भी थे शामिल  खैर, अंग्रेजी अखबार में प्रकाशित उस खबर के मुताबिक “लक्षद्वीप के बंगाराम द्वीप में छुट्टियां मनाने वाले प्रधानमंत्री राजीव गांधी (Rajiv Gandhi) के साथ उनकी पत्नी सोनिया,  दोनों बच्चे राहुल और प्रियंका, अमिताभ और जया बच्चन के साथ दोनों बच्चे श्वेता और अभिषेक के अलावा सोनिया गांधी की मां श्रीमती पी माइनो, उनकी बहन नादिया वल्दिमेरो और उनका बच्चा जी वाल्डिमेरो के साथ सोनिया के बहनोई वाल्टर विंची और सोनिया की जर्मन मित्र सबीना शामिल थीं।”  इसके आलावा पूर्व प्रधानमंत्री को नौसेना की फ्लीट द्वारा 24 घंटे सुरक्षा दी जा रही थी। ख़बरों की माने तो, राजीव गांधी की सुरक्षा को लेकर तैनात भारतीय नौसेना के जहाजों में विमानवाहक पोत आईएनएस तारगिरी, आईएनएस विराट, आईएनएस विंध्यगिरि और लैंडिंग शिल्प वाहक 39 आईएनएस मगर शामिल थे। यही नहीं, लक्षद्वीप प्रशासन के तेल टैंकर एमटी सुहेली और एमटी भारत भी तैनात थे। आठ विदेशी मेहमान भी थे शामिल  इंडियन एक्सप्रेस की 24 जनवरी 1988 को प्रकाशित रिपोर्ट के मुताबिक ”कम से कम आठ विदेशी मेहमान यहां नए साल की छुट्टी के दौरान प्रधानमंत्री और उनके परिवार में शामिल थे। जिसमें कुल मिलाकर, 24 पुरुष, महिलाएं और बच्चे थे। उन सबकी जरूरतों को देखते हुए विभिन्न विभागों, रसोइयों और नौसेना से जुड़े 70 अन्य व्यक्ति भी साथ थे। इसके अलावा लक्षद्वीप पुलिस और मध्य प्रदेश सशस्त्र विशेष पुलिस के तकरीबन 1200 पुलिसकर्मी बंगाराम द्वीप की सुरक्षा में शामिल थे। #IndianNavy #RajivGandhiVacation #HistoricalFacts #INSVikrantHistory #RajivGandhiTruth #NavyNews #PoliticalHistory

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Rahul Gandhi Debate

भारत विरोधी अमेरिकी सांसद के साथ खड़े होने पर Rahul Gandhi पर भड़की बीजेपी, कही यह बड़ी बात

अमेरिका दौरे पर गए लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi) अब विवादों में घिरते नजर आ रहे हैं। राहुल गांधी ने वहां भारत विरोधी अमेरिकी सांसद इल्हान उमर से मुलाकात की है। इल्हान उमर ने हालही में पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) की यात्रा की थी। इस दौरान उन्होंने कश्मीर पर भारत के नियंत्रण की आलोचना भी की थी। इल्हान की यह यात्रा पाकिस्तान ने प्रायोजित कराई थी। इल्हान उमर पर एक आरोप यह भी है कि, उन्होंने झूठी खबर फैलाई थी कि, 20 करोड़ मुसलमान नरसंहार के कगार पर हैं। राहुल गांधी ने की अमेरिकी सांसदों से भी मुलाकात  राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने अपने अमेरिका यात्रा पर विश्वविद्यालयों में छात्रों, शिक्षकों और भारतीय प्रवासियों के अलावा अमेरिकी सांसदों से भी मुलाकात की है। रेबर्न हाउस ऑफिस बिल्डिंग में सांसदों के साथ बैठक का आयोजन सांसद ब्रैडली जेम्स शेरमेन ने की। इस बैठक में अमेरिकी कांग्रेस के सदस्य इल्हान उमर के अलावा जोनाथन जैक्सन, बारबरा ली, रो खन्ना, श्री थानेदार, राजा कृष्णमूर्ति, जीसस जी. “चुय” गार्सिया, हैंक जॉनसन और जान शाकोवस्की भी शामिल हुए।  भारत विरोधी तबकों के साथ खड़े होते हैं राहुल गांधी इस बैठक के बाद राहुल गांधी (Rahul Gandhi) की एक तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है, जिसमें वे भारत विरोधी सांसद इल्हान उमर के साथ नजर खड़े नजर आ रहे। इस तस्वीर के सामने आने के बाद सत्तारूढ़ भाजपा अब कांग्रेस और राहुल गांधी पर हमलावर हो गई है। भाजपा आईटी सेल के हेड अमित मालवीय ने राहुल गांधी पर हमला बोलते हुए अपने एक्स अकाउंट पर लिखा, ‘विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने अमेरिका दौरे पर पाकिस्तान प्रायोजित भारत विरोधी आवाज इल्हान उमर से मुलाकात की है। यह स्वतंत्र कश्मीर की पैरोकार और एक कट्टरपंथी इस्लामवादी है। ऐसे उग्र तत्वों से मिलते हुए पाकिस्तानी नेता भी हमेशा सतर्क रहते हैं। यह दिखाता है कि कांग्रेस अब खुलेआम भारत के खिलाफ काम कर रही है।’ राहुल गांधी हमेशा भारत विरोधी तबकों का मनोबल बढ़ाते हैं वहीं, भाजपा प्रवक्ता प्रदीप भंडारी ने भी राहुल गांधी पर हमला बोलते हुए अपने एक्स अकाउंट पर लिखा, “पाकिस्तान समर्थित भारत विरोधी उमर के साथ राहुल गांधी (Rahul Gandhi) की यह मुलाकात स्पष्ट कर देता है की राहुल गांधी हमेशा भारत विरोधी तबकों के साथ खड़े होते हैं और उनका मनोबल बढ़ाते हैं।”

