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Congress Manifesto

Congress Manifesto: जम्मू-कश्मीर के लिए कांग्रेस का लोकलुभावन घोषणापत्र जारी, महिला, युवा और किसान से किए कई खास वादे

जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस पार्टी ने अपना लोकलुभावन घोषणापत्र (Congress Manifesto) जारी कर दिया है। इस चुनावी घोषणा पत्र में कांग्रेस ने महिलाओं, युवाओं और किसानों के लिए कई कल्याणकारी योजनाएं लाने का वादा किया है। साथ ही कश्मीरी पंडितों के लिए भी कई वादे किए हैं। कांग्रेस ने अपने इस घोषणापत्र का नाम ‘हाथ बदलेगा हालात’ रखा गया है।  कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता पवन खेड़ा और प्रदेश कांग्रेस कमेटी प्रमुख तारिक हमीद कर्रा ने घोषणा पत्र (Congress Manifesto) को जारी करते हुए जम्मू कश्मीर के लोगों से वादा किया कि सरकार बनने के कुछ दिनों के अंदर ही सभी वादों को पूरा कर दिया जाएगा। हालांकि कांग्रेस ने अपने इस घोषणा पत्र में अनुच्छेद 370 के मुद्दे को शामिल नहीं किया है।   कांग्रेस का किसानों से वादा- कांग्रेस का युवाओं से वादा-  कांग्रेस का महिलाओं से वादा- अन्य वादे- #CongressManifesto #J&KElection #RahulGandhi #Congress #YouthDevelopment #FarmerSupport #KashmirPolitics

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Kolkata Doctor Case

Kolkata Doctor Case: जूनियर डॉक्टरों के आगे झुकी बंगाल की सीएम, कई मांगों पर नहीं बनी सहमति, लेकिन प्रदर्शन अभी भी रहेगा जारी 

कोलकाता रेप और हत्या मामले में प्रदर्शन कर रहे जूनियर डॉक्टर के सामने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को झुकना ही पड़ा। सीएम ममता ने प्रदर्शनकारी डॉक्टर्स की कई मांगों को मानते हुए बड़ा एक्शन लिया है। सीएम ने कोलकाता पुलिस कमिश्नर विनीत गोयल व तीन अन्य अधिकारियों को हटाने का ऐलान कर दिया है। इनमें चिकित्सा शिक्षा निदेशक (डीएमई), स्वास्थ्य सेवा निदेशक (डीएचएस) और डिप्टी कमिश्नर (नॉर्थ) शामिल हैं। प्रदर्शनकारी जूनियर डॉक्टर ने इसे अपना नैतिक जीत बताया है, लेकिन धरना वापस नहीं लिया है।  आरजी कर मेडिकल कॉलेज की ट्रेन महिला डॉक्टर से रेप व हत्या के विरोध में प्रदर्शन कर रहे जूनियर डॉक्टर ने कहा, हमारा प्रदर्शन तब तक जारी रहेगा, जब तक सीएम ममता बनर्जी अपने सभी वादे पूरे नहीं कर देती हैं। हड़ताली डॉक्टरों ने कहा कि सीएम ने उनकी कुछ मांगों को अभी भी पूरा नहीं किया है। अब हम सुप्रीम कोर्ट में होने वाली सुनवाई का इंतजार कर रहे हैं।  यह है डॉक्टरों की मांग-  ये मांगे हुई पूरी-  ये मांगे अधूरी जूनियर डॉक्टरों ने स्वास्थ्य विभाग के प्रिंसिपल सेक्रेटरी को हटाने की मांग की थी, लेकिन ये मांग अभी पूरी नहीं की गई। डॉक्टर्स ने अस्पतालों में एक्टिव सिंडिकेट और फलते-फूलते भ्रष्टाचार को खत्म करने की मांग की थी, लेकिन इस पर भी अभी तक सिर्फ मौखिक आश्वासन ही मिला है।  #DoctorProtestUpdate #KolkataHealthcare #DoctorDemands #WestBengalNews #HealthcareProtests #DoctorStrike2024 #CMAndDoctors

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शिवसेना के इस विधायक के विवादित बोल: Rahul Gandhi की जीभ काटने वाले को 11 लाख देने की कही बात 

