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Cost of Manu Bhaker’s pistol: क्या सच में करोड़ों की है मनु भाकर की पिस्तौल? जानिए हैरान करने वाली पूरी सच्चाई

मनु भाकर भारत की सबसे चर्चित खिलाड़ियों में से एक हैं। पेरिस ओलंपिक 2024 में उन्होंने कमाल कर दिया। वह एक ही ओलंपिक में दो मेडल जीतने वाली पहली भारतीय एथलीट बन गईं। यह बड़ी उपलब्धि है जिसने उन्हें रातोंरात स्टार बना दिया। लेकिन इस सफलता के साथ कुछ अजीब अफवाहें भी फैलीं। इनमें से एक अफवाह मनु भाकर की पिस्तौल की कीमत को लेकर थी। इसे भी पढ़ें: Chess Olympiad में जीत से ज्यादा यादगार रहा वह पल जब तिरंगा थामा पाकिस्तानी खिलाड़ियों ने! अफवाहों का जाल मनु के मेडल जीतने के बाद कुछ लोगों ने कहना शुरू कर दिया कि उनकी पिस्तौल बहुत महंगी है। कुछ ने तो यहां तक कह दिया कि मनु भाकर की पिस्तौल की कीमत करोड़ों रुपए है। ये बातें तेजी से फैलने लगीं। लोग सोचने लगे कि शायद शूटिंग एक बहुत महंगा खेल है जिसमें गरीब लोग हिस्सा नहीं ले सकते। सच्चाई का खुलासा इन अफवाहों को सुनकर मनु भाकर हैरान रह गईं। उन्होंने फैसला किया कि वह खुद इस बारे में सच बताएंगी। मनु ने बताया कि उनकी एयर पिस्तौल की कीमत 1.5 लाख से 1.85 लाख रुपए के बीच है। यह कीमत पिस्तौल के मॉडल पर निर्भर करती है। उन्होंने यह भी बताया कि मनु भाकर की पिस्तौल की कीमत (Cost of Manu Bhaker’s pistol) इस बात पर भी निर्भर करती है कि आप नई पिस्तौल ले रहे हैं या पुरानी। पिस्तौल की कीमत के पीछे की सच्चाई मनु ने समझाया कि पिस्तौल की कीमत कई बातों पर निर्भर करती है: इन सभी बातों से पिस्तौल की कीमत अलग-अलग हो सकती है। लेकिन कोई भी पिस्तौल करोड़ों की नहीं होती। प्रोफेशनल शूटर्स को मिलने वाली मदद मनु ने एक और दिलचस्प बात बताई। उन्होंने कहा कि जब कोई शूटर एक खास लेवल तक पहुंच जाता है तो कंपनियां उन्हें मुफ्त में पिस्तौल देने लगती हैं। यह इसलिए होता है क्योंकि कंपनियां चाहती हैं कि अच्छे खिलाड़ी उनकी पिस्तौल का इस्तेमाल करें। इससे उनकी पिस्तौल की अच्छी पब्लिसिटी हो जाती है। मनु और ट्रोलिंग का सामना मेडल जीतने के बाद मनु को कुछ लोगों ने ट्रोल भी किया। कुछ लोगों को लगा कि वह अपने मेडल को लेकर बहुत ज्यादा शो-ऑफ कर रही हैं। मनु हर इवेंट में अपने दोनों ब्रॉन्ज मेडल के साथ नजर आती थीं। लेकिन मनु ने इन ट्रोलर्स को करारा जवाब दिया। मनु का जवाब मनु ने अपने सोशल मीडिया पर लिखा कि पेरिस 2024 ओलंपिक में उन्होंने जो दो कांस्य पदक जीते हैं वे भारत के हैं। जब भी उन्हें किसी कार्यक्रम में बुलाया जाता है और मेडल दिखाने को कहा जाता है तो वह गर्व से दिखाती हैं। उन्होंने कहा कि यह उनकी खूबसूरत यात्रा को सबके साथ बांटने का उनका तरीका है। इस तरह मनु भाकर ने न सिर्फ अपनी पिस्तौल की कीमत के बारे में फैली अफवाहों को दूर किया बल्कि अपने ट्रोलर्स को भी अच्छा जवाब दिया। उन्होंने साबित कर दिया कि वह सिर्फ अच्छी शूटर ही नहीं बल्कि एक समझदार इंसान भी हैं जो अपने देश के लिए गर्व महसूस करती हैं। #IndianShooting #PistolPrice #AthleteGear #SportingEquipment #ShootingNews #WomenInSports #ManuBhakerPistol  #ManuBhakerPistol #OlympicChampion #ShootingSport #IndianAthlete #SportsControversy

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Haryana Assembly Elections 2024: हरियाणा में कांग्रेस के लिए फिर ‘विभीषण’ बनी आप पार्टी? BJP को मिल रहा जीत का एक और मौका!