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Rahul Gandhi Mayawati

अमेरिका में आरक्षण पर राहुल गांधी का बयान, भारत में बवाल, भड़कीं Mayawati ने कही यह बड़ी बात

अमेरिका दौरे पर पहुंचे लोकसभा के नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी के बयान इन दिनों खूब सुर्खियां बटोर रहे। राहुल गांधी ने पहले आरएसएस और पीएम मोदी पर बयान देकर विवाद खड़ा कर दिया, वहीं अब आरक्षण पर एक ऐसा बयान दे दिया, जिस पर बवाल मच गया है। राहुल गांधी के बयान पर बसपा सुप्रीमों मायावती (Mayawati) ने कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा है। मायावती ने अपने एक्स प्लेटफार्म पर लिखा, “केन्द्र में काफी लम्बे समय तक सत्ता में रहते हुए कांग्रेस पार्टी की सरकार ने ओबीसी आरक्षण को लागू नहीं किया और देश में जातीय जनगणना कराने वाली यह पार्टी अब इसकी आड़ में सत्ता में आने के सपने देख रही है। इनके इस नाटक से सचेत रहें जो आगे कभी भी जातीय जनगणना नहीं करा पाएगी।” राहुल गांधी के इस नाटक से भी  रहें सर्तक मायावती (Mayawati) ने अपने एक दूसरे पोस्ट में लिखा, “अब कांग्रेस पार्टी के सर्वेसर्वा राहुल गांधी के इस नाटक से भी सर्तक रहें, जिसमें उन्होंने कहा है कि भारत जब बेहतर स्थिति में होगा तो हम एससी, एसटी और OBC  आरक्षण खत्म कर देंगे। यह स्पष्ट करता है कि कांग्रेस आरक्षण को खत्म करने के षडयंत्र में जुटी है। आरक्षित वर्गों के लोग राहुल गांधी के इस घातक बयान से सावधान रहें, क्योंकि कांग्रेस सत्ता में आते ही आरक्षण जरूर खत्म कर देगी। संविधान व आरक्षण बचाने का नाटक करने वाली इस पार्टी से सर्तक रहना होगा।” शुरू से ही आरक्षण विरोधी सोच राहुल गांधी के बयान के बाद मायावती (Mayawati) ने एक्स अकाउंट पर एक के बाद एक कई पोस्ट कर अपनी बात रखी। मयावती ने एक पोस्ट में लिखा, “कांग्रेस शुरू से ही आरक्षण-विरोधी रही है। जब केन्द्र में इनकी सरकार रही, तब आरक्षण का कोटा पूरा नहीं किया। कांग्रेस से इन्साफ ना मिलने की वजह से ही बाबा साहेब डॉ. भीमराव अम्बेडकर ने कानून मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। देश से जब तक जातिवाद जड़ से खत्म नहीं हो जाती, तब तक भारत की स्थिति बेहतर होने के बावजूद भी इन वर्गों की स्थिती बेहतर होने वाली नहीं है। इसलिए जातिवाद के समूल नष्ट तक आरक्षण की व्यवस्था जारी रहना जरूरी है।” अमेरिका में राहुल गांधी का बयान बता दें कि राहुल गांधी ने अमेरिका के जॉर्जटाउन विश्वविद्यालय में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि, ‘‘भारत में जब आरक्षण के लिहाज से निष्पक्षता आ जाएगी, तब हम आरक्षण को खत्म करने के बारे में सोचेंगे, लेकिन भारत अभी इसके लिए एक निष्पक्ष देश नहीं है।’’ #PoliticalControversy #IndiaPolitics #USReservations #ReservationPolicy #PoliticalNews #IndianPoliticians #MayawatiStatement

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MahaYuti

MahaYuti में सीट बंटवारे पर रार! अमित शाह ने किया ज्यादा का वादा तो एकनाथ शिंदे ने भेज दी डिमांड