बुलढाणा विधानसभा से साल 2019 में शिवसेना के टिकट पर पहली बार विधायक बने संजय गायकवाड (Sanjay Gaikwad) ने राहुल गांधी (Rahul Gandhi) के लिए विवादित बयान दिया है। एक सार्वजनिक सभा में आरक्षण के मुद्दे पर संबोधित करते हुए गायकवाड ने कहा कि “जो राहुल गांधी की जीभ काटेगा मैं उसे 11 लाख दूंगा।” वो यहीं नहीं रुके, आगे उन्होंने कहा कि “कांग्रेस देश को 400 साल पीछे ले जाने की योजना बना रही है। राहुल ने आरक्षण को खत्म करने की बात कहकर गलत किया है, जिसकी उन्हें सजा मिलनी चाहिए।”  जो आरक्षण ख़त्म करने की बात करेगा, मैं उसके लिए उग्र रुख अपनाऊंगा इतना ही नहीं, संजय गायकवाड (Sanjay Gaikwad) ने फेसबुक पर लिखा कि जो भी गरीब, वंचित, कमजोर वर्ग के लिए आरक्षण का विरोधी होगा, मैं उसके प्रति हमेशा आक्रामक रहूंगा। जिससे उनके बच्चे अच्छी शिक्षा प्राप्त कर उच्च पदों पर आसीन हो सकें। यदि कोई भी राजनीतिक नेता आरक्षण ख़त्म करने की बात करेगा तो मैं हमेशा इसके लिए उग्र रुख अपनाऊंगा। जय संविधान।” दरअसल, यह टिपण्णी राहुल के आरक्षण को खत्म करने वाले बयान को लेकर की गई है।  राहुल गांधी की जीभ काटने के बयान पर बवाल कहने की जरूरत नहीं, कांग्रेस कहां चुप बैठने वाली थी। महाराष्ट्र कांग्रेस के प्रवक्ता अतुल लोंधे ने कहा कि “संजय गायकवाड़ (Sanjay Gaikwad) समाज और राजनीति में रहने के लायक नहीं हैं। हम देखना चाहते हैं कि महाराष्ट्र के गृह मंत्री देवेंद्र फडणवीस गायकवाड़ के खिलाफ गैर इरादतन हत्या का केस करते हैं या नहीं।”  यही नहीं, महाराष्ट्र कांग्रेस के अध्यक्ष नाना पटोले ने गायकवाड के साथ राज्य की महायुति सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि “गायकवाड को पहले अपना लेवल देखना चाहिए। वह राहुल गांधी (Rahul Gandhi) और संविधान पर बोलने के लायक भी नहीं हैं।” उन्होंने शिंदे सरकार से गायकवाड को गिरफ्तार करने की मांग  तक कर डाली। भाजपा ने खुद को किया अलग जाहिर है राहुल गांधी (Rahul Gandhi) की जीभ काटने के बयान पर बवाल होना ही था। शिवसेना विधायक संजय गायकवाड़ (Sanjay Gaikwad) के इस बयान से भाजपा खुद को अलग करते हुए महाराष्ट्र भाजपा अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले ने कहा कि “वे विधायक की टिप्पणी का समर्थन नहीं करते।” हालांकि अमेरिका में राहुल गांधी द्वारा दिए गए बयानों पर भाजपा ने हमलावर रुख अपना रखा है। 