हरियाणा विधानसभा चुनाव 2024 (Haryana Assembly Elections 2024) के मतदान की तारीखें जैसे-जैसे नजदीक आ रही हैं, मतदाताओं को रिझाने के लिए राजनीतिक पार्टियां अपना पूरा जोर लगा रही हैं। हरियाणा में वैसे तो मुख्य चुनावी लड़ाई भाजपा और कांग्रेस के बीच है, लेकिन आम आदमी पार्टी (AAP) ने बीच में एंट्री लेकर कांग्रेस का सारा समीकरण बिगाड़ दिया है। आप पार्टी अब चुनाव जीतने के लिए जितना जोर लगा रही है, कांग्रेस को उतना ही नुकसान उठाना पड़ रहा है।   आप पार्टी अब कांग्रेस के लिए ‘विभीषण’ रही है बन       दरअसल, चुनाव की तारीखों के ऐलान से पहले माना जा रहा था कि, प्रदेश में भाजपा सरकार के खिलाफ सत्ता-विरोधी लहर है। जिसका सीधा लाभ कांग्रेस को मिल रहा और कांग्रेस राज्य की सत्ता में 10 साल बाद वापसी कर सकती है। सोने पर सुहागा यह था कि कांग्रेस और आप पार्टी गठबंधन में चुनाव लड़ने की तैयारी कर रही थी, लेकिन यह गठबंधन नहीं बन पाया और अरविंद केजरीवाल की ‘आप’ पार्टी अकेले ही चुनावी मैदान में कूद पड़ी। यही आप पार्टी अब कांग्रेस के लिए ‘विभीषण’ बन चुनावी मुसीबत खड़ी कर रही है।  चुनाव में आप पार्टी की मजबूती कांग्रेस के लिए नुकसानदायक  अगर बीते कुछ विधानसभा चुनावों पर नजर डालें, तो इसके साफ संकेत मिलते हैं कि हरियाणा में आप पार्टी की एंट्री कांग्रेस को बड़ी परेशानी में डाल सकती है। इससे पहले दिल्ली से लेकर उत्तराखंड, गोवा, मध्य प्रदेश, पंजाब, छत्तीसगढ़ और राजस्थान के विधानसभा चुनावों में भी आप पार्टी कांग्रेस को भारी नुकसान पहुंचा चुकी है। इन राज्यों के चुनावी नतीजों से कांग्रेस को पता चल चुका है कि, जिस भी राज्य के चुनाव में वह पहली या दूसरी सबसे बड़ी पार्टी रही है, वहां पर आप की एंट्री उसका खेल बिगाड़ दिया है।  मतों के बंटवारे से होगा बीजेपी को फायदा   वहीं, लोकसभा चुनाव के दौरान जब कांग्रेस और आप पार्टी ने मिलकर भाजपा के खिलाफ चुनाव लड़ा, तो भाजपा को इसका भारी नुकसान उठाना पड़ा। इसीलिए, कांग्रेस ने हरियाणा विधानसभा चुनाव में आप के साथ गठबंधन करने की पूरी कोशिश की, लेकिन आप पार्टी की भारी डिमांड और कांग्रेस के लोकल नेताओं के विरोध के कारण यह गठबंधन नहीं हो पाया। ऐसे में हरियाणा के अंदर भी दोनों के बीच मतों का बंटवारा भाजपा को बड़ा फायदा देने वाला लग रहा है। भाजपा भी इस बात को मानती है और इसीलिए, वो सिर्फ कांग्रेस पर अटैक कर अंदरखाने आप को प्रमोट कर रही। क्योंकि भाजपा को पता है कि, आप पार्टी राज्य में जितनी मजबूत होगी, कांग्रेस को उतना ही नुकसान होगा।  #HaryanaAssemblyElections2024 #HaryanaElections #Elections 2024 #bjp #politics #elections #uttarpradesh #election #india #congress #vote #indianpolitics #barnegatlight #electioncommissionofindia #indianelections #news #legislativeassembly #vidhansabha #uppolls #narendramodi #rahulgandhi #bihar

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Three Gorges Dam: चीन की इस हरकत के बाद अब एक मिनट रह जाएगा मात्र 59 सेकंड का