महाराष्ट्र की सत्तारूढ़ महायुति (MahaYuti) गठबंधन में विधानसभा चुनाव से पहले राजनीतिक घमासान मचा हुआ है। इस मतभेद को दूर करने और गठबंधन के बीच समन्वय बनाने के लिए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह भी महाराष्ट्र पहुंचे और भाजपा के नेताओं के अलावा शिवसेना और एनसीपी के वरिष्ठ नेताओं के साथ भी बैठक की। कहा जा रहा है कि अमित शाह ने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और एनसीपी अध्यक्ष अजित पवार को ज्यादा सीटें देने का आश्वासन दिया। इस दौरान एकनाथ शिंदे ने अपनी पार्टी शिवसेना के लिए भाजपा आलाकमान के सामने 107 सीटों की मांग रखी है।   विपक्ष से सावधान रहने और सार्वजनिक कार्यक्रमों में मतभेद से बचने का किया अनुरोध  बता दें कि, गृह मंत्री अमित शाह ने दिल्ली रवाना होने से पहले मुंबई एयरपोर्ट पर सीएम एकनाथ शिंदे, एनसीपी अध्यक्ष अजित पवार, डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस और प्रफुल्ल पटेल के साथ बैठक की थी। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार अमित शाह ने इन सभी नेताओं को विपक्ष से सावधान रहने और सार्वजनिक कार्यक्रमों में मतभेद से बचने का अनुरोध किया। साथ ही विधानसभा चुनावों में एकजुट होकर काम करने को कहा। अमित शाह के साथ हुई इस बैठक की जानकारी देते हुए महाराष्ट्र एनसीपी अध्यक्ष सुनील तटकरे ने कहा कि “हमें आश्वस्त दिया गया है कि महायुति गठबंधन के सभी दलों को सम्मानजनक सीटें मिलेंगी।” भाजपा चाहे 150, शिवसेना और एनसीपी की डिमांड भी हाई  महायुति (MahaYuti) गठबंधन में इस समय सीट बंटवारें को लेकर दरार साफ नजर आ रही है। विधानसभा चुनाव में भाजपा महाराष्ट्र की 288 सीटों में से 150 सीटों पर चुनाव लड़ना चाहती है। इसके लिए भाजपा ने तैयारी भी शुरू कर दी है। भाजपा नेताओं का दावा है कि “सर्वे से पता चला है कि पार्टी 50 सीटों पर बेहद मजबूत स्थिति में है, वहीं 75 सीटों पर फाइट है। इन सीटों पर जीत के लिए हमें अपनी कोशिश बढ़ानी होगी।” अमित शाह ने अपने महाराष्ट्र दौरे के दौरान पार्टी नेताओं को इन सीटों पर पूरी ताकत से काम करने का निर्देश दिया है।   दोनों पार्टियां भाजपा से ज्यादा सीटों की कर रही हैं मांग  वहीं, भाजपा इस चुनाव में शिंदे की शिवसेना को 75 से 80 सीटें और एनसीपी को 55-60 सीटें देना चाहती है। जबकि ये दोनों पार्टियां भाजपा से ज्यादा सीटों की मांग कर रही हैं। एकनाथ शिंदे ने तो भाजपा को 107 सीटों का प्रस्ताव भी भेज दिया है। इसी तरह अजित पवार की एनसीपी भी अपने लिए 80 से 85 सीटें मांग रही है। #EknathShinde #PoliticalRift #ElectionAlliances #SeatSharing #PoliticalDrama #MahaYutiAlliance #ShahShindeConflict

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Aam Admi party

कहीं इस वजह से तो हरियाणा में नहीं हो पा रहा है कांग्रेस और आप के बीच गठबंधन?

पांच अक्टूबर को होने वाले हरियाणा में विधानसभा चुनाव की सरगर्मियां जोरो पर है। कांग्रेस ने अब तक 41 सीटों पर अपने उम्मीदवारों का ऐलान कर दिया है। ऐसे में सभी की निगाहें आम आदमी पार्टी (Aam aadmi party) और कांग्रेस के गठबंधन पर टिकी हुई हैं। लेकिन गठबंधन को लेकर दोनों पार्टियों के बीच असमंजस बना हुआ है। हालांकि, पार्टी से जुड़े करीबी सूत्र इस गठबंधन के न होने की एक सबसे बड़ी वजह मान रहे हैं, सीटों की संख्या। दरअसल, आम आदमी पार्टी जितनी सीटों पर चुनाव लड़ना चाहती है उनकी संख्या को लेकर बात नहीं बन पा रही है।  कांग्रेस आम आदम पार्टी को सिर्फ देना चाहती है 4 से 5 सींटें  हरियाणा विधानसभा में कांग्रेस आम आदम पार्टी (Aam aadmi party) को सिर्फ 4 से 5 सींटें देना चाहती है। जबकि आम आदमी पार्टी 10 सीटों पर अड़ी हुई है। अड़े भी क्यों न, लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने केजरीवाल की पार्टी आप के साथ मिलाकर चुनाव लड़ा था। जिससे कांग्रेस को 10 से 12 सीटों पर लाभ जो हुआ था। परंतु अब हालात बदल गए हैं। राज्य में एंटी बीजेपी लहर बह रही है। कांग्रेस हर हाल में इस अवसर को भुनाना चाहती हैं। राहुल गांधी खुद चाहते हैं कि आम आदमी पार्टी के साथ मिलकर चुनाव लड़ा जाये, ताकि हरियाणा से भाजपा की विदाई हो सके। यह तो ठीक, लेकिन आप है कि टस से मस नहीं हो रही है। कांग्रेस की चालबाजियों के देखते हुए आम आदमी पार्टी ने भी दबाव की राजनीती शुरू कर दी है। कहने की जरूरत नहीं, इस प्रेशर पॉलिटिक्स का असर आप पार्टी (Aam aadmi party) के नेताओं की बयानबाजी में भी दिखने लगा है। आप आदमी पार्टी ने शुरू की प्रेशर पॉलिटिक्स आप और कांग्रेस के बीच गठबंधन की चर्चा पर संजय सिंह ने स्पष्ट रूप से कह दिया कि “हमारे पास समय अधिक नहीं बचा है। 12 सितम्बर तक नामांकन होना है। पार्टी के आलाकमान के आदेश का इंतजार है, उसके बाद उम्मीदवारों की लिस्ट जारी कर दी जाएगी। आप पार्टी (Aam aadmi party) के नेता ने आगे कहा कि “हरियाणा में हमारा संगठन काफी मजबूत है और सभी सीटों पर आम आदमी पार्टी की पूरी तैयारी है।” यही नहीं, संजय सिंह के अलावा हरियाणा, आम आदमी पार्टी के प्रमुख सुशील गुप्ता ने भी दबाव बनाना शुरू कर दिया है। सुशील गुप्ता ने कहा कि यदि “कांग्रेस पांच अक्टूबर को होने वाले विधानसभा चुनाव हेतु उसके साथ गठबंधन करने में विफल रहती है तो शाम तक आम आदमी पार्टी भी सभी 90 उम्मीदवारों की घोषणा कर देगी।” बड़ा सवाल यह कि इस तरह की बयानबाजी कहीं कांग्रेस और आप के गठबंधन में रोड़ा अब बन जाए। हालांकि अभी तक आधिकारिक रूप से गठबंधन की घोषणा नहीं हुई है। देखना यह दिलचस्प होगा कि आप और कांग्रेस का गठबंधन होता भी है या नहीं? #CongressAndAAP #HaryanaElection #PoliticalDelay #AllianceChallenges #HaryanaNews #CongressAAPDeal #PoliticalStrategy