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PM Modi

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा उठाय गए 12 जरूरी कदम

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) के नेतृत्व में भारत ने विभिन्न क्षेत्रों में महत्वपूर्ण प्रगति की है। उनकी सरकार ने विभिन्न नीतियों, कार्यक्रमों और सुधारों के माध्यम से देश के विकास की दिशा को आकार दिया है। निम्नलिखित बिंदुओं में प्रमुख उपलब्धियों को वर्ष के साथ संक्षेप में प्रस्तुत किया गया है: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा उठाय गए जरूरी कदम  1. 2014 – प्रधानमंत्री के पद पर शपथ ग्रहण- नरेंद्र मोदी ने 26 मई 2014 को भारत के 14वें प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ली। उनकी प्राथमिकताओं में आर्थिक सुधार, भ्रष्टाचार का मुकाबला और विकास को प्रोत्साहित करना शामिल था। 2. 2014 – स्वच्छ भारत मिशन (SBM)- 2 अक्टूबर 2014 को गांधी जयंती के दिन, मोदी सरकार ने स्वच्छ भारत मिशन (Swachh Bharat Mission) की शुरुआत की। इसका उद्देश्य पूरे देश को स्वच्छ और खुले में शौच मुक्त बनाना था। 3. 2015 – डिजिटल इंडिया अभियान- 1 जुलाई 2015 को डिजिटल इंडिया (Digital India) कार्यक्रम की शुरुआत की गई। इसका लक्ष्य सरकार की सेवाओं को डिजिटल माध्यम से उपलब्ध कराना और डिजिटल साक्षरता को बढ़ावा देना था। 4. 2016 – नोटबंदी- 8 नवंबर 2016 को मोदी सरकार ने 500 और 1000 रुपये के पुराने नोटों को रद्द कर दिया। इसका उद्देश्य काले धन और भ्रष्टाचार को समाप्त करना था। 5. 2017 – जीएसटी की शुरुआत- 1 जुलाई 2017 को वस्तु एवं सेवा कर (GST) लागू किया गया। यह एक एकल कर प्रणाली है जो सभी राज्यों और केंद्र शासित क्षेत्रों में समान कर दर प्रदान करती है। 6. 2018 – आयुष्मान भारत योजना- 23 सितंबर 2018 को आयुष्मान भारत योजना (Ayushman Bharat Mission) की शुरुआत की गई। इस योजना के तहत, गरीब और कमजोर वर्ग के लोगों को 5 लाख रुपये तक के स्वास्थ्य बीमा का लाभ दिया गया। 7. 2019 – आर्टिकल 370 की समाप्ति- 5 अगस्त 2019 को मोदी सरकार ने जम्मू और कश्मीर से आर्टिकल 370 (Article 370) को समाप्त कर दिया, जिससे राज्य को विशेष दर्जा प्राप्त था। इससे जम्मू और कश्मीर को भारतीय संघ में पूरी तरह से एकीकृत किया गया। 8. 2020 – कोरोना वायरस महामारी से मुकाबला- कोविड-19 (Covid 19) महामारी के दौरान, मोदी सरकार ने लॉकडाउन की घोषणा की, आपातकालीन स्वास्थ्य सेवाओं का विस्तार किया और मुफ्त खाद्य वितरण योजनाओं की शुरुआत की। 9. 2020 – आत्मनिर्भर भारत अभियान- 12 मई 2020 को प्रधानमंत्री ने आत्मनिर्भर भारत अभियान (Atmanirbhar Bharat Abhiyan) की शुरुआत की। यह योजना भारत की आर्थिक आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देने और मेक इन इंडिया पहल को मजबूत करने के लिए बनाई गई थी। 10. 2021 – किसान आंदोलन और सुधार- मोदी सरकार ने 2021 में कृषि कानूनों को लागू किया, जो कृषि क्षेत्र में सुधार के उद्देश्य से थे। हालांकि किसानों की विरोधी गतिविधियों के कारण इन कानूनों को अंततः 2021 में वापस ले लिया गया। 11. 2022 – G20 की अध्यक्षता- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने 2022 में G20 की अध्यक्षता की। इसका उद्देश्य वैश्विक आर्थिक चुनौतियों, जलवायु परिवर्तन और विकासशील देशों के मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करना था। 12. 2023 – चंद्रयान-3 की सफलता- 23 अगस्त 2023 को भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने चंद्रयान-3 मिशन की सफलता की घोषणा की, जिससे भारत चांद के दक्षिणी ध्रुव पर सफलतापूर्वक उतरा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) के कार्यकाल में भारत ने कई महत्वपूर्ण सुधारों और पहलों के माध्यम से विकास की नई ऊंचाइयों को छुआ है। उनके द्वारा किए गए ये प्रयास देश के सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक परिदृश्य को बदलने में महत्वपूर्ण साबित हुए हैं। नरेंद्र मोदी की सरकार ने न केवल भारत की अंतर्राष्ट्रीय छवि को मजबूत किया है, बल्कि देश के नागरिकों के जीवन में भी सुधार लाने की दिशा में ठोस कदम उठाए हैं। #PM #PMMODI #PMNarendraModi #PMNarendraModiBirthday #ModiBirthday #Modi12Steps #EconomicReforms #ModiLeadership #IndiaDevelopment #ModiInitiatives #NationalProgress

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Anil Vij

हरियाणा भाजपा में सीएम पद पर घमासान, Anil Vij ने ठोंका दावा तो धर्मेंद्र प्रधान ने बताया जीत के बाद कौन बनेगा सीएम?