क्या कोई धरती की घूमती रफ़्तार को प्रभावित कर सकता है, या फिर कम कर सकता है? शायद यह बात बचकानी लगे। लेकिन नासा के वैज्ञानिकों की माने, तो यह मुमकिन है। दरअसल, नासा के वैज्ञानिकों के अनुसार चीन के हुबेई प्रांत में यांग्त्जी नदी पर बने ‘थ्री गॉर्जेस डैम’ (Three Gorges Dam) नाम के इस बांध के कारण धरती के घूमने पर असर पड़ रहा है। गौरतलब हो कि दो दशक से अधिक समय के बाद साल 2012 में बनकर तैयार हुआ चीन का यह बांध दुनिया का सबसे बड़ा बांध है। यह बांध 7660 फीट लंबा और 607 फीट ऊंचा है। यहां न सिर्फ बड़े पैमाने पर बिजली पैदा होती है बल्कि यह अपनी उत्कृष्ट इंजीनियरिंग के लिए भी दुनिया भर में मशहूर है।  थ्री गॉर्जेस डैम (Three Gorges Dam) लगातार विवादों में रहा है खैर, तमाम तरह की खूबियों के बावजूद थ्री गॉर्जेस डैम (Three Gorges Dam) लगातार विवादों में रहा है। इस बांध का न सिर्फ पर्यावरण पर असर पड़ा है बल्कि सामाजिक रूप से भी यह परेशानी का सबब बना हुआ है। इस बांध के बनने के चलते 632 वर्ग किलोमीटर जमीन बाढ़ की चपेट में आ गई। बता दें कि थ्री गॉर्जेस बांध की क्षमता 40 क्यूबिक किलोमीटर पानी स्टोर करने की है। जिस कारण 22,500 मेगावाट बिजली पैदा हो सकती है। अच्छी बात यह कि इससे लाखों लोगों की बिजली की जरूरत पूरी होती है। यह तो ठीक, लेकिन अब अहम सवाल यह कि यह भला धरती की रफ़्तार को कैसे प्रभावित कर रहा है। यह जड़त्व के क्षण के सिद्धांत पर काम करता है  दरअसल, साल 2005 में नासा की एक पोस्ट में यह विषय सबसे पहले सामने आया था। नासा के गोडार्ड स्पेस फ्लाइट सेंटर के जियोफिजिसिस्ट डॉ. बेंजामिन फोंग चाओ के अनुसार, “थ्री गॉर्जेस डैम (Three Gorges Dam)” के विशाल जलाशय में पृथ्वी के द्रव्यमान के वितरण को स्थानांतरित करने हेतु पर्याप्त मात्रा में पानी है। यह जड़त्व के क्षण के सिद्धांत पर काम करता है। इसके अनुसार यह नियंत्रित करता है कि द्रव्यमान का वितरण किसी वस्तु की घूर्णन गति को कैसे प्रभावित करता है। जलाशय एक दिन की लंबाई को लगभग 0.06 माइक्रोसेकंड तक सकता है बढ़ा  जियोफिजिसिस्ट डॉ. बेंजामिन फोंग चाओ  ने कैलकुलेट किया कि “थ्री गॉर्जेस डैम (Three Gorges Dam) का जलाशय एक दिन की लंबाई को लगभग 0.06 माइक्रोसेकंड तक बढ़ा सकता है। धरती के घुमाव को धीमा करने के साथ-साथ यह बांध ग्रह के प्लैनेट की स्थिति को करीब 2 सेंटीमीटर (0.8 इंच) तक स्थानांतरित भी कर सकता है।” उनकी माने तो यह बहुत अधिक नहीं है, लेकिन इंसान की बनाई संरचना हेतु काफी महत्वपूर्ण है।  क्या सच में धरती के घूमने पर असर पड़ सकता है? दरअसल, नासा के वैज्ञानिकों ने काफी पहले इस दिशा में शोध किया था। नासा के शोध के मुताबिक भूकंपों की वजह से धरती का घुमाव प्रभावित हो सकता है। नासा के शोध के मुताबिक साल 2004 में ऐसा हुआ भी था, जब हिंद महासागर में बड़े पैमाने पर भूकंप और सुनामी आई। इस विनाशकारी घटना के चलते बड़े पैमाने पर टेक्टोनिक प्लेट्स पर असर पड़ा था और एक दिन की लंबाई को 2.68 माइक्रोसेकंड तक कम हो गई थी। हालांकि इसके मुकाबले थ्री गॉर्जेस डैम (Three Gorges Dam) का प्रभाव बहुत कम है।  धरती के घूमने की रफ्तार का समय पर पड़ेगा क्या असर अब सबसे बड़ा सवाल है कि यदि धरती के घूमने की रफ्तार धीमी हुई, तो क्या इसका असर समय पर पड़ेगा? अब ऐसे में वैज्ञानिकों की माने तो आम इंसानी जिंदगी पर इससे बहुत फर्क नहीं पड़ेगा। लेकिन एटॉमिक्स क्लॉक्स जैसे वैज्ञानिक यंत्रों को फिर से सेट करने की जरूरत पड़ सकती है। यही नहीं दिन छोटा होने से  सैटेलाइट, जीपीएस और फाइनेंशियल ट्रांजैक्शंस पर भी असर पड़ सकता है। तो वहीं, कुछ वैज्ञानिकों का कहना है कि “शायद कुछ दशक के बाद एक मिनट मात्र 59 सेकंड का ही रह जाए। #ChinaTimeChange #TimeZoneImpact #GlobalTimeShift #ChinaNews #InternationalRelations #TimeManagement

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Congress Unity Rally

Congress Unity Rally: हरियाणा में कांग्रेस का बड़ा दांव! क्या इस एक रैली से बदल जाएगा पूरा चुनाव?

हरियाणा में चुनाव का बिगुल बज चुका है। हर पार्टी अपनी ताकत दिखाने में लगी है। इस बीच कांग्रेस पार्टी एक बड़ा कदम उठाने जा रही है। आज यानी गुरुवार को राहुल गांधी हरियाणा में दो बड़ी रैलियां करेंगे। इन रैलियों में कांग्रेस के सभी बड़े नेता एक साथ नजर आएंगे। ये कांग्रेस की एकजुटता रैली (Congress unity rally) पार्टी के लिए बहुत जरूरी है। राहुल गांधी की दो अहम रैलियां राहुल गांधी आज हरियाणा में दो जगह रैली करेंगे। पहली रैली करनाल के असंध में होगी। यहां कांग्रेस ने शमशेर गोगी को टिकट दिया है। गोगी कुमारी शैलजा के करीबी माने जाते हैं। दूसरी रैली हिसार के बरवाला में होगी। यहां से राम निवास घोड़ेला कांग्रेस के उम्मीदवार हैं। घोड़ेला को भूपेंद्र हुड्डा का साथी माना जाता है। इन दोनों रैलियों में कांग्रेस के सभी बड़े नेता एक साथ दिखेंगे। कांग्रेस की एकजुटता रैली (Congress unity rally) का मकसद पिछले कुछ दिनों से कांग्रेस पार्टी में अंदरूनी कलह की खबरें आ रही थीं। कुमारी शैलजा टिकट बंटवारे से नाराज थीं। इस वजह से वो पिछले 13 दिनों से चुनाव प्रचार से दूर थीं। लेकिन अब पार्टी ये दिखाना चाहती है कि सब कुछ ठीक है। इसलिए ये कांग्रेस की एकजुटता रैली (Congress unity rally) बहुत अहम है। इस रैली में कुमारी शैलजा भूपेंद्र हुड्डा और रणदीप सुरजेवाला जैसे नेता एक साथ नजर आएंगे। कांग्रेस के लिए शैलजा की अहमियत कुमारी शैलजा हरियाणा में कांग्रेस का सबसे बड़ा दलित चेहरा हैं। हरियाणा में करीब 20 फीसदी दलित वोटर हैं। इसलिए शैलजा का प्रचार में शामिल होना कांग्रेस के लिए बहुत जरूरी है। हरियाणा में 17 सीटें दलित वोटरों के लिए आरक्षित हैं। लेकिन 35 से 37 सीटों पर दलित वोटरों का असर माना जाता है। इसलिए शैलजा की नाराजगी कांग्रेस को भारी पड़ सकती थी। बीजेपी से पिछड़ने का डर जहां कांग्रेस अंदरूनी कलह से जूझ रही थी वहीं बीजेपी पूरी ताकत से चुनाव प्रचार कर रही है। प्रधानमंत्री मोदी अब तक हरियाणा में दो रैलियां कर चुके हैं। कांग्रेस को डर था कि कहीं ये अंदरूनी कलह उसे चुनाव में भारी न पड़ जाए। इसलिए पार्टी ने सभी नेताओं को एक साथ लाने का फैसला किया। चुनाव प्रचार का आखिरी दौर हरियाणा में चुनाव प्रचार खत्म होने में अब सिर्फ 8 दिन बचे हैं। ऐसे में हर पार्टी अपनी पूरी ताकत झोंक रही है। कांग्रेस भी अब अपने सभी बड़े नेताओं को मैदान में उतार रही है। राहुल गांधी की रैली में सभी नेताओं का एक साथ आना इसी रणनीति का हिस्सा है। पार्टी ये संदेश देना चाहती है कि उसमें कोई मतभेद नहीं है और सभी नेता एकजुट होकर चुनाव लड़ रहे हैं। कांग्रेस को चुनाव में मिल सकता है बड़ा फायदा  इस तरह कांग्रेस की एकजुटता रैली (Congress unity rally) पार्टी के लिए एक बड़ा मौका है। अगर ये रैली सफल रही तो कांग्रेस को चुनाव में बड़ा फायदा मिल सकता है। अब देखना ये होगा कि क्या ये एकजुटता सिर्फ दिखावा है या फिर असल में पार्टी में सब कुछ ठीक हो गया है। #ElectionStrategy2024 #HaryanaPolitics #CongressVsBJP #HaryanaCongress #2024Elections #PoliticalChangeHaryana #CongressComeback