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Rahul gandhi Giriraj Singh

आरएसएस को जानने के लिए Rahul Gandhi को कई जन्म लेना पड़ेगा-गिरिराज सिंह

लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi) अपने 3 दिवसीय यात्रा पर अमेरिका पहुंच गए हैं। राहुल गांधी ने अमेरिका के टेक्सास में दो कार्यक्रमों में शिरकत करने के अलावा भारतीय समुदाय के लोगों से भी मुलाक़ात की। वहीं यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्सास में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए राहुल गांधी ने एक बार फिर मोदी सरकार और आरएसएस पर जोरदार हमला बोला है। राहुल ने कहा, ”लोकसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद से लोगों के मन से भाजपा और प्रधानमंत्री मोदी का डर खत्म हो गया है। अब भारत के लोग इनसे नहीं डरते हैं।” भाजपा हमारे संविधान, परंपरा, भाषा और इतिहास पर कर रही है हमला  इसी कार्यक्रम में राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने आरएसएस पर हमला बोलते हुए कहा कि, ”आरएसएस का मानना है कि भारत ‘एक विचार’ है, लेकिन हम मानते हैं कि भारत एक विचार नहीं, ‘कई विचारों’ से बना है। जिस तरह से अमेरिका मानता है कि हर किसी को सपने देखने और आगे बढ़ने का अधिकार है, उसी तरह मैं भी मानता हूं कि सबको भागीदारी का मौक़ा मिलना चाहिए और यही आरएसएस के साथ हमारी लड़ाई है।” राहुल गांधी ने दावा किया है कि, लोकसभा चुनाव के समय देश के लोग इस बात को स्पष्ट तौर पर समझ रहे थे कि भाजपा हमारे संविधान, परंपरा, भाषा और इतिहास पर हमला कर रही है।  आरएसएस को जानने के लिए राहुल को कई जन्म लेना पड़ेगा  राहुल गांधी (Rahul Gandhi) के इस बयान पर भाजपा ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। भाजपा सांसद गिरिराज सिंह ने कहा, “आरएसएस को जानने और पहचाने के लिए राहुल गांधी को अभी कई और जन्म लेने पड़ेंगे। न तो कोई देशद्रोही आरएसएस को पहचान सकता है और न ही ऐसा व्यक्ति जो विदेशों में जाकर अपने देश की निंदा करे। लगता है कि राहुल का विदेशी दौरा सिर्फ भारत को बदनाम करने के लिए ही होता है।” सैम पित्रोदा ने कहा पप्पू नहीं, शिक्षित इंसान राहुल गांधी  वहीं, इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के चेयरमैन सैम पित्रोदा का बयान भी चर्चा का विषय बना हुआ है। दरअसल, सैम पित्रोदा ने टेक्सास में राहुल का परिचय कराते हुए कहा “राहुल गांधी (Rahul Gandhi) पढ़े-लिखे हैं और इनके पास एक विज़न है। ये पप्पू नहीं हैं, ये एक रणनीतिकार हैं जिसके पास हर मुद्दे पर गहरा विचार है।” पित्रोदा के इस बयान पर कटाक्ष करते हुए भाजपा आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने सोशल मीडिया एक्स पर लिखा है, “कल्पना कीजिए कि कोई राहुल गांधी का परिचय इस तरह से करा रहा हो कि वो पप्पू नहीं हैं और सैम पित्रोदा ने यह कर दिखाया है।” #PoliticalStatements #IndianPolitics #RSSComment #PoliticalDebate #GandhiVsRSS #BJPStatements #PoliticalInsights