हरियाणा विधानसभा चुनाव (Haryana Assembly Elections) प्रचार जैसे-जैसे जोर पकड़ रहा है, राजनीतिक पार्टियों के अंदर सीएम पद को लेकर भी घमासान मचता नजर आ रहा है। कांग्रेस के अंदर सीएम पद को लेकर बीते कई दिनों से जहां भूपेंद्र हुड्‌डा और कुमारी सैलजा के बीच तकरार चल रही है, वहीं अब भाजपा में भी सीएम पद को लेकर रार बढ़ती नजर आ रही है। हरियाणा के पूर्व गृह मंत्री और वरिष्ठ भाजपा नेता अनिल विज (Anil Vij) ने सीएम पद पर अपना दावा ठोंक दिया है। जिससे राज्य की राजनीति गरमा गई है।  अनिल विज ने सीएम पद के लिए पेश किया अपना दावा  अनिल विज (Anil Vij) ने एक प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि, “मैं पार्टी की कई दशकों से सेवा कर रहा हूं, लेकिन आजतक पार्टी से कुछ नहीं मांगा। मैं राज्य में सबसे वरिष्ठ हूं, इस वरिष्ठता के आधार पर मैं सीएम पद के लिए अपना दावा पेश करूंगा।” अनिल विज के इस बयान के बाद भाजपा के अंदर खलबली मच गई है। मनोहर लाल खट्टर सरकार में गृह मंत्री रहे अनिल विज को नायब सैनी कैबिनेट में जगह नहीं मिल पाई थी। जिससे वे पार्टी से नाराज भी हो गए थे। अब चुनाव से पहले सीएम पद के लिए दावा ठोक कर अनिल विज ने पार्टी को मुश्किल में डाल दिया है।  भाजपा की अंतर्कलह आई सामने  बता दें कि, भाजपा ने हरियाणा विधानसभा चुनावों (Haryana Assembly Elections) में नायब सैनी को ही सीएम फेस बनाया है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह भी कह चुके हैं कि, “चुनाव जीतने के बाद मुख्यमंत्री नायब सैनी ही होंगे”, लेकिन अब अनिल विज (Anil Vij) ने अपना दावा ठोक पार्टी के अंदर के अंतर्कलह को सामने ला दिया है। इससे पहले केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह भी सीएम पद पर दावा ठोक चुके हैं, लेकिन उन्हें मौका नहीं मिला। राव इंद्रजीत के पिता हरियाणा के दूसरे सीएम थे। नायब सैनी ही सीएम फेस  अनिल विज (Anil Vij) के इस दावे पर हरियाणा भाजपा प्रभारी धर्मेन्द्र प्रधान ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी है। केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने करनाल में पत्रकारों द्वारा पूछे गए प्रश्नों का जवाब देते हुए कहा कि, “पार्टी में कोई विवाद नहीं है, नायब सैनी ही हरियाणा में भाजपा का चेहरा हैं, उनके ही नेतृत्व में हम चुनाव लड़ रहे। भाजपा हरियाणा में तीसरी बार सरकार बनाने जा रही है।” #CMPost #DharmendraPradhan #HaryanaElection #BJPCM #CM2024 #PoliticalTussle #HaryanaBJP

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केजरीवाल ने अचानक दिया इस्तीफा: क्या फिर दोहराएंगे 2013 की भ्रष्टाचार विरोधी लहर?