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लालू

जीतनराम मांझी ने लालू फैमिली के डिग्री और जाति पर बोला हमला, कही यह बड़ी बात 

बिहार में विधानसभा चुनाव अगले साल होनी है, लेकिन उससे पहले ही राज्य की राजनीति में जाति और डिग्री को लेकर भूचाल आ गया है। हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा के अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री जीतनराम मांझी ने बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव की जाति पर सवाल उठाते हुए हमला बोला है। मंत्री जीतनराम मांझी ने कहा, लालू यादव, यादव नहीं हैं। मांझी के इस बयान पर लालू यादव ने उसी अंदाज में जवाब देते हुए पूछा, मांझी मुसहर हैं क्या?  लालू यादव नहीं, गड़ेरिया हैं बता दें कि, इस समय जीतनराम मांझी जारजेडी पर लगातार हमलावर हैं। इसी क्रम को आगे बढ़ाते हुए मांझी ने कहा, हम तो पढ़े-लिखे हैं, लेकिन वो लोग (लालू यादव परिवार) पहले अपनी डिग्री बताएं। तेजस्वी हमें शर्मा कहते हैं तो पहले वो अपने पिताजी की जाति बताएं। उनके पिता जी किस जाति में जन्मे हुए हैं, वो तो गड़ेरिया जाति में जन्मे हुए हैं। ऐसे में लालू यादव नहीं, गड़ेरिया हैं।  झांसी ने लालू पर लगाया गुंडों को संरक्षण देने का आरोप   दरअसल, यह पूरा विवाद उस समय सामने आया, जब बीते दिन जितनराम मांझी ने सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हुए लिखा, आरजेडी के बदमाश हमारे घर और दरवाजे तोड़ सकते हैं, लेकिन हमारे हौसला नहीं तोड़ सकते। घर जलाने वाले लोगों के संरक्षक लालू पाल जी आप अपनी जाति छुपा सकते हैं, लेकिन हम नहीं। हम गर्व से कहते हैं- “हम मुसहर हैं”। इसके साथ ही मांझी ने चैलेंज भी किया कि, लालू जी में अगर हिम्मत है तो, वह कहकर दिखाएं कि हम पाल (गरेड़ी) हैं। पूरे बिहार में दलित और शोषित लोगों के जमीन पर किस पार्टी के समर्थकों कब्जा कर रहे, यह सबको पता है। आपने जनता को बहुत दबा लिया, अब करारा जवाब मिलेगा। मांझी के इस तंज पर आरजेडी चीफ लालू यादव ने सिर्फ इतना पूछा, वो मुसहर हैं क्या? तेजस्वी यादव ने बोला मांझी पर हमला मांझी और लालू के बीच शुरू हुए इस विवाद में अब पूर्व डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव भी कूद पड़े हैं। उन्होंने मांझी पर निशाना साधते हुए कहा, जीतनराम मांझी और उनके बेटे आरएसएस स्कूल से पढ़े हैं, इसलिए जो आरएसएस कहता है वही बोलते हैं। वो तो खुद केंद्रीय मंत्री हैं, तो सीएम से जाकर मिलें और कार्रवाई कराएं। जिसने भी आग लगाई है, उसको जेल भेजें।  #CastePolitics #YadavClan #PoliticalControversy #ManjhiVsLalu #BiharNews #ManjhiSpeaks #LaluVsManjhi