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Rahul Gandhi

Rahul Gandhi के हिसाब से यह है देवता शब्द का सही अर्थ, अमेरिका के दौरे पर रखी अपनी बात

राहुल गांधी ने हाल ही में अमेरिका के तीन दिन के दौरे पर यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्सास में छात्रों से बातचीत की। इस दौरान उन्होंने कई अहम मुद्दों पर अपने विचार रखे, जो न सिर्फ भारत बल्कि पूरी दुनिया के लिए महत्वपूर्ण हैं। उनके भाषण में बेरोजगारी, महंगाई, भारतीय राजनीति और कुछ गहरे दार्शनिक विचारों पर चर्चा हुई। आइए देखें कि अमेरिका दौरे के दौरान  राहुल गांधी क्या-क्या बोले और क्या है उनके विचारों का मतलब। नई नजर से देखा गया देवता का मतलब राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने देवता शब्द को एक नए तरीके से समझाया। उनके हिसाब से, देवता वो इंसान होता है जिसके मन की बात और जुबान की बात एक जैसी हो। यानी, जो व्यक्ति बिल्कुल सच्चा हो और जो कुछ सोचता है, वही बोलता है। उन्होंने कहा कि अगर कोई अपने दिल की बात बिना डरे या झिझके बोल सकता है, तो वही असली देवता है। राहुल ने ये भी कहा कि “अगर हम अपने पुराने महान लोगों जैसे बुद्ध, राम, या गांधीजी को देखें, तो ये सब अपने समय में बहुत अलग सोच रखते थे। इन सबका मकसद था कि लोग अपने अहंकार को भूलकर एक बेहतर समाज बनाएं।” भारतीय राजनीति: एक अनोखा नजरिया राहुल गांधी (Rahul Gandhi) अमेरिका दौरे पर भारतीय राजनीति के बारे में भी बोले। उन्होंने कहा कि “भारत की राजनीति में सबसे दिलचस्प बात ये है कि यहां नेता दूसरों के बारे में सोचते हैं। भारतीय नेता अपनी इच्छाओं को पीछे रखकर लोगों की जरूरतों को समझने की कोशिश करते हैं। इसके उलट, अमेरिका में नेता अपने विचारों को आगे रखते हैं और लोगों को उसी रास्ते पर चलने के लिए कहते हैं।” राहुल ने अपनी “भारत जोड़ो यात्रा” का भी जिक्र किया। उन्होंने 4000 किलोमीटर की इस यात्रा को एक बड़ी चुनौती बताया, जहां उन्हें सीधे लोगों से मिलने और उनकी बातें सुनने का मौका मिला। इस यात्रा ने उन्हें भारतीय राजनीति के बारे में नए तरीके से सोचने पर मजबूर किया। शिव और बदलाव का फलसफा राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने शिव के बारे में भी अपने विचार रखे। उन्होंने कहा कि “शिव को अक्सर तबाही का देवता कहा जाता है, लेकिन असल में वे किस चीज को खत्म करते हैं? राहुल के अनुसार, शिव हमारे अहंकार और पुरानी सोच को खत्म करते हैं। ये बात सिर्फ धर्म में ही नहीं, बल्कि राजनीति में भी लागू होती है। एक अच्छे नेता को अपनी पुरानी सोच को बदलकर समाज की भलाई के लिए काम करना चाहिए।” राहुल का मानना है कि भारतीय राजनीति का ये खास नजरिया हमें अमेरिकी नेताओं से अलग बनाता है। जहां अमेरिकी नेता लोगों को अपने पीछे चलने को कहते हैं, वहीं भारतीय नेता खुद को चुनौती देते हुए समाज को आगे बढ़ाने की कोशिश करते हैं। वैश्विक मुद्दों पर राहुल की राय राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने अमेरिका दौरे में सिर्फ भारत की ही बात नहीं की। उन्होंने बेरोजगारी और महंगाई जैसी समस्याओं पर भी बात की, जो आज पूरी दुनिया के लिए चिंता का विषय हैं। राहुल ने कहा कि “भारत और अमेरिका जैसे देशों को इन मुद्दों पर मिलकर काम करना चाहिए, ताकि एक मजबूत वैश्विक अर्थव्यवस्था बनाई जा सके।” उन्होंने युवाओं से भी बात की और कहा कि “आने वाले समय में टेक्नोलॉजी की भूमिका बहुत बड़ी होगी। इसलिए युवाओं को नई तकनीकों को सीखने और उनका इस्तेमाल करने में आगे रहना चाहिए।” राहुल ने कहा कि “भारत के पास प्रतिभाशाली युवाओं की कमी नहीं है, बस उन्हें सही मौके और प्लेटफॉर्म की जरूरत है।” नए भारत की कल्पना राहुल गांधी (Rahul Gandhi) अमेरिका दौरे के दौरान उन्होंने एक नए भारत की कल्पना भी पेश की। उनका कहना था कि “भारत की ताकत उसकी विविधता में है। अलग-अलग भाषाएं, संस्कृतियां और विचार मिलकर भारत को एक अनोखा देश बनाते हैं। राहुल ने कहा कि हमें इस विविधता को बनाए रखना चाहिए और इसे अपनी ताकत बनाना चाहिए।” उन्होंने ये भी कहा कि “भारत को अपनी परंपराओं और आधुनिकता के बीच संतुलन बनाना होगा। हमें अपनी संस्कृति को बचाते हुए नई तकनीकों और विचारों को अपनाना होगा। राहुल के अनुसार, यही संतुलन भारत को एक मजबूत और समृद्ध देश बना सकता है।”   एक-दूसरे का सम्मान करें, तो कोई भी लक्ष्य नहीं है असंभव  अंत में, राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने कहा कि भारत की “असली ताकत उसके लोगों में है। अगर हम सब मिलकर काम करें और एक-दूसरे का सम्मान करें, तो कोई भी लक्ष्य असंभव नहीं है।” उन्होंने युवाओं से आह्वान किया कि “वे देश के भविष्य के लिए आगे आएं और अपने विचारों से भारत को नई ऊंचाइयों पर ले जाएं।” इस तरह, राहुल गांधी अमेरिका दौरे ने न सिर्फ भारतीय राजनीति बल्कि वैश्विक मुद्दों पर भी एक नया नजरिया पेश किया। उनके विचारों ने युवाओं को सोचने पर मजबूर किया और एक नए भारत की कल्पना को साकार करने का आह्वान किया। #DivinityExplained #PoliticalInsights #IndianPolitics #CulturalPerspective #DeityConcept #RahulGandhiSpeech #InternationalViews