दिल्ली की राजनीति में एक बार फिर बड़ा उलटफेर देखने को मिला है। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने अपने पद से इस्तीफा देने का ऐलान कर सबको चौंका दिया है। केजरीवाल का इस्तीफा (Kejriwal’s Resignation) कई सवाल खड़े करता है। क्या यह एक मजबूरी है या फिर एक सोची-समझी रणनीति? आइए इस फैसले के पीछे छिपे कारणों को समझने की कोशिश करते हैं। इस्तीफे के पीछे की कहानी अरविंद केजरीवाल ने कहा है कि वे तब तक मुख्यमंत्री की कुर्सी पर नहीं बैठेंगे, जब तक जनता उन्हें ईमानदारी का प्रमाणपत्र नहीं दे देती। यह बयान उनकी राजनीतिक चाल का एक हिस्सा लग रहा है। AAP पिछले 10 साल से दिल्ली में सत्ता में है, और अब सत्ता-विरोधी लहर का खतरा बढ़ गया है। दिल्ली की बढ़ती समस्याएं पिछले कुछ समय से दिल्ली कई समस्याओं से जूझ रही है। बाढ़, डेंगू जैसी बीमारियों का प्रकोप, बढ़ता प्रदूषण, और खराब होती इंफ्रास्ट्रक्चर – ये सब मुद्दे AAP सरकार के लिए सिरदर्द बन गए हैं। इन समस्याओं के कारण AAP का शिक्षा और स्वास्थ्य मॉडल भी धूमिल पड़ने लगा है। 2025 का चुनावी समीकरण आने वाले 2025 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस और BJP दोनों मजबूती से मैदान में उतरेंगी। ऐसे में केजरीवाल का इस्तीफा (Kejriwal’s Resignation) एक रणनीतिक कदम लग रहा है। वे एक बार फिर भ्रष्टाचार विरोधी मुद्दे को हवा देकर जनता का समर्थन हासिल करना चाहते हैं। क्या 2013 की कहानी दोहराएगी AAP? 2013 में केजरीवाल ने भ्रष्टाचार के खिलाफ मुहिम चलाकर दिल्ली की सत्ता हासिल की थी। अब वे एक बार फिर उसी रास्ते पर चल रहे हैं। उनका मानना है कि इस्तीफा देकर वे जनता के बीच अपनी ईमानदार छवि को और मजबूत कर सकेंगे। जनता की प्रतिक्रिया क्या होगी? अब सवाल यह है कि दिल्ली की जनता इस कदम को कैसे देखेगी। क्या लोग एक बार फिर AAP पर भरोसा करेंगे या फिर वे बदलाव चाहेंगे? यह तो आने वाला वक्त ही बताएगा। अगला मुख्यमंत्री कौन? केजरीवाल का इस्तीफा (Kejriwal’s Resignation) एक और अहम सवाल खड़ा करता है – दिल्ली का अगला मुख्यमंत्री कौन होगा? जो भी नया CM बनेगा, उसके सामने कई चुनौतियां होंगी। उसे न सिर्फ दिल्ली की मौजूदा समस्याओं से निपटना होगा, बल्कि 2025 के चुनाव की तैयारी भी करनी होगी। AAP की रणनीति कितनी कारगर? केजरीवाल की यह नई रणनीति कितनी कामयाब होगी, यह देखना दिलचस्प होगा। क्या वे एक बार फिर जनता का दिल जीत पाएंगे या फिर यह दांव उल्टा पड़ जाएगा? आने वाले दिनों में इस पर सभी की नजरें टिकी रहेंगी। इस पूरे घटनाक्रम में एक बात साफ है कि दिल्ली की राजनीति एक बार फिर गरमा गई है। केजरीवाल का इस्तीफा (Kejriwal’s Resignation) न सिर्फ AAP के लिए, बल्कि पूरी दिल्ली के लिए एक बड़ा मोड़ साबित हो सकता है। अब देखना यह है कि आने वाले दिनों में इस फैसले के क्या नतीजे सामने आते हैं। #KejriwalResigns #DelhiPolitics #AAPStrategy #Election2025 #IndianPolitics

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BJP Seat Count Nitin Gadkari explains why BJP's seat count dropped

BJP Seat Count: 240 सीटों पर क्यों सिमटी भाजपा? नितिन गडकरी ने खोला राजनीतिक रहस्य