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surya grahan

सूर्य ग्रहण 2024: ग्रहण के दौरान इन 11 जरूरी बातों का रखें ध्यान

हिंदू धर्म में ग्रहण को एक विशेष खगोलीय घटना के साथ-साथ धार्मिक दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण माना जाता है। सूर्य ग्रहण का विशेष महत्व है, और इससे जुड़ी कई मान्यताएं और परंपराएं हैं जिन्हें ध्यान में रखना आवश्यक होता है। ग्रहण के दौरान कुछ नियमों का पालन करना हमारे स्वास्थ्य और धार्मिक मान्यताओं के अनुसार शुभ फलदायक माना जाता है। यहां सूर्य ग्रहण से जुड़ी 11 महत्वपूर्ण बातें दी जा रही हैं, जिनका पालन करने से आप ग्रहण के अशुभ प्रभाव से बच सकते हैं। 1. सूतक काल का महत्व सूर्य ग्रहण के आरंभ होने से 12 घंटे पहले से ही सूतक काल शुरू हो जाता है। इस समय को अशुभ माना जाता है, इसलिए इस दौरान किसी भी शुभ कार्य को करने से बचना चाहिए। मंदिरों के द्वार भी सूतक काल में बंद रहते हैं और पूजा-पाठ नहीं की जाती है। इस समय भोजन, जल ग्रहण करना और किसी भी तरह का धार्मिक अनुष्ठान वर्जित होता है। 2. ग्रहण के समय भोजन न करें सूतक और ग्रहण काल के दौरान भोजन करना वर्जित होता है। यह माना जाता है कि ग्रहण के समय भोजन में हानिकारक तत्व प्रवेश कर सकते हैं, जो स्वास्थ्य के लिए नुकसानदायक हो सकते हैं। ग्रहण से पहले पकाए गए भोजन में तुलसी के पत्ते डालने की परंपरा भी है, ताकि भोजन अशुद्ध न हो।  3. गर्भवती महिलाएं रहें सतर्क ग्रहण के दौरान गर्भवती महिलाओं को विशेष सतर्कता बरतनी चाहिए। उन्हें इस समय घर के अंदर ही रहना चाहिए और ग्रहण को सीधे नहीं देखना चाहिए। धार्मिक मान्यता के अनुसार, ग्रहण के प्रभाव से शिशु को हानि पहुंच सकती है, इसलिए गर्भवती महिलाओं को ग्रहण के समय नुकीली वस्तुओं का प्रयोग करने और बाहर जाने से बचना चाहिए।  4. ग्रहण को नंगी आंखों से न देखें सूर्य ग्रहण को नंगी आंखों से देखने से बचना चाहिए, क्योंकि यह आपकी आंखों के लिए हानिकारक हो सकता है। यदि आप ग्रहण देखना चाहते हैं, तो केवल विशेषज्ञों द्वारा अनुशंसित विशेष चश्मों या उपकरणों का ही उपयोग करें। इससे आपकी आंखें सुरक्षित रहेंगी और ग्रहण का आनंद भी ले पाएंगे। 5. ग्रहण के समय स्नान करना शुभ ग्रहण समाप्त होने के बाद स्नान करने की परंपरा है। यह शारीरिक और मानसिक शुद्धिकरण के लिए आवश्यक माना जाता है। ग्रहण समाप्त होते ही गंगाजल से स्नान करना शुभ माना जाता है। अगर गंगाजल उपलब्ध न हो, तो स्नान के पानी में गंगाजल की कुछ बूंदें डालकर स्नान किया जा सकता है। 6. मंत्र जाप का महत्व ग्रहण के दौरान मंत्रों का जाप करने का विशेष महत्व है। यह माना जाता है कि ग्रहण के समय किया गया मंत्र जाप कई गुना फलदायक होता है। इस समय भगवान शिव, विष्णु, या सूर्य देव के मंत्रों का जाप करना अत्यंत शुभ माना जाता है। इससे ग्रहण के अशुभ प्रभावों से बचाव होता है और सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह होता है। 7. पूजा-पाठ से बचें सूतक काल और ग्रहण के समय में किसी भी तरह की पूजा-पाठ, धार्मिक अनुष्ठान या मूर्ति स्पर्श वर्जित होता है। इस समय केवल मंत्र जाप करना ही उचित माना जाता है। ग्रहण के बाद मंदिरों और पूजा स्थलों की सफाई और शुद्धिकरण करके ही पूजा-पाठ पुनः शुरू किया जा सकता है। 8. ग्रहण के दौरान पानी पीने से बचें सूतक और ग्रहण के समय पानी पीना वर्जित होता है। ऐसा माना जाता है कि ग्रहण के दौरान जल भी दूषित हो जाता है, इसलिए इस समय पानी का सेवन नहीं करना चाहिए। ग्रहण से पहले पानी में तुलसी के पत्ते डाल देने से इसे शुद्ध किया जा सकता है।  9. खुली हवा में सोने से बचें ग्रहण के समय खुली हवा में सोने से बचना चाहिए। ऐसा कहा जाता है कि ग्रहण के दौरान बाहर सोना अशुभ हो सकता है और इससे शरीर पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। इस दौरान घर के अंदर ही रहें और ग्रहण समाप्त होने के बाद ही बाहर निकलें।  10. दान का विशेष महत्व सूर्य ग्रहण के बाद दान का विशेष महत्व होता है। इस समय किए गए दान का पुण्य कई गुना बढ़ जाता है। भोजन, वस्त्र, धन और अनाज का दान करना ग्रहण के अशुभ प्रभावों को दूर करने का एक महत्वपूर्ण उपाय माना जाता है।  11. ग्रहण के बाद घर की सफाई करें ग्रहण समाप्त होने के बाद घर की साफ-सफाई और शुद्धिकरण किया जाना चाहिए। ऐसा करने से घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और ग्रहण का नकारात्मक प्रभाव समाप्त हो जाता है। घर के हर कोने में गंगाजल का छिड़काव करना शुभ माना जाता है। #SolarEclipse2024 #Suryagrahan #HinduRituals #EclipseSafety #SpiritualBeliefs #HealthPrecautions #Astrology #Grahans #Rituals #Mythology #EclipseGuidelines #PositiveEnergy