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Shah and Modi

क्या बदल जाएगी जम्मू-कश्मीर की तस्वीर? BJP के मैनिफेस्टो में छिपा जवाब

जम्मू-कश्मीर की राजनीति में एक नया मोड़ आ गया है। भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने आने वाले विधानसभा चुनाव के लिए अपना संकल्प पत्र जारी कर दिया है। इस मौके पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कई बड़े ऐलान किए हैं। आइए जानते हैं कि इस संकल्प पत्र में क्या-क्या खास बातें हैं और इससे जम्मू-कश्मीर का भविष्य कैसे बदल सकता है। आर्टिकल 370: अतीत की बात अमित शाह ने साफ कर दिया है कि आर्टिकल 370 अब इतिहास बन चुका है और यह कभी वापस नहीं आएगा। उन्होंने कहा, “आर्टिकल 370 की छाया में अलगाववाद पनपा था। अब यह खत्म हो चुका है।” शाह का मानना है कि इस आर्टिकल की वजह से ही युवाओं के हाथों में पत्थर थमाए जाते थे। अब जम्मू-कश्मीर विकास और तरक्की के रास्ते पर आगे बढ़ रहा है। शिक्षा और स्वास्थ्य पर जोर BJP के संकल्प पत्र में शिक्षा और स्वास्थ्य पर खास ध्यान दिया गया है। अमित शाह ने बताया कि पिछले कुछ सालों में 59 नए कॉलेज खोले गए हैं। इनमें से 30 कश्मीर में और 29 जम्मू में हैं। इतना ही नहीं, जम्मू-कश्मीर में दो एम्स, आईआईटी, आईआईएम और निफ्ट जैसे बड़े संस्थान भी खोले गए हैं। अब दूसरे राज्यों के छात्र भी यहां पढ़ने आ रहे हैं। यह जम्मू-कश्मीर चुनाव के लिए एक बड़ा मुद्दा बन सकता है। विकास की नई उम्मीदें BJP ने अपने संकल्प पत्र में कई विकास योजनाओं का वादा किया है। जम्मू में तवी रिवर फ्रंट बनाने की बात कही गई है। श्रीनगर में एक बड़ा एम्यूजमेंट पार्क बनाने का प्लान है। डल झील को और भी खूबसूरत बनाया जाएगा। किश्तवाड़ में आयुष हर्बल पार्क बनेगा और राजौरी को एक बड़ा टूरिस्ट स्पॉट बनाया जाएगा। ये सभी प्रोजेक्ट जम्मू-कश्मीर की अर्थव्यवस्था को मजबूत करने में मदद करेंगे। लोगों की मदद के लिए योजनाएं BJP ने लोगों की मदद के लिए कई योजनाओं का ऐलान किया है। ‘मां सम्मान योजना’ के तहत महिलाओं को मदद दी जाएगी। उज्ज्वला योजना में दो सिलेंडर दिए जाएंगे। छात्रों को 10 हजार रुपए कोचिंग फीस दी जाएगी। हर घर की एक महिला को 18 हजार रुपए दिए जाएंगे। कॉलेज के छात्रों को हर साल 3 हजार रुपए की मदद मिलेगी। ये सभी योजनाएं जम्मू-कश्मीर चुनाव में BJP के लिए बड़ा मुद्दा बन सकती हैं। सुरक्षा और शांति अमित शाह ने कहा कि कश्मीर घाटी में अब कानून-व्यवस्था की स्थिति में बड़ा सुधार हुआ है। पत्थरबाजी की घटनाएं अब नहीं हो रही हैं। उन्होंने दावा किया कि BJP ने कश्मीर में आतंकवाद के नेटवर्क को तोड़ दिया है। शाह ने यह भी कहा कि वे पाकिस्तान से बातचीत के पक्ष में नहीं हैं। उनका मानना है कि बातचीत और बम धमाके एक साथ नहीं हो सकते। आरक्षण और जमीन का मुद्दा BJP ने गुज्जरों, बकरवालों और पहाड़ियों के आरक्षण को लेकर भी अपना स्टैंड साफ किया है। अमित शाह ने कहा कि वे इन समुदायों का आरक्षण छीनने नहीं देंगे। इसके अलावा, भूमिहीन लोगों को 5 मरला जमीन देने का वादा भी किया गया है। ये मुद्दे जम्मू-कश्मीर चुनाव में अहम भूमिका निभा सकते हैं। इंफ्रास्ट्रक्चर और रोजगार BJP ने जम्मू-कश्मीर में मेट्रो शुरू करने का वादा किया है। इससे न सिर्फ लोगों को आवागमन में आसानी होगी, बल्कि रोजगार के नए अवसर भी पैदा होंगे। IT हब की स्थापना का प्लान भी है, जो युवाओं को नौकरियां दे सकता है। ये प्रोजेक्ट्स जम्मू-कश्मीर की अर्थव्यवस्था को नई दिशा दे सकते हैं। सामाजिक सुरक्षा BJP ने बुजुर्गों और दिव्यांगों की पेंशन बढ़ाने का वादा किया है। किसानों को 10 हजार रुपए सालाना देने की बात कही गई है। क्षतिग्रस्त मंदिरों के पुनर्निर्माण का भी वादा किया गया है। ये सभी कदम समाज के हर वर्ग को ध्यान में रखकर उठाए गए हैं। जम्मू-कश्मीर चुनाव के लिए BJP का यह संकल्प पत्र काफी महत्वपूर्ण है। इसमें विकास, सुरक्षा और समाज के हर वर्ग के लिए योजनाओं का जिक्र है। अब देखना यह है कि आने वाले दिनों में यह मैनिफेस्टो कितना असरदार साबित होता है और जम्मू-कश्मीर की जनता इसे कैसे लेती है। #PoliticalManifesto #BJPPlans #KashmirFuture #JammuKashmirDevelopment #ManifestoImpact #BJPPolicy #JammuKashmirReforms