लोकसभा चुनाव 2024 के नतीजों ने कई लोगों को चौंका दिया। 2019 में 303 सीटें जीतने वाली भारतीय जनता पार्टी (BJP) इस बार 240 सीटों (BJP Seat Count) पर सिमट गई। आखिर ऐसा क्यों हुआ? इस सवाल का जवाब केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने दिया है। आइए जानते हैं उनके बयान की खास बातें और इसके पीछे छिपी राजनीति। विपक्ष का भ्रामक अभियान गडकरी जी के मुताबिक, विपक्षी दलों ने वोटरों को गुमराह करने की पूरी कोशिश की। उन्होंने बताया कि विपक्ष ने लोगों के कानों में यह बात डाली कि भाजपा की सीटें कम होनी चाहिए, क्योंकि पार्टी संविधान बदलने की कोशिश कर रही है। गडकरी जी ने कहा, “उन्होंने झूठा प्रचार किया कि हम डॉ. भीमराव आंबेडकर के संविधान के खिलाफ हैं। यह बिल्कुल गलत था।” पिछड़े वर्ग और किसानों को लेकर भ्रम मंत्री जी ने बताया कि विपक्ष ने पिछड़े वर्ग के लोगों में डर पैदा किया कि अगर भाजपा की सीटें ज्यादा आईं तो उनके आरक्षण और दूसरे फायदे खत्म हो जाएंगे। इसी तरह किसानों को भी गुमराह किया गया। गडकरी जी ने कहा, “हमने किसानों की भलाई के लिए जो काम किए, उन्हें विपक्ष ने गलत तरीके से पेश किया।” चुनाव नतीजों पर गडकरी का नजरिया हालांकि सीटों में कमी आई, लेकिन गडकरी जी इसे हार नहीं मानते। उन्होंने कहा, “मुझे लगता है कि ये चुनाव भारत की जीत थे। भाजपा की सीटें भले कम हुईं, लेकिन हमें फिर से सरकार बनाने का मौका मिला। लोगों ने हम पर भरोसा जताया है।” आने वाले चुनावों में उम्मीदें गडकरी जी ने आगे कहा कि उन्हें पूरा यकीन है कि आने वाले राज्यों के चुनावों में भाजपा की सीटें बढ़ेंगी। उन्होंने कहा, “मुझे 100% भरोसा है कि अगले चार राज्यों के चुनावों में हमें अच्छा बहुमत मिलेगा। लोग जानते हैं कि हम देश का भविष्य बदल सकते हैं।” प्रधानमंत्री पद पर गडकरी का रुख इसी बीच, गडकरी जी ने एक दिलचस्प खुलासा किया। उन्होंने बताया कि एक बार किसी नेता ने उन्हें प्रधानमंत्री बनने में मदद की पेशकश की थी। लेकिन उन्होंने इसे ठुकरा दिया। गडकरी जी ने कहा, “प्रधानमंत्री बनना मेरे जीवन का लक्ष्य नहीं है। मैं अपने संगठन और सिद्धांतों के प्रति वफादार हूं।” भाजपा की सीटें कम होना पार्टी के लिए एक सबक हो सकता है। इससे पता चलता है कि जनता के बीच सही संदेश पहुंचाना कितना जरूरी है। गडकरी जी के बयान से साफ है कि पार्टी अब और मजबूती से काम करेगी। वे चाहते हैं कि लोग भाजपा के काम को समझें और उसकी सराहना करें। इस तरह हम देख सकते हैं कि राजनीति में उतार-चढ़ाव आते रहते हैं। भाजपा की सीटें (BJP Seat Count) इस बार कम जरूर हुईं, लेकिन पार्टी के नेता इसे एक चुनौती की तरह देख रहे हैं। आने वाले समय में यह देखना दिलचस्प होगा कि भाजपा इन सबक को कैसे अपने फायदे में बदलती है। #BJPSeatCount #ElectionAnalysis #NitinGadkari #LokSabha2024 #IndianPolitics

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One Nation One Election

One Nation One Election: यहां पढ़ें वन नेशन-वन इलेक्शन पर क्या है बड़ा अपडेट

वन नेशन-वन इलेक्शन (One Nation One Election) को लेकर बड़ा अपडेट सामने आया है। दावा किया जा रहा है कि केंद्र की मोदी सरकार अपने इस कार्यकाल के आखिर तक ‘वन नेशन-वन इलेक्शन योजना को लागू कर देगी। ये रिपोर्ट पीएम मोदी के तीसरे कार्यकाल के पहले 100 दिनों पूरे होने से पहले सामने आई है। पीएम मोदी ने चुनाव प्रचार के दौरान भी कई बार दोहराया था कि तीसरा कार्यकाल कुछ ‘अहम निर्णय’ वाला होगा। बताया जा रहा है कि केंद्र सरकार अपनी इस योजना को लेकर तैयारियों में जुट गई है।  वन नेशन वन इलेक्शन योजना की रिपोर्ट तैयार करने के लिए मोदी सरकार ने 2 सितंबर 2023 को पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के नेतृत्व में कमेटी का गठन किया था। इस कमेटी ने अपनी रिपोर्ट 14 मार्च को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को सौंप दी थी। यह रिपोर्ट 18 हजार 626 पन्नों की है। कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में कई सुझाव दिए हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार इस रिपोर्ट के आधार पर वन नेशन-वन इलेक्शन (One Nation One Election) योजना 2029 तक लागू हो सकती है। मोदी सरकार को भरोसा है कि इस सुधारात्मक कदम को सभी पार्टियों का समर्थन मिलेगा।  कमेटी ने दिये हैं ये पांच प्रमुख सुझाव मोदी ने 15 अगस्त को रखा था प्रस्ताव  बता दें कि ‘वन नेशन-वन इलेक्शन’ (One Nation One Election) का प्रस्ताव पीएम मोदी ने 15 अगस्त के भाषण में खुद दिया था और विपक्षी राजनीतिक पार्टियों से सहयोग की अपील की थी। हालांकि कांग्रेस समेत कई राजनीतिक पार्टियां इस योजना के पक्ष में नहीं हैं। जिसकी वजह से इस योजना काो लागू करना मोदी सरकार के लिए आसान नहीं रहने वाला।  #OneNationOneElection #Election #PMModi #PresidentDroupadiMurmu #CentralGovernment #ElectionReform #Election2024 #IndianPolitics #PoliticalReform