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Keto Friendly Oils for Weight Loss: यह 4 कीटो फ्रेंडली ऑयल्स वजन कम करने में कर सकते हैं आपकी मदद

कीटो डायट उस डायट को कहा जाता है, जिसका उद्देश्य केटोसिस नामक मेटाबोलिक प्रोसेस को प्रेरित करना है। इस डायट में बहुत कम मात्रा में कार्बोहाइड्रेट का सेवन करना होता है। कीटो डायट का पालन करते समय, एनर्जी के लिए कार्ब्स को वसा से बदल दिया जाता है, जिसका लक्ष्य बॉडी की फैट बर्निंग प्रोसेस को बढ़ावा देना है। कीटो डायट को केवल किसी एक्सपर्ट की देखरेख में ही करने की सलाह दी जाती है। क्योंकि, इसमें किन खाद्य-पदार्थों का सेवन करना चाहिए और उन्हें कितनी मात्रा में लेना चाहिए, इसकी जानकारी होना जरूरी है। वजन कम करने के लिए कुछ कीटो फ्रेंडली तेल भी हैं, जो फायदेमंद साबित हो सकते हैं। आइए जानें वजन कम करने के लिए कीटो फ्रेंडली ऑयल्स (Keto Friendly Oils for Weight Loss) के बारे में।  वजन कम करने के लिए कीटो फ्रेंडली ऑयल्स (Keto Friendly Oils for Weight Loss) हेल्थलाइन (Healthline) के अनुसार कीटो एक कम कार्ब और हाई फैट वाला आहार है, लेकिन कभी-कभी “हाई फैट” वाला हिस्सा एक चुनौती हो सकता है, खासकर यदि आप कीटो डायट के लिए नए हैं और इतनी अधिक फैट खाने के आदी नहीं हैं। आइए जानते हैं वजन कम करने के लिए कीटो फ्रेंडली ऑयल्स (Keto Friendly Oils for Weight Loss) के बारे में।  नारियल का तेल वजन कम करने के लिए कीटो फ्रेंडली ऑयल्स (Keto Friendly Oils for Weight Loss)  में सबसे पहला नाम है नारियल के तेल का। कीटो डायट में इस तेल को प्राथमिकता दी जाती है, क्योंकि इसमें मीडियम-चेन-ट्राइग्लिसराइड्स होते हैं। यह तेल तेजी से कीटोन्स में परिवर्तित हो जाता हैं, जिससे ऊर्जा का फास्ट सोर्स मिलता है। कुकिंग और बेकिंग के लिए भी इसे अच्छा माना जाता है। यह फैट बर्न करता है, जिससे वजन कम होने में मदद मिलती है। ओलिव ऑयल  एक्स्ट्रा वर्जिन ओलिव ऑयल में मोनोसेचुरेटेड फैट्स और एंटीऑक्सीडेंट्स भरपूर मात्रा में होते हैं, जिससे इसका इस्तेमाल सलाद, ड्रेसिंग और हल्दी कुकिंग में करना अच्छा माना गया है। हार्ट हेल्थ को सपोर्ट करने और सूजन को कम करने में भी यह ऑयल फयदेमंद है। ओलिव ऑयल में हेल्दी फैट्स की उच्च मात्रा से कोलेस्ट्रॉल लेवल भी सही रहता है। वजन कम करने के लिए कीटो डायट में इसका इस्तेमाल करना फायदेमंद माना गया है। घी  वजन कम करने के लिए कीटो फ्रेंडली ऑयल्स (Keto Friendly Oils for Weight Loss) में घी का नाम भी शामिल है। घी क्लेरिफाइड बटर है। यह लैक्टोज फ्री होता है, जो इसे डेयरी सेंसिटिव लोगों के लिए उपयुक्त बनाता है। यह हेल्दी फैट्स और ए, डी, और ई जैसे वसा में घुलनशील विटामिन से भरपूर होता है। घी सभी व्यंजनों का स्वाद बढ़ाता है और वजन कम करने में मददगार है। एवोकाडो ऑयल एवोकाडो ऑयल एक और कीटो फ्रेंडली ऑप्शन है, इसमें हार्ट-हेल्दी मोनोसेचुरेटेड फैट्स होते हैं। हाई स्मोक पॉइंट के कारण यह तलने और रोस्टिंग के लिए बेहतरीन है। वजन कम करने में फायदेमंद होने के अलावा इसके कई अन्य शारीरिक लाभ भी हैं। एवोकाडो ऑयल के अलावा वजन कम करने के लिए कीटो फ्रेंडली ऑयल्स (Keto Friendly Oils for Weight Loss) में बटर को भी शामिल किया जा सकता है। Sources : https://www.healthline.com/nutrition/keto-oils  https://www.aboutoliveoil.org/keto-diet-and-olive-oil#:~:text=Adherents%20to%20the%20keto%20diet,lard%20as%20their%20primary%20fats #KetoDiet #LowCarbLiving #KetoOils #WeightLossTips #HealthyLiving #FatBurningFoods #KetoLife