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Vinesh Phogat Bajrang Punia

Vinesh Phogat और Bajrang Punia ने थामा हाथ का हाथ 

महिला पहलवान विनेश फोगाट (Vinesh Phogat) और ओलंपियन रेसलर बजरंग पूनिया (Bajrang Punia) ने आधिकारिक तौर पर कांग्रेस ज्वाइन कर लिया है। कांग्रेस मुख्यालय में आयोजित कार्यक्रम में पार्टी महासचिव केसी वेणुगोपाल ने दोनों को कांग्रेस का चिन्ह वाला पटका पहना पार्टी में स्वागत किया। कांग्रेस में शामिल होने से पहले दोनों रेसलर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे से उनके आवास पर मुलाकात की। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, हरियाणा विधानसभा चुनाव में विनेश फोगाट कांग्रेस के टिकट पर मैदान में उतर सकती हैं, वहीं बजरंग पुनिया चुनाव नहीं लड़ेंगे। इन्हें विधानसभा चुनाव में हरियाणा कांग्रेस की प्रचार समिति का सह-अध्यक्ष बनाया जा सकता है।  विनेश फोगाट ने रेलवे की नौकरी से दिया इस्तीफा  बता दें कि, कांग्रेस में शामिल होने से पहले विनेश फोगाट (Vinesh Phogat) ने रेलवे की नौकरी से इस्तीफा दे दिया था। अपने त्याग पत्र को सोशल मीडिया पर शेयर करते हुए विनेश ने रेलवे का आभार भी जताया। पार्टी सूत्रों के अनुसार, विनेश फोगाट जुलाना, चरखी दादरी या बाढ़डा विधानसभा सीट से चुनाव लड़ सकती हैं। हालांकि सबसे ज्यादा संभावना जींद जिले की जुलाना सीट से चुनाव लड़ने की है, क्योंकि इसी इलाके में विनेश फोगाट की ससुराल भी है।  भाजपा को छोड़, सभी पार्टियों ने दिया साथ  कांग्रेस में शामिल होने के बाद मीडिया से बातचीत करते हुए विनेश फोगाट (Vinesh Phogat) ने कहा, “सभी को बुरे समय में पता चलता है कि अपना कौन है और पराया कौन है। जब हमें सड़क पर घसीटा जा रहा था, तो भाजपा को छोड़कर देश की सभी पार्टियां हमारे साथ खड़ी थीं। अब मैं ऐसी पार्टी में शामिल हो चुकी हूं जो महिलाओं के खिलाफ होने वाले बुरे बर्ताव और अपराध के खिलाफ खड़ी रहती है। अब मैं सड़क से लेकर संसद तक हर लड़ाई लड़ने को तैयार हूं।” ईश्वर ने मुझे देश सेवा करने का मौका दिया है विनेश फोगाट (Vinesh Phogat) ने आगे कहा, “रेसलिंग में मैंने पूरी कोशिश की कि मैं देश की महिलाओं को इंस्पायर कर सकूं। वहीं भाजपा आईटी सेल ने यह प्रचार करने की कोशिश की कि हम लोग सिर्फ पॉलिटिक्स कर रहे हैं। उन लोगों ने कहा था कि “मैं ट्रायल नहीं देना चाहती, लेकिन मैंने ट्रायल भी दिया और ओलंपिक के फाइनल तक भी पहुंची, लेकिन भगवान को शायद कुछ और ही मंजूर था। अब ईश्वर ने मुझे देश सेवा करने का जो मौका दिया है, इससे बेहतर कुछ नहीं हो सकता। मैं चाहती हूं कि, जो मैंने बतौर खिलाड़ी फेस किया, वह कोई और न करे। #PhogatPuniaTeamUp #IndianWrestling #VineshAndBajrang #WrestlingCollaboration #PhogatPuniaNews #WrestlingUpdates #IndianAthletes