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Prime Minister Modis little guest

नन्हे दीपज्योति के आगमन पर मोदी जी ने साझा की दिल छू लेने वाली तस्वीरें

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के घर में इन दिनों एक नई खुशी का माहौल है। हाल ही में उनके आवास पर एक खास मेहमान का आगमन हुआ है, जिसने सबका दिल जीत लिया है। यह मेहमान और कोई नहीं बल्कि एक प्यारी से नन्ही बछिया है। इस खबर को प्रधानमंत्री मोदी ने खुद अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर शेयर किया है, जिसके बाद से यह चर्चा का विषय बन गया है। छोटी सी ‘दीपज्योति’ प्रधानमंत्री मोदी का नन्हा मेहमान (Prime Minister Modi’s little guest) बड़ा ही प्यारा और खास है। मोदी जी ने बताया कि इस नवजात बछिये के माथे पर एक अनोखा निशान है, जो किसी दीपक की लौ की तरह चमकता है। इसी खास निशान की वजह से उन्होंने इस छोटे मेहमान का नाम ‘दीपज्योति’ (Deepjyoti) रखा है। मोदी जी ने इस खास पल को अपने फॉलोवर्स के साथ साझा करने के लिए कुछ तस्वीरें और एक वीडियो भी पोस्ट किया है। इन तस्वीरों में वे इस नन्हे बछड़े के साथ बड़े ही प्यार से पेश आते दिख रहे हैं। एक तस्वीर में तो वे बछड़े को गले लगाए हुए नजर आ रहे हैं, जैसे कोई अपने बच्चे को प्यार कर रहा हो। यह देखकर लगता है कि प्रधानमंत्री मोदी का नन्हा मेहमान (Prime Minister Modi’s little guest) उनके दिल के बहुत करीब आ गया है। मोदी जी ने अपने पोस्ट में गाय की महिमा का भी बखान किया है। उन्होंने लिखा है, “गाव: सर्वसुख प्रदा:” यानी गाय सभी सुखों को देने वाली होती है। यह बात हमारी संस्कृति में बहुत पुरानी है। गाय को हमेशा से मां का दर्जा दिया गया है और मोदी जी के इस पोस्ट से यह बात और भी मजबूत हो गई है। जैसे ही मोदी जी ने यह पोस्ट किया, सोशल मीडिया पर लोगों की प्रतिक्रियाओं की बाढ़ आ गई। कई लोगों ने इस पल की तारीफ की और कहा कि यह देखकर बहुत अच्छा लगा कि हमारे प्रधानमंत्री इतने बड़े पद पर होने के बावजूद इतने सरल और संवेदनशील हैं। कुछ लोगों ने तो यहां तक कह दिया कि मोदी जी सिर्फ इंसानों के ही नहीं, बल्कि जानवरों के भी अच्छे दोस्त हैं। प्रधानमंत्री मोदी का नन्हा मेहमान (Prime Minister Modi’s little guest) सिर्फ एक बछड़ा नहीं है, बल्कि यह उनके पशु प्रेम का एक जीता-जागता उदाहरण है। पहले भी कई मौकों पर मोदी जी ने अपने घर में पाले गए पशुओं के बारे में बताया है। वे अक्सर गायों के साथ समय बिताते हैं और उनकी देखभाल करते हैं। यह देखकर लगता है कि वे सिर्फ देश के प्रधानमंत्री ही नहीं, बल्कि एक संवेदनशील इंसान भी हैं जो हर जीव से प्यार करते हैं। इस घटना से यह भी पता चलता है कि मोदी जी अपने व्यस्त कार्यक्रम के बीच भी इन छोटी-छोटी खुशियों को महत्व देते हैं। एक नन्हे बछड़े के जन्म जैसी घटना को इतना महत्व देना और उसे पूरे देश के साथ साझा करना, उनकी सरलता और सहजता को दर्शाता है। यह बताता है कि वे अपने जीवन में छोटी-छोटी चीजों में भी खुशी ढूंढ लेते हैं। #PMModiCowLove #Deepjyoti #ModiAnimalCare #IndianCulture #GovernmentInitiatives