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Foods for weight gain

Foods for weight gain; वजन बढ़ाना है तो अपने आहार में शामिल करें इन 5 फूड्स को

अपने वजन को सही और संतुलित रखना बहुत जरूरी है। अक्सर लोग अधिक वजन को ही समस्या मानते हैं और इसे कम करने के लिए कई उपाय करते हैं। लेकिन, वजन कम होना भी एक परेशानी है। अगर किसी व्यक्ति का वजन कम है, तो उन्हें अपना वजन बढ़ाने के लिए पूरे दिन में जितनी कैलोरीज खर्च होती हैं, उससे अधिक कैलोरी का सेवन करना चाहिए। अपने आहार में कुछ खास फूड्स को शामिल करने से आपको अतिरिक्त कैलोरीज और न्यूट्रिएंट्स मिल सकते हैं। जिससे सुरक्षित और प्रभावी तरीके से वजन बढ़ सकता है। यानी, कुछ फूड्स वजन बढ़ाने में मददगार हो सकते हैं। आइए जानें वजन बढ़ाने वाले फूड्स (Foods for weight gain) के बारे में विस्तार से।  वजन बढ़ाने वाले फूड्स कौन से हैं? मायोक्लिनिक (Mayoclinic) के अनुसार अधिक कैलोरी वाले पौष्टिक खाद्य पदार्थों का सेवन वजन बढ़ाने का एक अच्छा तरीका है। लेकिन, यह समझना भी महत्वपूर्ण है कि कम वजन का कारण क्या है? वजन के कम होने के कुछ अन्य कारण भी हो सकते हैं जैसे कोई बीमारी। इसलिए, इस बारे में आप अपने डॉक्टर से बात करना न भूलें। वजन बढ़ाने वाले फूड्स इस प्रकार हैं:  प्रोटीन स्मूदीज घर पर बनी प्रोटी स्मूदीज में न्यूट्रिएंट्स बहुत अधिक होते हैं और वजन बढ़ाने का यह प्रभावी तरीका है। खुद स्मूदीज बनाने से आप अपनी मर्जी के इंग्रीडिएंट्स उसमें ड़ाल सकते हैं,जिससे कैलोरीज को बूस्ट करने में मदद मिलती है। इसके साथ ही प्रोटीन सप्लीमेंट्स भी वजन बढ़ाने वाले फूड्स (Foods for weight gain) में से एक हैं। मेवे  मेवों को मसल बिल्डिंग के लिए बहुत फायदेमंद माना जाता है। यह हेल्दी फैट्स और एनर्जी से भरपूर होते हैं। इसके साथ ही मेवों में विटामिन्स और मिनरल्स होते हैं। यही नहीं, मेवों में इलेक्ट्रोलाइट्स भी होते हैं जो हाइड्रेशन और एक्सरसाइज परफॉर्मन्स के लिए अच्छे माने जाते हैं। वजन बढ़ाने वाले फूड्स (Foods for weight gain) में मेवों को स्मूदीज, मील्स आदि में शामिल किया जा सकता है। ओट्स ओट्स में प्रोटीन, फाइबर और एनर्जी भरपूर मात्रा में होते हैं। वजन बढ़ाने के लिए सही भोजन के सेवन के साथ फाइबर के सेवन के प्रति भी सचेत रहना चाहिए, ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि आपका पाचन ठीक से काम कर रहा है या नहीं। ओट्स को आप प्रोटीन पाउडर और मेवों के साथ खाएंगे तो और भी बेहतर होगा।  चावल और क्विनोआ कार्बोहाइड्रेट्स शरीर की एनर्जी का प्राइमरी सोर्स है। चावल और क्विनोआ फाइबर और अन्य विटामिन और मिनरल्स के भी अच्छे स्रोत हैं। क्विनोआ भी प्रोटीन का एक अच्छा स्रोत है और इसमें चावल की तुलना में बेहतर न्यूट्रिएंट्स होते हैं। वजन बढ़ाने वाले फूड्स (Foods for weight gain) में चावल और क्विनोआ को शामिल करना न भूलें। मछली मछलियां जैसे सल्मोन और ऑयली फिश भी एनर्जी और प्रोटीन से भरपूर होती हैं। इसके साथ ही इनमें हेल्दी फैट्स भी होते हैं। इनमें अनहेल्दी फैट्स बहुत कम मात्रा में होते हैं। यह महत्वपूर्ण है क्योंकि कई अन्य एनिमल प्रोटीन सोर्स में अनहेल्दी फैट्स भरपूर मात्रा में होते हैं और हेल्दी फैट्स की मात्रा कम होती है। #GainWeightHealthy #HighCalorieFoods #NutritionForWeight #HealthyEating #WeightGainJourney #FitnessNutrition #HealthyFats

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चक्रवाती तूफान मचा रहा तबाही: मुंबई-दिल्ली समेत 10 राज्यों में आज आंधी के साथ भारी बारिश का अलर्ट