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Nitish Kumar

Nitish Kumar ने तोड़ी चुप्पी: RJD के साथ जाने की अफवाहों पर दिया जवाब

बिहार की राजनीति में एक बार फिर से हलचल मच गई है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) की हाल की गतिविधियों ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं। क्या वो फिर से अपना रुख बदलने वाले हैं? क्या राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के साथ उनकी दोस्ती फिर से परवान चढ़ेगी? आइए जानते हैं इस पूरे मामले की असलियत। नीतीश कुमार की रहस्यमय मुलाकातें पिछले कुछ दिनों में, नीतीश कुमार (Nitish Kumar) ने RJD प्रमुख लालू यादव और उनके बेटे तेजस्वी यादव से मुलाकात की। इन मुलाकातों की खबरें सोशल मीडिया पर तेजी से फैलीं और लोग तरह-तरह के अनुमान लगाने लगे। कई लोगों ने सोचा कि शायद नीतीश कुमार फिर से महागठबंधन में शामिल होने की तैयारी कर रहे हैं। लेकिन क्या ये अफवाहें सच हैं? नीतीश कुमार ने खुद इस बारे में क्या कहा? आइए जानते हैं। नीतीश कुमार का स्पष्टीकरण हाल ही में, एक कार्यक्रम के दौरान नीतीश कुमार ने इन अफवाहों पर अपनी चुप्पी तोड़ी। उन्होंने साफ-साफ कहा, “हमने दो बार गलती की उनके साथ जाकर। अब हम इधर-उधर नहीं जाएंगे। बीजेपी के साथ ही रहेंगे।” उन्होंने यह भी कहा कि वे शुरू से ही भाजपा के साथ हैं और बिहार में उन्होंने मिलकर बहुत काम किया है। इस बयान से साफ हो गया कि नीतीश कुमार अभी अपना गठबंधन बदलने का कोई इरादा नहीं रखते। तो फिर ये मुलाकातें किस बारे में थीं? दरअसल, नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव की मुलाकात एक औपचारिक कारण से हुई थी। वे सूचना आयुक्त की नियुक्ति पर चर्चा करने के लिए मिले थे। यह एक सरकारी प्रक्रिया का हिस्सा था, न कि कोई गुप्त राजनीतिक बैठक। बिहार में स्वास्थ्य सुविधाओं का विकास इस बीच, भारतीय जनता पार्टी (BJP) के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने बिहार का दौरा किया। उन्होंने कई अस्पतालों और मेडिकल सुविधाओं का उद्घाटन किया। नड्डा ने पटना के IGIMS अस्पताल में नए क्षेत्रीय चक्षु संस्थान का उद्घाटन किया। नीतीश कुमार ने भी IGIMS के विकास पर बात की। उन्होंने कहा, “शुरू में यहां काम हुआ, लेकिन बाद में व्यवस्था बहुत खराब हो गई थी। जब हमारी सरकार बनी, तो हमने इस पर ध्यान दिया और लोगों के इलाज की आधुनिक व्यवस्था की।” नड्डा का यह दौरा बिहार में स्वास्थ्य सुविधाओं के विकास पर केंद्रित था। वे भागलपुर और गया में भी गए, जहां उन्होंने नए मेडिकल सुविधाओं का उद्घाटन किया। बिहार की राजनीति का भविष्य नीतीश कुमार के बयान से यह स्पष्ट हो गया है कि वे अभी भाजपा के साथ ही रहना चाहते हैं। लेकिन राजनीति में कुछ भी हो सकता है। आने वाले समय में क्या होगा, यह देखना बड़ा ही दिलचस्प होगा। एक बात तो तय है कि बिहार की राजनीति हमेशा की तरह रोचक बनी हुई है। नीतीश कुमार, लालू यादव, और भाजपा – ये सभी अपने-अपने तरीके से राज्य की राजनीति को प्रभावित कर रहे हैं। अंत में, यह कहना उचित होगा कि बिहार की जनता के लिए सबसे महत्वपूर्ण मुद्दा विकास है। चाहे कोई भी पार्टी या गठबंधन सत्ता में हो, लोग चाहते हैं कि उनके राज्य का विकास हो, रोजगार के अवसर बढ़ें और जीवन की गुणवत्ता में सुधार हो। #PoliticalRumors #BiharPolitics #NitishKumarRJD #PoliticalUpdates #RJDNews #NitishKumarStatement #BiharChiefMinister

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