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Haryana Assembly Elections

Haryana Assembly Elections में बागियों ने बढ़ाई भाजपा की मुश्किलें, कई सीटों पर अपनों ने ही बढ़ाई टेंशन

हरियाणा विधानसभा चुनाव (Haryana Assembly Elections) में बागियों ने भाजपा को टेंशन में डाल दिया है। राज्य के कई सीटों पर अब अपने ही भाजपा के खिलाफ चुनावी मैदान में नजर आ रहे हैं। नामांकन के आखिरी दिन भाजपा ने महेंद्रगढ़ विधानसभा सीट पर रामबिलास शर्मा को नामांकन वापस लेने के लिए तो राजी कर लिया, लेकिन फरीदाबाद, सोनीपत और पानीपत से लेकर हिसार तक भाजपा को कई सीटों पर अभी भी बगावत का सामना करना पड़ रहा है।  भाजपा को हराने की कोशिश में जुटे नाराज बागी  हरियाणा विधानसभा चुनाव (Haryana Assembly Elections) में टिकट न मिलने से नाराज बागी अब भाजपा को हराने की कोशिश में जुट गए हैं। इन नेताओं की लिस्ट में देश की सबसे अमीर महिला सावित्री जिंदल भी शामिल हैं। भाजपा से टिकट न मिलने के बाद भी सावित्री जिंदल हिसार सीट से निर्दलीय चुनावी मैदान में उतरी हैं। इसके अलावा सोनीपत सीट से पूर्व मंत्री कविता जैन और अटेली विधानसभा सीट से संतोष यादव बागी होकर चुनाव लड़ रहे। संतोष यादव अभी भी प्रदेश भाजपा के उपाध्यक्ष हैं। इसके अलावा पानीपत सीट पर हिमांशु शर्मा और महम सीट पर शमशेर खरखरा जैसे नाराज नेता भी भाजपा के रास्ते में मुश्किलें पैदा कर रहे हैं। भाजपा के जीत में बागी सबसे बड़ा रोड़ा  हरियाणा विधानसभा चुनाव (Haryana Assembly Elections) में भाजपा को विपक्ष से ज्यादा मुश्किल अपने ही बागी नेताओं से हो रही है। भाजपा इन बागी नेताओं को मनाने की पूरी कोशिश कर रही है, लेकिन ये अब पीछे हटने को तैयार नहीं हैं। पृथला सीट से चुनावी मैदान में उतरे दीपक डार को मनाने की काफी कोशिश हुई, लेकिन दीपक पीछे नहीं हटे। यही हाल हथीन और फरीदाबाद सीट पर भी है। हथीन से जहां बागी केहर सिंह रावत चुनावी मैदान में उतर चुकी हैं, वहीं फरीदाबाद सीट से नागेंद्र भड़ाना चुनाव लड़ने पर अड़े हैं।  बागियों को मनाने की है भाजपा की कोशिश भाजपा के इन सभी नेताओं ने टिकट की दावेदारी की थी और चुनाव प्रचार भी कर रहे थे, लेकिन टिकट नहीं मिला। जिससे नाराज होकर निर्दलीय ही चुनावी मैदान में उतर गए। हालांकि कई ऐसे नेता भी हैं, जिनके तेवर अब ढीले पड़ चुके हैं। इन नेताओं में पूर्व मंत्री कर्णदेव कंबोज और करनाल की पूर्व मेयर रेनू बाला गुप्ता प्रमुख हैं। इन दोनों ने भाजपा के आलाकमान से बात करने के बाद भाजपा के साथ बने रहने का फैसला किया। भाजपा की कोशिश है की जल्द से जल्द कुछ और बागियों को मना लिया जाए। #PoliticalDrama #AssemblyElections #HaryanaPolitics #BJPChallenges #ElectionUpdates #PoliticalRebels #SeatTensions

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