मानसून सीजन अब विदाई ले रहा है, लेकिन जाते-जाते यह देश भर में भारी तबाही मचा रहा है। मुंबई में बीते दिन करीब 7 घंटे तक हुई मूसलाधार बारिश ने लोगों को बेहाल कर दिया। मौसम विभाग (IMD) ने आज भी मुंबई और दिल्ली समेत देश के 10 राज्यों में तेज हवाओं के साथ भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है। बंगाल की खाड़ी में बने साइक्लोनिक सर्कुलेशन का असर देश के कई हिस्सों में पड़ रहा है और इसकी वजह से चक्रवाती तूफान कहर बरपा रहा है।  मुंबई के अलग-अलग जगहों पर तेज हवाओं के साथ भारी हो सकती है बारिश  मौसम विभाग के अनुसार, इस समय पश्चिमी विक्षोभ एक्टिव है। जिसकी वजह से आज दिल्ली समेत कई राज्यों में आंधी-तूफान के साथ मूसलाधार बारिश हो सकती है। मौसम विभाग ने आज के लिए भी मुंबई में रेड अलर्ट जारी किया है। आज मुंबई के अलग-अलग जगहों पर तेज हवाओं के साथ भारी बारिश हो सकती है। साथ में बिजली गिरने की भी संभावना है। इस चेतावनी के साथ मौसम विभाग ने लोगों को घर के अंदर रहने की सलाह दी है।  उत्तर महाराष्ट्र में मूसलाधार बारिश का अलर्ट  बता दें कि, बंगाल की खाड़ी में इस समय निम्न दबाव वाला चक्रवात एक्टिव है। मानसून उत्तर महाराष्ट्र की तरफ से वापसी पर है, ऐसे में महाराष्ट्र में आद्रता का लेवल भी काफी बढ़ा हुआ है। मौसम विभाग के अनुसार, इसी वजह से आज और कल मुंबई समेत मराठवाड़ा रीजन के कुछ इलाकों में भारी बारिश होने की संभावना है। वहीं विदर्भ एरिया के इलाकों में भी गरज चमक के साथ मध्यम बारिश हो सकती है।  दिल्ली समेत इन राज्यों में भारी बारिश का अलर्ट जारी  मौसम विभाग के अनुसार, पश्चिमी विक्षोभ का असर दिल्ली के मौसम पर भी पड़ सकता है। जिसकी वजह से आज दिल्ली में भी 20 से 25 किलोमीटर प्रति घंटे की तेज रफ्तार हवाओं के साथ बारिश हो सकती है। मौसम विभाग ने महाराष्ट्र, गुजरात, गोवा, बिहार, असम, मेघायल, पश्चिम बंगाल, सिक्किम, अरुणाचल प्रदेश, पूर्वी उत्तर प्रदेश और कोंकण में भारी से बहुत भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है। वहीं, पश्चिम उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पश्चिम मध्य प्रदेश, मेघालय, नागालैंड, अरुणाचल प्रदेश, असम, मणिपुर, मिजोरम, त्रिपुरा, कर्नाटक, झारखंड और ओडिशा में भी भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है।  #StormWarning #MumbaiWeather #DelhiRain #Cyclone2024 #WeatherAlert #RainWarning #IndianMonsoon

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बेंगलुरु मर्डर केस: महालक्ष्मी के 59 टुकड़े करने वाले मुख्य संदिग्ध ने लगाई फांसी, सुसाइड नोट ने खोला सच

महालक्ष्मी की हत्या कर शव के 59 टुकड़े करने के सनसनीखेज मामले में नया मोड़ आ गया है। बेंगलुरु पुलिस जिसे इस हत्याकांड का मुख्य संदिग्ध मान तलाश कर रही थी, उसका शव ओडिशा में एक पेड़ से लटका मिला। शुरुआती जांच में बताया जा रहा है कि, उस संदिग्ध ने खुद फांसी लगा आत्महत्या की है। पुलिस को उसके पास से कथित तौर पर एक सुसाइ़ड नोट भी मिला है, जिसमें उसने महालक्ष्मी की हत्या की बात कबूल की है।  आरोपी मुक्ति रंजन रे घटना के बाद से ही फरार चल रहा था बेंगलुरु पुलिस ने घटना की जानकारी देते हुए बताया कि “ओडिश की धुसुरी पुलिस पुलिस ने सूचना दी थी कि, 30 साल के जिस मुख्य संदिग्ध मुक्ति रंजन रे की हमें तलाश है, उसका शव ओडिशा के भद्रक जिले के एक गांव में मिला है। आरोपी मुक्ति रंजन रे घटना के बाद से ही फरार चल रहा था। पुलिस के अनुसार, आरोपी पुलिस से छिपते हुए मंगलवार को अपने गांव पहुंचा था, लेकिन दूसरे दिन वह घर से निकल गया और उसका शव गांव के पास ही एक पेड़ से लटका मिला।  मुख्य संदिग्ध और मृतका के बीच था प्रेम प्रसंग  ओडिशा के एडिशनल डायरेक्टर जनरल ऑफ लॉ एंड ऑर्डर संजय कुमार ने बताया कि, आरोपी के शव के पास पुलिस को एक सुसाइड नोट भी मिला है। जिसमें आरोपी ने महालक्ष्मी की हत्या करने की बात कबूल की है। इस सुसाइड नोट के आधार पर अब बेंगलुरु पुलिस ने यह पुष्टि की है कि, उसी ने इस हत्याकांड को अंजाम दिया था। पुलिस अनुसार, आरोपी रंजन रे और महालक्ष्मी एक मॉल में साथ में काम करते थे और कथित तौर पर दोनों के बीच प्रेम प्रसंग था। इस दौरान महालक्ष्मी के किसी और से संबंध बन गए, जिससे रंजन रे काफी नाराज था।  घर के फ्रिज में मिले थे शव के टुकड़े महालक्ष्मी 1 सितंबर के बाद से लापता था। महालक्ष्मी की तलाश करते हुए उसकी मां और बड़ी बहन 21 सितंबर को उसके घर पहुंची। जहां पर महालक्ष्मी का शव फ्रिज में मिला। शव को 59 टुकड़ों में कटा गया था और उसमें कीड़े लगे हुए थे। बता दें की, नेपाली मूल की महालक्ष्मी का परिवार तीन दशक से बेंगलुरु में रह रहा है। महालक्ष्मी की शादी हो चुकी थी और एक बेटी भी है। वह अपने पति हेमंत दास से पिछले नौ महीनों से अलग रह रही थी।  #JusticeForMahalaxmi #BreakingNews #IndiaCrimeNews #CrimeInvestigation #TrueCrimeStory #BengaluruSuicide #HorrificMurder

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